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दिल्ली हिंसा पर ईरान के बयान का पाक ने किया स्वागत - विदेश मंत्री शाह

पाकिस्तान ने दिल्ली हिंसा पर ईरान के द्वारा दिए गए बयान का स्वागत किया है. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारतीय मुसलमानों की सुरक्षा और उनकी देखरेख पर अपने भाई जरीफ द्वारा जताई गई चिंता को वह पूरी तरह से साझा करते हैं.

विदेश मंत्री शाह
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Published : Mar 5, 2020, 12:02 AM IST

इस्लामाबाद : दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा पर दिए गए ईरान के बयान को पाकिस्तान ने हाथोंहाथ लेते हुए इसका स्वागत किया है. ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने दिल्ली में हुई हिंसा पर गहरी चिंता जताते हुए इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ संगठित हिंसा करार दिया था.

उन्होंने भारत सरकार से सभी भारतीयों और कानून के राज का ध्यान रखने और शांतिपूर्ण संवाद के जरिए मसलों को सुलझाने का आग्रह किया था.

बता दें कि भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि उसे अपने आंतरिक मामलों में दखल नामंजूर है. भारत ने साफ कर दिया था कि ईरानी विदेश मंत्री ने हिंसा को व्यापक रूप से देखने के बजाए जिस तरह से चयनात्मक तरीके से देखा है, वह उसे पूरी तरह से खारिज करता है.

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ईरान के बयान का स्वागत किया. उन्होंने कहा, भारतीय मुसलमानों की सुरक्षा और उनकी देखरेख पर अपने भाई जरीफ द्वारा जताई गई चिंता को पूरी तरह से साझा करता हूं. भारत गंभीर सांप्रदायिक हिंसा की गिरफ्त में है. वहां जो कुछ हो रहा है, वह पूरे इलाके की शांति व सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है.

पढ़ें : हांगकांग : महिला मरीज का पालतू कुत्ता कोरोना वायरस से संक्रमित

ईरान और भारत के संबंध ऐतिहासिक रूप से हमेशा से अच्छे रहे हैं, लेकिन हाल के समय में ईरान की तरफ से भारत के प्रति कुछ आलोचनात्मक बयान आए हैं. कश्मीर मुद्दे पर भी ईरान ने भारत के रुख का समर्थन नहीं किया और सर्वोच्च ईरानी धर्म गुरु अयातुल्ला अली खामनेई ने कश्मीर में दमन का आरोप लगाया था.

इस्लामाबाद : दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा पर दिए गए ईरान के बयान को पाकिस्तान ने हाथोंहाथ लेते हुए इसका स्वागत किया है. ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने दिल्ली में हुई हिंसा पर गहरी चिंता जताते हुए इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ संगठित हिंसा करार दिया था.

उन्होंने भारत सरकार से सभी भारतीयों और कानून के राज का ध्यान रखने और शांतिपूर्ण संवाद के जरिए मसलों को सुलझाने का आग्रह किया था.

बता दें कि भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि उसे अपने आंतरिक मामलों में दखल नामंजूर है. भारत ने साफ कर दिया था कि ईरानी विदेश मंत्री ने हिंसा को व्यापक रूप से देखने के बजाए जिस तरह से चयनात्मक तरीके से देखा है, वह उसे पूरी तरह से खारिज करता है.

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ईरान के बयान का स्वागत किया. उन्होंने कहा, भारतीय मुसलमानों की सुरक्षा और उनकी देखरेख पर अपने भाई जरीफ द्वारा जताई गई चिंता को पूरी तरह से साझा करता हूं. भारत गंभीर सांप्रदायिक हिंसा की गिरफ्त में है. वहां जो कुछ हो रहा है, वह पूरे इलाके की शांति व सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है.

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ईरान और भारत के संबंध ऐतिहासिक रूप से हमेशा से अच्छे रहे हैं, लेकिन हाल के समय में ईरान की तरफ से भारत के प्रति कुछ आलोचनात्मक बयान आए हैं. कश्मीर मुद्दे पर भी ईरान ने भारत के रुख का समर्थन नहीं किया और सर्वोच्च ईरानी धर्म गुरु अयातुल्ला अली खामनेई ने कश्मीर में दमन का आरोप लगाया था.

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