इस्लामाबाद : पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा उस पर आरोप लगाए जाने के बाद शुक्रवार को एक बैठक बुलाई है. मीडिया में आई खबरों में यह बताया गया है.
गौरतलब है कि खान बृहस्पतिवार को टीवी पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) पर जमकर बरसे थे. उन्होंने आयोग पर बुधवार को पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट के लिए हुए चुनाव में भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था.
उन्होंने आरोप लगाया, 'आपने (ईसीपी ने) लोकतंत्र का मजाक बना दिया...आपने वोट की खरीद फरोख्त रोकने के लिए कुछ नहीं कर राष्ट्र की नैतिकता को नुकसान पहुंचाया.'
खान ने कहा, 'आपने शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार होने दिया और यह सब आपकी आंखों के सामने हुआ और आप जानते थे कि यह होगा. मैं कहता रहा हूं कि बाजार खुल गए हैं और नीलामी हो रही है और जब सुप्रीम कोर्ट ने आपको मौका दिया, तो क्या वजह थी कि महज 1500 मत पत्रों पर बार कोड नहीं लगाया गया? '
बुधवार को विपक्षी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट उम्मीदवार एवं पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी द्वारा सत्तायढ़ पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के उम्मीदवार अब्दुल हफीज शेख को शिकस्त देने के बाद खान ने आयोग की आलोचना की.
खान की पार्टी के उम्मीदवार को मिली इस शिकस्त को प्रधानमंत्री के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्होंने अपने मंत्रिमंडल सहकर्मी (शेख) के लिए व्यक्तिगत रूप से चुनाव प्रचार किया था.
जियो टीवी की एक खबर के मुताबिक आयोग ने प्रधानमंत्री खान के बयानों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई है, जिन्होंने सीनेट में मतदान के दौरान आयोग की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आयोग के सभी सदस्य बैठक में शामिल होंगे.
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डॉन अखबार की खबर के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा ने यह बैठक बुलाई है. दरअसल, आयोग के सदस्यों ने उनसे प्रधानमंत्री खान की अत्यधिक आपत्तिजनक टिप्पणियों पर चर्चा करने का अनुरोध किया था.
खबर में आयोग के एक सदस्य के हवाले से कहा गया है, 'सरकार यदि सीनेट चुनावों में खुला मतदान चाहती है तो उसे संविधान में संशोधन करना चाहिए, ना कि आयोग से विधायिका के कार्य करने की उम्मीद करनी चाहिए.'
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया था कि सीनेट चुनाव गुप्त मतपत्र के जरिए होंगे.