सियोल : दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को अपने पूर्वी समुद्र में दो प्रक्षेपास्त्र दागे.
उत्तर कोरिया का यह कदम अमेरिका के साथ कूटनीति में आए गतिरोध के बीच जो बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाने और अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फिर से परीक्षण शुरू करने की ओर संकेत करता है.
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाएं उत्तर कोरिया के पूर्वी तट पर हुए परीक्षणों का विश्लेषण कर रही हैं. उन्होंने अभी यह नहीं बताया कि यह प्रक्षेपास्त्र क्या बैलिस्टिक मिसाइलें हैं या वे कितनी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं.
अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में गतिरोध पैदा होने के बीच उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण किए हैं. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फरवरी 2019 में दूसरी शिखर वार्ता नाकाम होने के बाद गतिरोध पैदा हुआ. उस वार्ता में अमेरिका ने उत्तर कोरिया की उस मांग को खारिज कर दिया था जिसमें उसने अपने परमाणु कार्यक्रम को आंशिक रूप से बंद करने के बदले में उस पर लगाए प्रमुख प्रतिबंधों को हटाने के लिए कहा था.
उत्तर कोरिया ने अभी तक बाइडन प्रशासन की बातचीत की कोशिशों को नजरअंदाज किया है.
किम की बहन ने पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यासों को लेकर अमेरिका को धमकाया था. उन्होंने इन अभ्यासों को घुसपैठ का पूर्वाभ्यास बताया और वाशिंगटन को चेतावनी दी कि अगर वह अगले चार साल शांति से सोना चाहता है तो गड़बड़ी पैदा करने से दूर रहे.
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रविवार को उत्तर कोरिया द्वारा किया गया कम दूरी की मिसाइलों का परीक्षण अप्रैल 2020 के बाद से उसका पहला मिसाइल परीक्षण है. बाइडन ने इसे खास तवज्जो न देते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है.
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बता दें कि दुनिया फिर से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के संकट से जूझ रही है. वहीं उत्तर कोरिया मिसाइलें लॉन्च करके अपनी शक्ति बढ़ाने की दिशा में जुटा हुआ है.