इस्लामाबाद : लाहौर के एक आतंकरोधी कोर्ट (एटीसी) ने बुधवार को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमांइड हाफिज सईद के खिलाफ वित्तपोषण मामले में आरोप तय कर दिए.
समाचार पत्र 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख सईद व उसके तीन शीर्ष सहयोगियों - हाफिज अब्दुल सलाम बिन मुहम्मद, मुहम्मद अशरफ व जफर इकबाल के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. इन लोगों के खिलाफ जुलाई में आतंक वित्तपोषण के संबंध में मामला दर्ज किया गया था.
एटीसी जज अरशद हुसैन ने साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी. 69 वर्षीय सईद व उसके सहयोगियों को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में प्रस्तुत किया गया.
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गौरतलब है कि हाफिज पर शिकंजा कसने के लिए पाकिस्तान पर काफी दिनों से अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ रहा है.
सुनवाई के बाद कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि सईद और उसके सहयोगियों के वकीलों ने अपने तर्क रखे और अपने मुवक्किलों पर आरोप तय न करने की कोर्ट से अपील की.
गत शनिवार को, कोर्ट ने मामले में एक संदिग्ध के मौजूद नहीं रहने की वजह से फैसला टाल दिया था. इसी वर्ष 3 जुलाई को, जेयूडी के 13 नेताओं को आतंकवाद-रोधी अधिनियम(एटीए),1997 के तहत आतंक वित्तपोषण और धनशोधन से जुड़े दो दर्जन के करीब मामलों में केस दर्ज किया गया था.
पंजाब के पांच शहरों में मामलों को दर्ज करने वाले आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने कहा था कि जेयूडी अल-अनफाल ट्रस्ट, दवातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबाल ट्रस्ट समेत अन्य गैर-लाभकारी संगठनों से बड़े पैमाने पर राशि लेकर आतंक वित्तपोषण का काम करता था.
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इन गैर लाभकारी संगठनों पर सीटीडी ने अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिया था. सीटीडी ने अपनी विस्तृत जांच में पाया था कि इन संगठनों का जेयूडी और इसके शीर्ष नेतृत्व के साथ संबंध था.
इसके बाद, 17 जुलाई को सईद को पंजाब सीटीडी द्वारा आतंकी वित्तपोषण के आरोपों में गुजरांवाला से गिरफ्तार किया था. सीटीडी द्वारा गुजरांवाला एटीसी के समक्ष पेश करने के बाद, सईद को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था.
गौरतलब है कि अप्रैल 2012 में अमेरिका ने वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले को लेकर सईद पर एक करोड़ डॉलर ईनाम की घोषणा की थी. मुंबई हमले में 164 लोगों की जान चली गई थी.