स्योल : स्थगित परमाणु वार्ता को लेकर अमेरिका पर दबाव बढ़ाते हुए उत्तर कोरिया ने धौंस दिखाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की और उन्हें ‘बेसब्र बूढ़ा’ करार दिया है.
गौरतलब है कि ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता 2017 में एक दूसरे को अपमानित करने तथा नष्ट करने की धमकियां देने में लगे थे. हालांकि उसके बाद दोनों में कुछ नजदीकियां बढ़ी थीं.
उत्तर कोरिया ने अधर में लटकी वार्ता के बीच उसे नयी रियायतें देने के लिए साल के आखिर तक की समयसीमा तय की है और कहा कि यदि उसे स्वीकार्य कोई बात सामने नहीं आती है ,तो वह नये मार्ग पर चल पड़ेगा.
फरवरी में हनोई में वार्ता के टूट जाने के बाद दोनों देशों के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता अधर में लटक गयी थी.
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ट्रंप ने संकेत दिया है कि सैन्य कार्रवाई का विकल्प अब भी खुला है . उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता आगामी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करना नहीं चाहेंगे.
ट्रंप ने शनिवार को कहा, 'मुझे आश्चर्य होगा, यदि उत्तर कोरिया कोई शत्रुतापूर्ण हरकत करता है.'
हनोई बैठक के टूट जाने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ के उत्तर कोरियाई समकक्ष के रूप काम कर चुके किम यंग चोल ने ट्रंप की ‘फालतू बातों और टिप्पणियों’ की आलोचना की और उन्हें ‘नासमझ और ढुलमुल सोच वाला बूढा’ करार दिया.
एक समाचार एजेंसी के अनुसार कोरिया एशिया पैसिफिक पीस कमिटी के अध्यक्ष किम ने एक बयान में कहा, ' हमारी कार्रवाई उन्हें चकित करने के लिए है. यदि चकित नहीं होते तो हम चिढ़ जाएंगे, ऐसा स्वभाव यह संकेत है कि ट्रंप एक बेसब्र बूढ़ा है.'