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पाकिस्तान : 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर आतंक वित्तपोषण मामले में आरोप तय

26/11 मुंबई हमले के मास्टरमांइड हाफिज सईद के खिलाफ लाहौर के एक आतंकरोधी कोर्ट ने बुधवार को वित्तपोषण मामले में आरोप तय कर दिए. एक अखबारी रिपोर्ट के अनुसार जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख सईद व उसके संगठन के अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. इन लोगों के खिलाफ जुलाई में आतंक वित्तपोषण के संबंध में मामला दर्ज किया गया था.

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हाफिज सईद
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Published : Dec 11, 2019, 9:14 PM IST

इस्लामाबाद : लाहौर के एक आतंकरोधी कोर्ट (एटीसी) ने बुधवार को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमांइड हाफिज सईद के खिलाफ वित्तपोषण मामले में आरोप तय कर दिए.

समाचार पत्र 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख सईद व उसके तीन शीर्ष सहयोगियों - हाफिज अब्दुल सलाम बिन मुहम्मद, मुहम्मद अशरफ व जफर इकबाल के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. इन लोगों के खिलाफ जुलाई में आतंक वित्तपोषण के संबंध में मामला दर्ज किया गया था.

एटीसी जज अरशद हुसैन ने साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी. 69 वर्षीय सईद व उसके सहयोगियों को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में प्रस्तुत किया गया.

पढ़ें : हाफिज सईद के खिलाफ PAK में केस दर्ज, भारत ने बताया धोखा

गौरतलब है कि हाफिज पर शिकंजा कसने के लिए पाकिस्तान पर काफी दिनों से अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ रहा है.

सुनवाई के बाद कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि सईद और उसके सहयोगियों के वकीलों ने अपने तर्क रखे और अपने मुवक्किलों पर आरोप तय न करने की कोर्ट से अपील की.

गत शनिवार को, कोर्ट ने मामले में एक संदिग्ध के मौजूद नहीं रहने की वजह से फैसला टाल दिया था. इसी वर्ष 3 जुलाई को, जेयूडी के 13 नेताओं को आतंकवाद-रोधी अधिनियम(एटीए),1997 के तहत आतंक वित्तपोषण और धनशोधन से जुड़े दो दर्जन के करीब मामलों में केस दर्ज किया गया था.

पंजाब के पांच शहरों में मामलों को दर्ज करने वाले आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने कहा था कि जेयूडी अल-अनफाल ट्रस्ट, दवातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबाल ट्रस्ट समेत अन्य गैर-लाभकारी संगठनों से बड़े पैमाने पर राशि लेकर आतंक वित्तपोषण का काम करता था.

पढ़ें : हाफिज सईद की मदद करने वाले कश्मीरी कारोबारी का बंगला ED ने किया जब्त

इन गैर लाभकारी संगठनों पर सीटीडी ने अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिया था. सीटीडी ने अपनी विस्तृत जांच में पाया था कि इन संगठनों का जेयूडी और इसके शीर्ष नेतृत्व के साथ संबंध था.

इसके बाद, 17 जुलाई को सईद को पंजाब सीटीडी द्वारा आतंकी वित्तपोषण के आरोपों में गुजरांवाला से गिरफ्तार किया था. सीटीडी द्वारा गुजरांवाला एटीसी के समक्ष पेश करने के बाद, सईद को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था.

गौरतलब है कि अप्रैल 2012 में अमेरिका ने वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले को लेकर सईद पर एक करोड़ डॉलर ईनाम की घोषणा की थी. मुंबई हमले में 164 लोगों की जान चली गई थी.

इस्लामाबाद : लाहौर के एक आतंकरोधी कोर्ट (एटीसी) ने बुधवार को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमांइड हाफिज सईद के खिलाफ वित्तपोषण मामले में आरोप तय कर दिए.

समाचार पत्र 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख सईद व उसके तीन शीर्ष सहयोगियों - हाफिज अब्दुल सलाम बिन मुहम्मद, मुहम्मद अशरफ व जफर इकबाल के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. इन लोगों के खिलाफ जुलाई में आतंक वित्तपोषण के संबंध में मामला दर्ज किया गया था.

एटीसी जज अरशद हुसैन ने साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी. 69 वर्षीय सईद व उसके सहयोगियों को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में प्रस्तुत किया गया.

पढ़ें : हाफिज सईद के खिलाफ PAK में केस दर्ज, भारत ने बताया धोखा

गौरतलब है कि हाफिज पर शिकंजा कसने के लिए पाकिस्तान पर काफी दिनों से अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ रहा है.

सुनवाई के बाद कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि सईद और उसके सहयोगियों के वकीलों ने अपने तर्क रखे और अपने मुवक्किलों पर आरोप तय न करने की कोर्ट से अपील की.

गत शनिवार को, कोर्ट ने मामले में एक संदिग्ध के मौजूद नहीं रहने की वजह से फैसला टाल दिया था. इसी वर्ष 3 जुलाई को, जेयूडी के 13 नेताओं को आतंकवाद-रोधी अधिनियम(एटीए),1997 के तहत आतंक वित्तपोषण और धनशोधन से जुड़े दो दर्जन के करीब मामलों में केस दर्ज किया गया था.

पंजाब के पांच शहरों में मामलों को दर्ज करने वाले आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने कहा था कि जेयूडी अल-अनफाल ट्रस्ट, दवातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबाल ट्रस्ट समेत अन्य गैर-लाभकारी संगठनों से बड़े पैमाने पर राशि लेकर आतंक वित्तपोषण का काम करता था.

