लाहौर/ इस्लामाबाद : हाल ही में एक आतंकी ने लंदन ब्रिज पर हमला कर दो लोगों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे मार गिराया था. घटना से पहले उस आतंकी को बम धमाके की साजिश रचने के लिए ब्रिटेन में दोषी करार दिया गया था. उसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के उसके गांव में दफनाया गया है. हालांकि, पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है.
लंदन ब्रिज पर हमला करने वाला 28 वर्षीय उस्मान ब्रिटिश नागरिक था और विमान के जरिए उसका शव लंदन से इस्लामाबाद लाया गया और शुक्रवार को परिवार को सौंप दिया गया.
उस्मान के रिश्तेदार ने कहा, 'परिवार उसे ब्रिटेन में दफन नहीं करना चाहता था.' उन्होंने बताया कि शव को पाकिस्तान लाने से पहले बर्मिंघम शहर की मस्जिद में नमाज पढ़ी गई.
स्थानीय अखबार के मुताबिक परिवार उस्मान का शव इस्लामाबाद हवाई अड्डे से POK के कोटली जिले स्थित किजलानी गांव ले गया और शुक्रवार दोपहर स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया.
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के महाप्रबंधक (जनसंपर्क) अब्दुल हफीज ने बताया कि उस्मान का शव पीएआई की उड़ान संख्या पीके-792 के जरिए लाया गया.
इस बीच, पाकिस्तान विदेश विभाग ने कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि खान का शव पाकिस्तान लाया गया है.
स्थानीय अखबार ने विदेश विभाग के प्रवक्ता को उद्धृत किया, क्या उसका शव पाकिस्तान में है? मेरे पास इसकी कोई जानकारी नहीं है.
इससे पहले दो बार (सोमवार और शुक्रवार) भीड़ ने स्थानीय अखबार के इस्लामाबाद स्थित कार्यालय पर हमला किया और अखबार की प्रतियां जलाई. लोग लंदन ब्रिज हमले में शामिल आतंकवादी के पाकिस्तानी मूल के होने की खबर प्रकाशित करने से नाराज थे.
उल्लेखनीय है कि 29 नवंबर को पुलिस द्वारा गोली मारे जाने से पहले उस्मान ने लंदन ब्रिज पर आतंकी हमला कर दो लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी और अन्य तीन को घायल कर दिया था.
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बाद में उसकी पहचान लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर बम धमाके की साजिश रचने और POK स्थित अपनी जमीन पर आतंकवादी प्रशिक्षण शिख्स चलाने के मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति के रूप में की गई जिसे सात साल पहले कैद की सजा हुई थी.
खान ने ब्रिटिश संसद पर मुंबई जैसा हमला करने पर चर्चा की थी. ब्रिटिश न्यायाधीश ने 2012 में आतंकवाद के मामले में उसे सजा सुनाई थी. पिछले साल दिसंबर में उसे पैरोल पर रिहा किया था एवं इलेक्ट्रॉनिक टैग के जरिए उसकी निगरानी की जा रही थी.