सियोल : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने सोमवार को अपने अधिकारियों से अपील की कि वे देश की मौजूदा 'गंभीर स्थिति' से निपटने और देशवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए और मजबूती से प्रयास करें.
सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी, लेकिन उसने सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की स्थापना की 76वीं वर्षगांठ के मौके पर किम के भाषण के दौरान अमेरिका और दक्षिण कोरिया को लेकर की गई किसी विशेष टिप्पणी का जिक्र नहीं किया.
वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच परमाणु वार्ता दो वर्षों से अधिक समय से रुकी हुई है. अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया अपनी परमाणु कार्यक्रम संबंधी गतिविधियां बंद करे, जबकि उत्तर कोरिया का कहना है कि देश पर अमेरिका के नेतृत्व में लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाएं, दोनों देशों के बीच इन बातों पर अहसमति के कारण वार्ता बाधित है.
उत्तर कोरिया ने अपनी मिसाइल परीक्षण गतिविधियां हाल में बढ़ा दी हैं और उसने सियोल के समक्ष सशर्त शांति के प्रस्ताव रखे हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह अमेरिका को आर्थिक प्रतिबंधो में ढील और अन्य रियायतें देने के लिए राजी कर पाए.
प्योंगयांग की आधिकारिक 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' ने कहा कि किम ने रविवार को अपने भाषण के दौरान कहा कि उनकी पार्टी जनवरी में तय किए गए आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. जनवरी में उत्तर कोरिया ने स्वीकार किया था कि उसकी पूर्व की आर्थिक योजनाएं सफल नहीं रही और उसने आगामी पांच साल के लिए नई विकास योजनाएं शुरू कीं.
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एजेंसी ने कहा कि किम ने 'देश की अर्थव्यवस्था में सुधार करने और लोगों की भोजन, कपड़े और घर संबंधी समस्याओं को सुलझाने' के लिए पांच वर्षीय योजना कुशलता से लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई. उसने बताया कि किम ने उत्तर कोरिया के सामने मौजूद 'अप्रत्याशित कठिनाइयों' का विश्लेषण किया और 'गंभीर स्थिति' से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए पार्टी की समान सोच वाली एकता का आह्वान किया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 से निपटने में मदद करने के लिए पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया को चिकित्सा आपूर्ति भेजी. इससे संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया ने वैश्विक महामारी के कारण अपनी सीमा पर लगाए गए दुनिया के सबसे बड़े प्रतिबंधों में अब बाहरी मदद लेने के लिए ढील देनी शुरू कर दी है.
(पीटीआई-भाषा)