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ऋण पैकेज के लिए IMF के साथ पाकिस्तान की वार्ता विफल

पाकिस्तान की छह अरब डॉलर के ऋण पैकेज को फिर से पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ वार्ता विफल हो गई है. इससे पहले से खस्ताहाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और बिगड़ सकती है.

ऋण पैकेज
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Published : Oct 17, 2021, 9:28 AM IST

Updated : Oct 17, 2021, 1:38 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से झटका लगा है. आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच छह बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण पैकेज के लिए हुई वार्ता विफल रही है. पाक मीडिया ने यह जानकारी दी है.

यदि यह वार्ता सफलतापूर्वक संपन्न होती, तो पाकिस्तान को आईएमएफ से तत्काल एक अरब डॉलर का ऋण मिल जाता.

हालांकि, इस्लामाबाद ने कहा है कि पाक वित्त सचिव अगले कुछ दिनों के लिए वॉशिंगटन में ही रहेंगे, ताकि आर्थिक और वित्तीय नीतियों का ज्ञापन (एमईएफपी) पर सहमति बनाने और सर्वसम्मति विकसित करने के लिए अंतिम प्रयास किया जा सके.

पाकिस्तान और आईएमएफ ने जुलाई, 2019 में छह अरब डॉलर के ऋण के लिए करार किया था. जनवरी, 2020 में यह कार्यक्रम पटरी से उतर गया था. इस साल मार्च में संक्षिप्त अवधि के लिए यह कार्यक्रम फिर शुरू हुआ, लेकिन जून में यह फिर पटरी से उतर गया.

पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ को मनाने के लिए हाल ही में बिजली और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की. इसके बावजूद, आईएमएफ के अधिकारी एमईएफपी के तहत पाकिस्तान के व्यापक आर्थिक ढांचे से असंतुष्ट हैं.

पाकिस्तान ने हाल ही में बेसलाइन टैरिफ के लिए औसतन 1.39 रुपये प्रति यूनिट बिजली शुल्क बढ़ाने, पेट्रोल के लिए पीओएल की कीमतों में 10.49 रुपये और डीजल के लिए 12.44 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की थी.

वार्ता विफल होने को चिंताजनक बताते हुए सूत्रों ने कहा है कि आईएमएफ के अधिकारी अब तक मुख्य रूप से राजकोषीय ढांचे, बाहरी मोर्चे और बिजली क्षेत्र पर संख्या-संकट में व्यस्त थे.

यह भी पढ़ें- आईएमएफ ने अफगानिस्तान के साथ जुड़ाव को निलंबित किया

द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, शुक्रवार को पाकिस्तान की सरकार ने अपने कार्यक्रम में बने रहने की आईएमएफ की मांग को पूरा करने के लिए बेस पावर टैरिफ में 1.39 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी. वृद्धि नवंबर से प्रभावी हो जाएगी और वित्तीय वर्ष, जून 2022 के अंत तक जारी रहेगी.

(ANI)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से झटका लगा है. आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच छह बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण पैकेज के लिए हुई वार्ता विफल रही है. पाक मीडिया ने यह जानकारी दी है.

यदि यह वार्ता सफलतापूर्वक संपन्न होती, तो पाकिस्तान को आईएमएफ से तत्काल एक अरब डॉलर का ऋण मिल जाता.

हालांकि, इस्लामाबाद ने कहा है कि पाक वित्त सचिव अगले कुछ दिनों के लिए वॉशिंगटन में ही रहेंगे, ताकि आर्थिक और वित्तीय नीतियों का ज्ञापन (एमईएफपी) पर सहमति बनाने और सर्वसम्मति विकसित करने के लिए अंतिम प्रयास किया जा सके.

पाकिस्तान और आईएमएफ ने जुलाई, 2019 में छह अरब डॉलर के ऋण के लिए करार किया था. जनवरी, 2020 में यह कार्यक्रम पटरी से उतर गया था. इस साल मार्च में संक्षिप्त अवधि के लिए यह कार्यक्रम फिर शुरू हुआ, लेकिन जून में यह फिर पटरी से उतर गया.

पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ को मनाने के लिए हाल ही में बिजली और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की. इसके बावजूद, आईएमएफ के अधिकारी एमईएफपी के तहत पाकिस्तान के व्यापक आर्थिक ढांचे से असंतुष्ट हैं.

पाकिस्तान ने हाल ही में बेसलाइन टैरिफ के लिए औसतन 1.39 रुपये प्रति यूनिट बिजली शुल्क बढ़ाने, पेट्रोल के लिए पीओएल की कीमतों में 10.49 रुपये और डीजल के लिए 12.44 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की थी.

वार्ता विफल होने को चिंताजनक बताते हुए सूत्रों ने कहा है कि आईएमएफ के अधिकारी अब तक मुख्य रूप से राजकोषीय ढांचे, बाहरी मोर्चे और बिजली क्षेत्र पर संख्या-संकट में व्यस्त थे.

यह भी पढ़ें- आईएमएफ ने अफगानिस्तान के साथ जुड़ाव को निलंबित किया

द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, शुक्रवार को पाकिस्तान की सरकार ने अपने कार्यक्रम में बने रहने की आईएमएफ की मांग को पूरा करने के लिए बेस पावर टैरिफ में 1.39 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी. वृद्धि नवंबर से प्रभावी हो जाएगी और वित्तीय वर्ष, जून 2022 के अंत तक जारी रहेगी.

(ANI)

Last Updated : Oct 17, 2021, 1:38 PM IST
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