इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार के कार्यकाल के एक साल पूरे होने पर विपक्षी दलों ने देश भर में काला दिवस मनाया.
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी दलों का कहना है कि बीते साल हुए चुनाव में इमरान और उनकी पार्टी को जनता ने निर्वाचित नहीं किया था बल्कि धांधली कर सत्ता प्रतिष्ठान ने इमरान को सरकार में बिठा दिया था. यह सरकार 'एलेक्टेड' नहीं बल्कि 'सेलेक्टेड' है. विपक्ष का कहना है कि चुनाव में लोकतंत्र का गला घोंटा गया था, इसीलिए वह आज के दिन को काला दिवस के रूप में मना रहा है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि आज के दिन अवाम का वोट चोरी हो गया था.
इस मौके पर विपक्षी दलों ने पूरे देश में जुलूस निकाले व जनसभाएं कीं. देश के सभी प्रांतों में विपक्षी दलों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे. कई जगहों पर 'इमरान जाओ' के नारे लगाए गए. देश के प्रमुख शहरों कराची, लाहौर, क्वेटा और पेशावर में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और सभाएं कीं। इन सभाओं में विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए.
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विपक्षी दलों का आरोप है कि उनके समर्थकों को सभाओं में आने से रोका गया. क्वेटा में विपक्षी नेताओं ने कहा कि क्वेटा-चमन राजमार्ग को हथियारबंद लोगों ने बंद करा दिया है और लोगों को आने-जाने से रोका जा रहा है. सरकार ओछे हथकंडे अपना रही है. अगर कोई अप्रिय घटना हुई तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
विपक्ष का कहना है कि पुलिस ने लाहौर में भी उसकी सभा में लोगों को आने से रोका.
रिपोर्ट में बताया गया है कि फैसलाबाद में पुलिस ने मुस्लिम लीग (नवाज) के दो सौ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.
उधर, सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ आज (गुरुवार) का दिन धन्यवाद दिवस के रूप में मना रही है. पार्टी का कहना है कि आज के दिन देश की अवाम ने पार्टी को देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी जिस पर काम किया जा रहा है.