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प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन टीटीपी से बातचीत के बचाव में उतरे पाक के गृह मंत्री

पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने 'सुलह' के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ बातचीत करने के सरकार के कदम का बचाव किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बातचीत 'अच्छे तालिबान' के लिए है. बता दें कि इससे पहले पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से सुलह-सफाई के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

गृह मंत्री शेख राशिद
गृह मंत्री शेख राशिद
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Published : Oct 3, 2021, 3:24 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद (Pakistan's Interior Minister Sheikh Rashid) ने 'सुलह' के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-i-Taliban Pakistan) (टीटीपी) के साथ बातचीत करने के सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा कि बातचीत 'अच्छे तालिबान' के लिए है.

राशिद की टिप्पणी तुर्की सरकार के स्वामित्व वाले टीआरटी वर्ल्ड न्यूज चैनल के साथ एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा खुलासा किए जाने के बाद आई है कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से टीटीपी के साथ बातचीत कर रही है जिसकी नेताओं और आतंकवाद के पीड़ितों ने आलोचना की है.

इमरान खान ने कहा था कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से सुलह-सफाई के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है.

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आतंकवादियों को हथियार डालने के लिए कह रही है, खान ने कहा था कि हां, हम उन्हें माफ कर देते हैं और वे सामान्य नागरिक बन जाएं.'

इस सवाल पर कि सरकार के साथ बातचीत के दौरान टीटीपी पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमले क्यों कर रहा था, उन्होंने कहा कि यह सिर्फ 'हमलों का सिलसिला' था. खान ने कहा था कि हो सकता है कि हम अंत में किसी निष्कर्ष या समझौते पर नहीं पहुंच सकें, लेकिन हम बात कर रहे हैं.'

टीटीपी, जिसे आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाना जाता है, अफगान-पाकिस्तान सीमा से गतिविधियां चलाने वाला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है.

'डॉन' समाचार-पत्र ने खबर दी कि सरकार के कदम का बचाव करते हुए, मंत्री ने कहा कि पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) में दिसंबर 2014 में नरसंहार सहित देश में रक्तपात के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के लिए बातचीत का प्रस्ताव नहीं था, जिसमें 150 से अधिक लोग मारे गए थे.

यह भी पढ़ें- तालिबान सरकार को मदद देने में मुश्किलों का सामना कर रहा पाकिस्तान

उन्होंने कहा, 'हमें बहुत अच्छे से पता है कि कौन अच्छा है और कौन बुरा. अगर किसी को भी लगता है कि हमें इसकी जानकारी नहीं है, तो यह उसकी गलतफहमी है, उसे समझ नहीं है.'

राशिद ने कहा कि बातचीत की पेशकश केवल 'अच्छे तालिबान' के लिए थी और इस पर बातचीत 'उच्चतम स्तर' पर हो रही थी.

उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण जीवन अपनाने के लिए आत्मसमर्पण करने वालों से लड़ना उचित नहीं है.

(पीटीआई भाषा)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद (Pakistan's Interior Minister Sheikh Rashid) ने 'सुलह' के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-i-Taliban Pakistan) (टीटीपी) के साथ बातचीत करने के सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा कि बातचीत 'अच्छे तालिबान' के लिए है.

राशिद की टिप्पणी तुर्की सरकार के स्वामित्व वाले टीआरटी वर्ल्ड न्यूज चैनल के साथ एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा खुलासा किए जाने के बाद आई है कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से टीटीपी के साथ बातचीत कर रही है जिसकी नेताओं और आतंकवाद के पीड़ितों ने आलोचना की है.

इमरान खान ने कहा था कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से सुलह-सफाई के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है.

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आतंकवादियों को हथियार डालने के लिए कह रही है, खान ने कहा था कि हां, हम उन्हें माफ कर देते हैं और वे सामान्य नागरिक बन जाएं.'

इस सवाल पर कि सरकार के साथ बातचीत के दौरान टीटीपी पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमले क्यों कर रहा था, उन्होंने कहा कि यह सिर्फ 'हमलों का सिलसिला' था. खान ने कहा था कि हो सकता है कि हम अंत में किसी निष्कर्ष या समझौते पर नहीं पहुंच सकें, लेकिन हम बात कर रहे हैं.'

टीटीपी, जिसे आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाना जाता है, अफगान-पाकिस्तान सीमा से गतिविधियां चलाने वाला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है.

'डॉन' समाचार-पत्र ने खबर दी कि सरकार के कदम का बचाव करते हुए, मंत्री ने कहा कि पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) में दिसंबर 2014 में नरसंहार सहित देश में रक्तपात के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के लिए बातचीत का प्रस्ताव नहीं था, जिसमें 150 से अधिक लोग मारे गए थे.

यह भी पढ़ें- तालिबान सरकार को मदद देने में मुश्किलों का सामना कर रहा पाकिस्तान

उन्होंने कहा, 'हमें बहुत अच्छे से पता है कि कौन अच्छा है और कौन बुरा. अगर किसी को भी लगता है कि हमें इसकी जानकारी नहीं है, तो यह उसकी गलतफहमी है, उसे समझ नहीं है.'

राशिद ने कहा कि बातचीत की पेशकश केवल 'अच्छे तालिबान' के लिए थी और इस पर बातचीत 'उच्चतम स्तर' पर हो रही थी.

उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण जीवन अपनाने के लिए आत्मसमर्पण करने वालों से लड़ना उचित नहीं है.

(पीटीआई भाषा)

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