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CPEC परियोजनाओं पर चीन के साथ वार्ता करेंगे इमरान खान

इमरान खान मंगलवार को चीन की यात्रा पर रवाना होंगे. ये उनकी तीसरी यात्रा है. वहां वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा को लेकर होने जा रही है.

इमरान खान.
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Published : Oct 7, 2019, 2:14 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 3:14 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चीन की यात्रा करने वाले हैं. इस दौरान वे 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत पन बिजली, तेल रिफाइनरी और इस्पात मिलों के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं पर चीन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करेगा. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी मिली है.

प्रधानमंत्री खान चीन की दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को बीजिंग पहुंचेंगे. इस दौरान खान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. साथ ही क्षेत्रीय और द्विपक्षीय महत्व के मामलों पर चर्चा करेंगे.

खान उन अधिकतर सीपीईसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए शीर्ष चीनी नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे, जो सरकार के सामने मौजूद वित्तीय संकट और भ्रष्टाचार रोधी संस्था 'राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो' के डर से नौकरशाही के असहयोग समेत विभिन्न कारणों से कथित रूप से रुकी हुई हैं.

खान ने पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था. इसके बाद से चीन की यह उनकी तीसरी यात्रा होगी. इमरान खान की यह यात्रा इसलिए और महत्व रखती है क्योंकि इसके कुछ ही दिनों बाद अगले सप्ताह शी चेन्नई के निकट मामल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. वे दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत आएंगे.

खान की चीन यात्रा से पहले संघीय योजना, विकास एवं सुधार मंत्री मखदुम खुसरो बख्तियार ने संवाददाता सम्मेलन में रविवार को कहा कि पाकिस्तान पनबिजली, तेल रिफाइनरी और इस्पात मिलों के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर चीन में उच्च स्तरीय वार्ता करेगा.

एक निजी अखबार के अनुसार बख्तियार ने कहा 'पाकिस्तान व्यापार, विज्ञान एवं तकनीक में संयुक्त उपक्रमों के अलावा एक प्रमुख एलएनजी टर्मिनल, 7000 मेगावाट बुंजी पनबिजली परियोजना, पाकिस्तान स्टील मिल्स, तेल रिफाइनरियों समेत अतिरिक्त परियोजनाओं पर समझौतों के लिए औपचारिक वार्ता आरंभ करेगा.'

अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ इस्लामाबाद की हाल में बातचीत के बाद कुछ परियोजनाओं का काम ढीला होने की हालिया रिपोर्ट का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, 'सीपीईसी पोर्टफोलियो के तहत सभी मौजूदा परियोजनाएं पटरी पर हैं और काम में किसी प्रकार की ढील नहीं आई है.'

साथ ही बख्तियार ने कहा, 'इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान-चीन संबंधों के सभी पहलुओं पर अर्थपूर्ण वार्ता होगी.' उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे सीपीईसी सहयोग नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा.

रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री खान, राष्ट्रपति शी और चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ बैठकों में कई परियोजनाओं पर बात करेंगे. इस महीने में संयुक्त कार्य समूह स्तर और नवंबर में संयुक्त समन्वय समिति की बैठक में तकनीकी पहलुओं पर चर्चा होगी.

पढ़ें: आतंकियों को पैसे देने पर पाक फिर हुआ बेनकाब, एफएएटीएफ ने 'झिड़का'

पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने 30 सितंबर को कहा था कि सीपीईसी परियोजनाओं का काम धीमा नहीं हुआ है और इस पहल के 'नए चरण' में पहुंचने पर दोनों देशों ने इसे प्रोत्साहित करने के लिए तीन अहम क्षेत्रों को पहचाना है. चीन के शिजियांग प्रांत को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाली सीपीईसी शी की महत्वाकांक्षी 'बेल्ट एंड रोड' पहल की मुख्य परियोजना है.

