इस्लामाबाद : पाकिस्तान में शनिवार को कोरोना वायरस के 622 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,638 हो गई. प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को आगाह किया कि अगले महीने के मध्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं, जिससे सरकार के सामने चुनौती खड़ी हो जाएगी.
खान ने इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार ने जब मार्च में लॉकडाउन लगाया था तो कुछ ही मामले थे. हमने हवाई अड्डों पर लोगों और सड़क एवं रेल मार्ग से लौट रहे तीर्थयात्रियों की जांच भी शुरू की.'
उन्होंने कहा कि हमारा शुरुआती अनुमान था कि 25 अप्रैल तक 50 हजार मामले सामने आ सकते हैं. शुक्र है कि ऐसा नहीं हुआ. हमारा ताजा अनुमान है कि कोरोना वायरस के कुल 12 से 15 हजार मामले सामने आ सकते हैं. जिस दबाव का अंदेशा हमें पहले था, अब वह अगले महीने महसूस किया जा सकता है.'
इस बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने कहा कि बीते 24 घंटे में आठ लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 143 हो गई है. इसके अलावा संक्रमण के 622 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7638 हो गई है.
वहीं, सरकार मस्जिदों में लोगों के जमा होने के खिलाफ आदेशों का उल्लंघन करने वाले मौलवियों पर लगाम कसने के लिए संघर्ष कर रही है.
वायरस पर नियंत्रण लगाने की कोशिशों के बीच संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
सरकार के सामने सबसे बड़ी बाधा मौलवियों को मस्जिदों में एक साथ मिलकर सामूहिक इबादत से रोकने के लिए राजी करना हो रहा है.
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राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार को जमात-ए-इस्लामी प्रमुख सीनेटर सिराजुल हक, जमात उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, मरकजी जमात अहले हदीस प्रमुख सीनेटर साजिद मीर और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज नेता राना तनवीर हुसैन से शुक्रवार को इस मुद्दे पर बात की.
प्रधानमंत्री इमरान खान के भी इस अहम मुद्दे पर धार्मिक नेताओं को विश्वास में लेने के लिए उनसे मुलाकात करने की संभावना है.
अब तक तबलीगी जमात ने सहयोग का वादा किया है और उसके प्रमुख मौलाना नजरुर रहमान ने अपने अनुयायियों से रमजान में आधिकारिक दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है.
धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने शुक्रवार को मौलवियों से कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए कहा.
गौरतलब है कि शुक्रवार को आधिकारिक दिशा निर्देशों के उल्लंघन की कई घटनाएं दर्ज की गई. लेकिन एक हफ्ते पहले के मुकाबले हालात बेहतर रहे, जब जुमे के रोज कराची में एक मस्जिद के बाहर पुलिस और नमाजियों के बीच झड़प हो गई थी.