काठमांडू : नई दिल्ली और काठमांडू के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक नया शगूफा छोड़ा है. दरअसल, ओली ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी सरकार को गिराने के लिए भारत में बैठकें हो रही हैं.
रविवार को अपने निवास पर एक सभा के दौरान, ओली ने कहा कि उनकी सरकार को संसद में पूर्ण बहुमत हासिल है और वह बाहरी शक्तियों की योजना को सफल नहीं होने देंगे.
प्रधानमंत्री ओली ने अपने अधिकारियों को उखाड़ फेंकने के लिए कथित साजिश पर इशारा किया. उन्होंने कहा कि इस बारे में दिल्ली से खबरें आ रही हैं. नेपाल के संशोधित नक्शे को राष्ट्रीय प्रतीक में रखने के लिए संविधान में संशोधन के नेपाल के फैसले के खिलाफ भारत में आयोजित होने वाली बैठकों को देखें.
बता दें कि कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति के सदस्य अपनी सरकार के भारत से खराब होते संबंधों पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. पार्टी सदस्यों के भारी दबाव को देखते हुए ओली शुक्रवार को अपने ही आवास पर आयोजित स्थायी समिति की बैठक से नदारद रहे. प्रधानमंत्री ओली की गैर मौजूदगी में हुई इस बैठक में केवल भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद पर ही चर्चा हुई.
इस दौरान स्थायी समिति के सदस्यों ने ओली प्रशासन को सीमा विवाद पर भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता के लिए जमीनी स्तर पर विफल रहने और नेपाल-भारत संबंधों को हाल के इतिहास में सबसे निचले स्तर तक खराब करने का जिम्मेदार ठहराया. नेपाली मीडिया में यह खबर सुर्खियों में है.
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 44 सदस्यीय स्थायी समिति में उनके साथ 15 सदस्य ही हैं. यह समिति मांग कर रही है कि ओली या तो प्रधानमंत्री पद छोड़े अथवा पार्टी अध्यक्ष पद. एक व्यक्ति दो पद की व्यवस्था अब नहीं चलेगी.