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पाकिस्तान पर्दे के पीछे की कूटनीति के लिए कर रहा है एनएसए की नियुक्ति पर सक्रियता से गौर : सूत्र - india pakistan diplomacy

भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत करने के लिए पाकिस्तान सरकार पर्दे के पीछे की कूटनीति की बहाली के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की नियुक्ति पर सक्रियता से गौर कर रही है.

इमरान खान ( फाइल फोटो)
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Published : May 20, 2019, 9:32 AM IST

इस्लामाबाद: भारत के साथ पर्दे के पीछे की कूटनीति की बहाली के लिए पाकिस्तान सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की नियुक्ति पर सक्रियता से गौर कर रही है.

पिछले साल पदभार संभालने के बाद से ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सभी लंबित मुद्दों पर भारत से बातचीत करने के लिए बार-बार संपर्रक साधने की कोशिश की है. लेकिन भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चलेगी.

मीडिया के अनुसार एनएसए की संभावित नियुक्ति का मतलब भारत के साथ पर्दे के पीछे की कूटनीति को बहाल करना है ताकि दोनों देशों के बीच अहम मुद्दों पर कोई बात हो सके.

इस संबंध में एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सरकार किसी सेवानिवृत अधिकारी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त कर सकती है. उन्होंने बताया कि इस मामले पर कुछ नामों पर गौर किया जा रहा है लेकिन अब तक अंतिम फैसला नहीं किया गया है.

पढ़ें - भारत-पाक के बीच बेहतर रिश्तों के लिए जरूरी है द्विपक्षीय वार्ता- विशेषज्ञ

बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों के संबंध काफी ज्यादा खराब हो गए हैं. इस आतंकी हमले में में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.

जब पाकिस्तान के अधिकारी से इस कटुतापूर्ण माहौल में वार्ता की बहाली की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आशावादी है.

उन्होंने आशा जताई है कि भारत में चुनाव के बाद नई सरकार खान की शांति वार्ता पेशकश पर सकारात्मक रुख दिखाएगी.

वैसे अतीत में दोनों देशों ने वार्ता की जमीन तैयार करने के लिए एनएसए के माध्यम से पर्दे के पीछे की इस कूटनीति का अक्सर इस्तेमाल किया है.

इस्लामाबाद: भारत के साथ पर्दे के पीछे की कूटनीति की बहाली के लिए पाकिस्तान सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की नियुक्ति पर सक्रियता से गौर कर रही है.

पिछले साल पदभार संभालने के बाद से ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सभी लंबित मुद्दों पर भारत से बातचीत करने के लिए बार-बार संपर्रक साधने की कोशिश की है. लेकिन भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चलेगी.

मीडिया के अनुसार एनएसए की संभावित नियुक्ति का मतलब भारत के साथ पर्दे के पीछे की कूटनीति को बहाल करना है ताकि दोनों देशों के बीच अहम मुद्दों पर कोई बात हो सके.

इस संबंध में एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सरकार किसी सेवानिवृत अधिकारी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त कर सकती है. उन्होंने बताया कि इस मामले पर कुछ नामों पर गौर किया जा रहा है लेकिन अब तक अंतिम फैसला नहीं किया गया है.

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बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों के संबंध काफी ज्यादा खराब हो गए हैं. इस आतंकी हमले में में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.

जब पाकिस्तान के अधिकारी से इस कटुतापूर्ण माहौल में वार्ता की बहाली की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आशावादी है.

उन्होंने आशा जताई है कि भारत में चुनाव के बाद नई सरकार खान की शांति वार्ता पेशकश पर सकारात्मक रुख दिखाएगी.

वैसे अतीत में दोनों देशों ने वार्ता की जमीन तैयार करने के लिए एनएसए के माध्यम से पर्दे के पीछे की इस कूटनीति का अक्सर इस्तेमाल किया है.

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