इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) शुक्रवार को चीन का दौरा करेंगे. इससे कुछ दिन पहले एक रहस्यमयी सड़क दुर्घटना में नौ चीनी मजदूरों की मौत हो गई थी जिसने हर अच्छे-बुरे वक्त में सहयोगी रहे दोनों देशों के बीच के संबंधों में कड़वाहट पैदा कर दी थी.
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां घोषणा की कि कुरैशी चीनी विदेश मंत्री वांग यी के निमंत्रण पर 23 और 24 जुलाई को चीन की यात्रा करेंगे. उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी होंगे.
मंत्रालय के मुताबिक, 'यात्रा के दौरान, दोनों पक्ष अन्य बातों के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर चर्चा करेंगे, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत उच्च गुणवत्ता वाले विकास में सहयोग, कोविड-19 टीकों, आंतकवाद की रोकथाम और परस्पर हित की क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे.'
इसने कहा कि यह यात्रा पाकिस्तान और चीन की 'सदाबहार सामरिक सहयोग साझेदारी' को और मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तथा कई मुद्दों पर बीजिंग के साथ सामरिक संचार एवं समन्वय को विस्तार देगी.'
यह यात्रा पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा में 14 जुलाई को हुए रहस्यमय हादसे की पृष्ठभूमि में हो रहा है जिसमें नौ चीनी इंजीनियरों समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी.
यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ऊपरी कोहिस्तान जिले में हुई थी जहां चीन की एक कंपनी सिंधु नदी पर 4320 मेगावॉट का बांध बना रही है. दुर्घटना उस समय हुई जब चीनी और स्थानीय श्रमिकों को बांध निर्माण स्थल पर ले जा रही एक बस खड्ड में गिर गई.
आतंकवादी घटना या गैस विस्फोट
दोनों करीबी सहयोगियों के बीच घटना को लेकर अलग-अलग धारणा है कि यह आतंकवादी घटना थी या गैस विस्फोट से बस पलटी. इसने बीजिंग की चिंताओं को बढ़ा दिया था.
शुरुआत में कहा गया था कि बस के गिरने से पहले एक विस्फोट हुआ था. बाद में पाकिस्तान ने औपचारिक तौर पर कहा था कि बस किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण गिरी और गैस रिसाव के कारण बाद में विस्फोट हुआ.
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चीन के अधिकारी इसे लगातार विस्फोट बताते रहे और मामले की जांच के लिए 15 सदस्यों की विशेषज्ञ टीम को भी भेजा था. गृह मंत्री शेख रशीद ने इस हफ्ते कहा था कि पाकिस्तान ने जांच पूरी कर ली है और चीन इससे संतुष्ट है. लेकिन उन्होंने बस दुर्घटना की प्रकृति के ब्योरे साझा नहीं किए.
(पीटीआई-भाषा)