3,000 किलोमीटर की इस परियोजना का मकसद चीन और पाकिस्तान को रेल, सड़क, पाइपलाइनों और ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्कों से जोड़ना है. भारत सीपीईसी का कड़ा विरोधी रहा है क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है.

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चीन की यात्रा करने वाले हैं. इस दौरान वे 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत पन बिजली, तेल रिफाइनरी और इस्पात मिलों के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं पर चीन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करेगा. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी मिली है.

प्रधानमंत्री खान चीन की दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को बीजिंग पहुंचेंगे. इस दौरान खान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. साथ ही क्षेत्रीय और द्विपक्षीय महत्व के मामलों पर चर्चा करेंगे.

खान उन अधिकतर सीपीईसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए शीर्ष चीनी नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे, जो सरकार के सामने मौजूद वित्तीय संकट और भ्रष्टाचार रोधी संस्था 'राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो' के डर से नौकरशाही के असहयोग समेत विभिन्न कारणों से कथित रूप से रुकी हुई हैं.

खान ने पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था. इसके बाद से चीन की यह उनकी तीसरी यात्रा होगी. इमरान खान की यह यात्रा इसलिए और महत्व रखती है क्योंकि इसके कुछ ही दिनों बाद अगले सप्ताह शी चेन्नई के निकट मामल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. वे दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत आएंगे.

खान की चीन यात्रा से पहले संघीय योजना, विकास एवं सुधार मंत्री मखदुम खुसरो बख्तियार ने संवाददाता सम्मेलन में रविवार को कहा कि पाकिस्तान पनबिजली, तेल रिफाइनरी और इस्पात मिलों के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर चीन में उच्च स्तरीय वार्ता करेगा.

एक निजी अखबार के अनुसार बख्तियार ने कहा 'पाकिस्तान व्यापार, विज्ञान एवं तकनीक में संयुक्त उपक्रमों के अलावा एक प्रमुख एलएनजी टर्मिनल, 7000 मेगावाट बुंजी पनबिजली परियोजना, पाकिस्तान स्टील मिल्स, तेल रिफाइनरियों समेत अतिरिक्त परियोजनाओं पर समझौतों के लिए औपचारिक वार्ता आरंभ करेगा.'

अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ इस्लामाबाद की हाल में बातचीत के बाद कुछ परियोजनाओं का काम ढीला होने की हालिया रिपोर्ट का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, 'सीपीईसी पोर्टफोलियो के तहत सभी मौजूदा परियोजनाएं पटरी पर हैं और काम में किसी प्रकार की ढील नहीं आई है.'

साथ ही बख्तियार ने कहा, 'इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान-चीन संबंधों के सभी पहलुओं पर अर्थपूर्ण वार्ता होगी.' उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे सीपीईसी सहयोग नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा.

रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री खान, राष्ट्रपति शी और चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ बैठकों में कई परियोजनाओं पर बात करेंगे. इस महीने में संयुक्त कार्य समूह स्तर और नवंबर में संयुक्त समन्वय समिति की बैठक में तकनीकी पहलुओं पर चर्चा होगी.

पढ़ें: आतंकियों को पैसे देने पर पाक फिर हुआ बेनकाब, एफएएटीएफ ने 'झिड़का'

पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने 30 सितंबर को कहा था कि सीपीईसी परियोजनाओं का काम धीमा नहीं हुआ है और इस पहल के 'नए चरण' में पहुंचने पर दोनों देशों ने इसे प्रोत्साहित करने के लिए तीन अहम क्षेत्रों को पहचाना है. चीन के शिजियांग प्रांत को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाली सीपीईसी शी की महत्वाकांक्षी 'बेल्ट एंड रोड' पहल की मुख्य परियोजना है.

