सियोल : उत्तर कोरिया ने एक ऐसी मिसाइल का परीक्षण किया है, जो पनडुब्बी से दागी जा सकती है. बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए उत्तर कोरिया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में इस तरह के आधुनिक हथियार का यह पहला परीक्षण है. प्योंगयांग ने कहा कि वह अपनी सेना की पानी के भीतर अभियान क्षमता का विस्तार करना चाहती है.
उल्लेखनीय है कि सितंबर के बाद से मंगलवार का यह परीक्षण मिसाइल प्रक्षेपण का पांचवां दौर था. यह उत्तर कोरिया की तरफ से सियोल और वाशिंगटन पर दबाव डालने की कोशिश है, क्योंकि प्योंगयांग अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास और खुद पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को शत्रुतापूर्ण नीतियों के रूप में देखता है.
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी-कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि ताजा परीक्षण देश की रक्षा प्रौद्योगिकी को उच्च स्तर पर रखने और नौसेना की पानी के भीतर अभियान क्षमता के विस्तार में बड़ा योगदान देगा.
बता दें कि उत्तर कोरिया के पड़ोसियों ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उत्तर कोरिया की तरफ से परीक्षण का पता लगा और यह हथियार कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच जलक्षेत्र में गिरा. दक्षिण कोरिया की सेना ने मिसाइल को पनडुब्बी से कम दूरी से दागे जाने वाला हथियार बताया है. सियोल ने कहा कि यह मिसाइल सिनपो के पूर्वी बंदरगाह के समीप जल से दागी गई, जहां पनडुब्बियों का निर्माण करनेवाला उत्तर कोरिया का बड़ा शिपयार्ड है.
उत्तर कोरिया की ओर से जारी तस्वीरों में समुद्र में से एक मिसाइल उठते हुए और फिर धुएं के गुबार से चिंगारी निकलते दिखाई दे रही है. वहीं, एक तस्वीर में ऊपर का हिस्सा भी दिखा है, जो समुद्र की सतह पर पनडुब्बी जैसा प्रतीत होता है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालने के बाद से उत्तर कोरिया द्वारा किया गया यह सबसे आधुनिक हथियार का प्रक्षेपण है.
उत्तर कोरिया पर बाइडन के विशेष दूत सुंग किम के सियोल की यात्रा करने और प्योंगयांग के साथ कूटनीति को पुनर्जीवित करने की संभावनाओं पर सहयोगियों से चर्चा करने के कुछ दिन पहले मिसाइल का परीक्षण किया गया. वाशिंगटन में दक्षिण कोरिया और जापानी समकक्ष के साथ एक बैठक में किम ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका इस परीक्षण की निंदा करता है. वहीं, उन्होंने प्योंगयांग से आगे और तनाव को बढ़ाने से बचने की अपील की.
(पीटीआई-भाषा)