वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने पाकिस्तान को 'सबसे खतरनाक देश' बताया है. उन्होंने कहा कि वह ऐसा इसलिए मानते हैं क्योंकि सैन्य सेवा में उनका लंबा अनुभव रहा है.
पूर्व रक्षा सचिव ने कहा कि उन्होंने अब तक जितने भी देशों के साथ काम किया, उसमें पाकिस्तान सबसे खतरनाक है. उन्होंने कहा कि ऐसा पाकिस्तान के कट्टर समाज और उनके पास मौजूद परमाणु हथियारों की वजह से है.
बता दें, मैटिस काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. बता दें, मैटिस ने हाल ही में रिलीज हुई किताब 'कॉल साइन कैओस: लर्निंग टू लीड' का सह-लेखन किया है.
सीएफआर के अध्यक्ष रिचर्ड हास ने पुस्तक के एक हिस्से का जिक्र किया. इसमें मैटिस ने पाकिस्तान के बारे में उल्लेख करते हुए लिखा है मैंने आज तक जितने भी देशों के साथ काम किया है, उनमें से मैं पाकिस्तान को सबसे खतरनाक मानता हूं.
रिचर्ड हास द्वारा यह पूछे जाने पर मैटिस ने कहा, 'उनका मानना है कि पाकिस्तान सबसे खतरनाक देश है.'
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मैटिस ने कहा कि पाकिस्ताान के पास दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाला परमाणु शस्त्रागार है, जो आतंकवादियों के हाथों में पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि यह पूरी दुनिया के लिए बहुत विनाशकारी साबित होगा. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान और यूएस के बीच काफी उलझा हुआ रिश्ता है.'
उन्होंने कहा, 'लेकिन जब समाज की कट्टरता तेजी से बढ़ने वाले परमाणु शस्त्रागार से जु़ड़ती है, तो दुनिया को इन बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें हथियारों पर नियंत्रण और अप्रसार के प्रयास पर ध्यान देना होगा. यह एक बेहद गंभीर समस्या है.
गौरतलब है मैटिस ने पहले फारस की खाड़ी, अफगानिस्तान, इराक में सैनिकों की कमान संभाली थी और मध्य कमान का नेतृत्व किया था.
चीन पर एक सवाल का जवाब देते हुए मैटिस ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ काम करने का तरीका खोज सकता है. लेकिन हमें चीन का सामना करना होगा, जहां वे दुनिया के सार्वभौमिक और अधिकारों को बाधित कर रहे हैं. नेविगेशन और सभी की स्वतंत्रता पर आदेश देते है.
उन्होंने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि हम चीन के साथ शांति के लिए काम कर सकते हैं.
बकौल मैटिस, 'इसमें बहुत निर्णय की जरूरत नहीं है लेकिन मेलजोल करना चाहिए. वे (चीन) अपने पड़ोसियों के राजनयिक, आर्थिक और सुरक्षा हितों पर वीटो अधिकार हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'वे बड़े पैमाने पर दूसरे देशों को ऋण दे रहे है. जैसा की प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य देशों की ओर इशारा कर बताया था. जैसे जब चीन श्रीलंका में बंदरगाह को ऋण नहीं देने पर उनकी संप्रभु क्षेत्र से छेड़-छाड़ करता है.' उन्होंने बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के संदर्भ में यह बात कही.