3,000 किलोमीटर की इस परियोजना का मकसद चीन और पाकिस्तान को रेल, सड़क, पाइपलाइनों और ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्कों से जोड़ना है. भारत सीपीईसी का कड़ा विरोधी रहा है क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 11:56 HRS IST




             
  • इमरान खान की यात्रा में सीपीईसी परियोजनाओं पर चीन के साथ वार्ता करेगा पाकिस्तान



इस्लामाबाद, सात अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की चीन की यात्रा के दौरान पाकिस्तान 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत पन बिजली, तेल रिफाइनरी और इस्पात मिलों के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं पर चीन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करेगा।



एक वरिष्ठ मंत्री ने यह जानकारी दी।



प्रधानमंत्री खान चीन की दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को बीजिंग पहुंचेंगे। इस दौरान खान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय महत्व के मामलों पर चर्चा करेंगे।



खान उन अधिकतर सीपीईसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए शीर्ष चीनी नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे जो सरकार के सामने मौजूद वित्तीय संकट और भ्रष्टाचार रोधी संस्था ‘राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो’ के डर से नौकरशाही के असहयोग समेत विभिन्न कारणों से कथित रूप से रुकी हुई हैं।



खान ने पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। इसके बाद से चीन की यह उनकी तीसरी यात्रा होगी। इमरान खान की यह यात्रा इसलिए और महत्व रखती है क्योंकि इसके कुछ ही दिनों बाद अगले सप्ताह शी चेन्नई के निकट मामल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत जाएंगे।



खान की चीन यात्रा से पहले संघीय योजना, विकास एवं सुधार मंत्री मखदुम खुसरो बख्तियार ने संवाददाता सम्मेलन में रविवार को कहा कि पाकिस्तान पनबिजली, तेल रिफाइनरी और इस्पात मिलों के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर चीन में उच्च स्तरीय वार्ता करेगा।



‘डॉन समाचार पत्र’ के अनुसार बख्तियार ने कहा कि ‘‘पाकिस्तान व्यापार, विज्ञान एवं तकनीक में संयुक्त उपक्रमों के अलावा एक प्रमुख एलएनजी टर्मिनल, 7000 मेगावाट बुंजी पनबिजली परियोजना, पाकिस्तान स्टील मिल्स, तेल रिफाइनरियों समेत अतिरिक्त परियोजनाओं पर समझौतों के लिए औपचारिक वार्ता आरंभ करेगा।’’



अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ इस्लामाबाद की हाल में बातचीत के बाद कुछ परियोजनाओं का काम ढीला होने की हालिया रिपोर्ट का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘सीपीईसी पोर्टफोलियो के तहत सभी मौजूदा परियोजनाएं पटरी पर हैं और काम में किसी प्रकार की ढील नहीं आई है।’’



बख्तियार ने कहा, ‘‘इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान-चीन संबंधों के सभी पहलुओं पर अर्थपूर्ण वार्ता होगी।’’



उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे सीपीईसी सहयोग नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।



रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री खान, राष्ट्रपति शी और चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ बैठकों में कई परियोजनाओं पर बात करेंगे और इस महीने बाद में संयुक्त कार्य समूह स्तर और नवंबर में संयुक्त समन्वय समिति की बैठक में तकनीकी पहलुओं पर चर्चा होगी।



पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने 30 सितंबर को कहा था कि सीपीईसी परियोजनाओं का काम धीमा नहीं हुआ है और इस पहल के ‘‘नए चरण’’ में पहुंचने पर दोनों देशों ने इसे प्रोत्साहित करने के लिए तीन अहम क्षेत्रों को पहचाना है।



चीन के शिजियांग प्रांत को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाली सीपीईसी शी की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल की मुख्य परियोजना है।



3,000 किलोमीटर की इस परियोजना का मकसद चीन और पाकिस्तान को रेल, सड़क, पाइपलाइनों और ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्कों से जोड़ना है। भारत सीपीईसी का कड़ा विरोधी रहा है क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है।


Conclusion:
Last Updated : Oct 7, 2019, 3:14 PM IST
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