इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने कहा है कि उसने मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में वकील नियुक्त करने के लिए भारत को न्यायिक आदेश से अवगत करा दिया है, लेकिन नई दिल्ली ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने गुरुवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और फैसले को लागू करने के लिए आवश्यक सभी उपाय करेगा. उन्होंने कहा, 'हमने भारत को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के निर्णय से अवगत कराया है. हमें अभी तक भारतीय पक्ष से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.'
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. बीते तीन सितंबर को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाक अधिकारियों से एक बार फिर 50 वर्षीय जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के लिए कहा था.
चौधरी ने कहा कि इस मामले में विदेशी वकील नियुक्त करने की मांग को स्वीकार करने पर भारत की ओर से पाकिस्तान पर कोई दबाव नहीं था. उन्होंने कहा, 'हम भारत को याद दिलाते रहते हैं कि कमांडर जाधव की दोषसिद्धि और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार के लिए उन्हें पाकिस्तान की अदालतों के साथ सहयोग करना होगा.'
उन्होंने कहा कि आईसीजे के फैसले के अनुसार पाकिस्तानी अदालतों द्वारा इस मामले में समीक्षा व पुनर्विचार किया जा सकता है. चौधरी ने कहा कि इस मामले में भारत की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है. आईसीजे के आदेशों का पालन करते हुए पाकिस्तान ने भारत को राजनयिक पहुंच (Consular Access) दी है.
उन्होंने कहा कि मामले में विदेशी वकील को नियुक्त करने के लिए भारत के आग्रह के अनुसार, केवल वही वकील पाकिस्तानी अदालतों में पेश हो सकते हैं, जिनके पास पाकिस्तान में कानून का अभ्यास करने का लाइसेंस है. उन्होंने कहा कि ईरान से जहां भी जाधव की जांच की जरूरत थी, वहां से सहयोग उपलब्ध कराया गया था.
16 जुलाई को पाकिस्तान ने जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान किया, लेकिन भारत सरकार ने कहा कि यह न तो सार्थक है और न ही विश्वसनीय है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान न केवल आईसीजे के फैसले का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि अपने अध्यादेश का भी उल्लंघन कर रहा है.
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पाकिस्तान ने एक विशेष कानून बनाया है जिससे जाधव को आईसीजे के फैसले के अनुसार सजा की समीक्षा करने की अनुमति मिल सके.
भारत ने जाधव तक राजनियक पहुंच से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे से संपर्क किया.
हेग स्थित आईसीजे ने पिछले साल जुलाई में फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और साथ ही बिना किसी देरी के भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करना चाहिए.
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को ईरान से पाकिस्तान में कथित तौर पर घुसने के बाद बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. वहीं, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापारिक हित के लिए रुके थे.