पढ़ें : हाफिज सईद की मदद करने वाले कश्मीरी कारोबारी का बंगला ED ने किया जब्त

इन गैर लाभकारी संगठनों पर सीटीडी ने अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिया था. सीटीडी ने अपनी विस्तृत जांच में पाया था कि इन संगठनों का जेयूडी और इसके शीर्ष नेतृत्व के साथ संबंध था.

इसके बाद, 17 जुलाई को सईद को पंजाब सीटीडी द्वारा आतंकी वित्तपोषण के आरोपों में गुजरांवाला से गिरफ्तार किया था. सीटीडी द्वारा गुजरांवाला एटीसी के समक्ष पेश करने के बाद, सईद को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था.

गौरतलब है कि अप्रैल 2012 में अमेरिका ने वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले को लेकर सईद पर एक करोड़ डॉलर ईनाम की घोषणा की थी. मुंबई हमले में 164 लोगों की जान चली गई थी.

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.ISLAMABAD FGN46
PAK-3RDLD SAEED
Pak anti-terrorism court indicts Hafiz Saeed on terror financing charges
By M Zulquernain
(Eds: Updating with more inputs and pix)
         Lahore, Dec 11 (PTI) Hafiz Saeed, the Mumbai terror attack mastermind and chief of the banned JuD, was indicted on Wednesday by a Pakistani anti-terrorism court here on terror financing charges, amidst intense international pressure on Islamabad to bring him to justice.
         The anti-terrorism court (ATC) Lahore indicted Saeed and three of his top aides Hafiz Abdul Salam bin Muhammad, Muhammad Ashraf and Zafar Iqbal on terror financing charges.
         ATC Judge Arshad Hussain Bhutta directed the prosecution to produce the witnesses and adjourned the hearing till Thursday.
         Saeed, 69, along with the other accused, were presented before the court today under tight security.
         "Saeed and his aides' lawyers made their arguments requesting the court not to indict their clients," a court official told PTI after the hearing.
         "Deputy Prosecutor General Punjab Abdur Rauf, pleading for framing the charges against the accused said Saeed and others are involved in terror financing case and the Counter Terrorism Department of Punjab police has presented evidence for it," the official said.
         The official said the accused were also provided the copies of the charge sheet.
         Like the previous hearings, journalists were not allowed to enter the court premises to cover the proceedings. Saeed is detained at the high-security Kot Lakhpat jail here.
         On December 7, the ATC could not indict Saeed, and others as one of the co-accused, Zafar Iqbal, was not produced before the court by the authorities.
         Saeed's indictment comes amidst growing international pressure on Pakistan to rein-in terror groups operating from its soil and bring to justice terror group leaders like Saeed.
         In October, the Financial Action Task Force (FATF) warned Pakistan that it will be blacklisted if it does not control terror funding by February next, voicing serious concern over the country's failure to deliver on most of its 27 targets.
         The Paris-based international terror financing watchdog issued the warning to Pakistan while deciding to again place the country on the 'Grey List'. While asking Pakistan to swiftly complete its full action plan by February 2020, the FATF warned that it would take action against the country.
         The threat to Pakistan's economy virtually put the country's entire machinery into an aggressive mode to show tangible progress within two months of the warning, Dawn newspaper noted.
         On the 11th anniversary of the 26/11 terror attack, US Secretary of State Mike Pompeo said it is an affront to the 166 innocent victims and their families that the perpetrators of the 2008 Mumbai terror attack have still not been convicted.
         India has said that Pakistan has allowed Saeed to roam freely and was not interested in bringing him to justice.
         Asked about Mumbai terror attacks trial in Pakistan at a briefing on December 6, External Affairs Ministry spokesperson Raveesh Kumar said, "We all know who the perpetrators of the attack were. We all know who the mastermind is. We are also aware that the mastermind of this attack is roaming freely, he is enjoying Pakistan's hospitality."
         "We are also aware about the link this attack had to the elements within the Pakistani establishment. There is a certain responsibility they have, they have an International obligation to take action. You are also aware that we have shared all the evidence with them. Now it is the responsibility of Pakistan to take action," he said.
         Pakistan has shied away in the past from taking action citing different excuses which of course is not working internationally and among the global community there is a feeling that Pakistan is not serious in taking action against those who are involved in the Mumbai terror attacks, he said.
         The Counter Terrorism Department of Punjab Police on July 17 registered 23 FIRs against Saeed and his accomplices on the charges of "terror financing" in different cities of Punjab province and arrested Saeed.
         The cases have been registered in Lahore, Gujranwala & Multan for collection of funds for terrorism financing through assets/properties made and held in the names of Trusts/ Non Profit Organisations (NPO) including Al-Anfaal Trust, Dawatul Irshad Trust, Muaz Bin Jabal Trust.
         According to the CTD, investigation launched into financing matters of proscribed organisations -- Jammat-ud-Dawah (JuD) and Lashkar-e-Taiba (LeT) -- in connection with implementation of UN Sanctions against these Designated Entities & Persons as directed by the National Security Committee in its meeting on January 1, 2019 for implementing the National Action Plan.
         "These suspects made assets from funds of terrorism financing. They held & used these assets to raise more funds for further terrorism financing. Hence, they committed multiple offences of terrorism financing and money laundering under the Anti Terrorism Act, 1997. They will be prosecuted in ATCs for commission of these offences," the CTD said.
         But the JuD leaders deny the charges against them as baseless and a result of international pressure on the Pakistan government.
         The US Department of the Treasury has designated Saeed as a Specially Designated Global Terrorist, and the US, since 2012, has offered a USD 10 million reward for information that brings Saeed to justice.
         Saeed-led JuD is the front organisation for the LeT which is responsible for carrying out the 2008 Mumbai attacks that killed 166 people, including six Americans. PTI MZ NSA
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