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उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर 'शत्रुतापूर्ण नीति' जारी रखने का लगाया आरोप

उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर 'शत्रुतापूर्ण नीति' जारी रखने का आरोप लगाया. उत्तर कोरिया ने मांग की कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को स्थायी रूप से समाप्त कर दे.

अमेरिका उत्तर कोरिया
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Published : Sep 28, 2021, 4:16 PM IST

सियोल : उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर 'शत्रुतापूर्ण नीति' जारी रखने का सोमवार को आरोप लगाया और मांग की कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को स्थायी रूप से समाप्त कर दे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक के अंतिम दिन उत्तर कोरिया के राजदूत किम सोंग ने यह टिप्पणी की. इससे कुछ देर पहले ही दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा था कि उत्तर कोरिया ने एक बार फिर कम दूरी की मिसाइल का प्रक्षेपण किया है.

उत्तर कोरिया ने करीब छह महीने बाद इस महीने के शुरू में एक बार फिर बैलिस्टिक तथा क्रूज़ मिसाइलों का परीक्षण किया था. उसने दक्षिण कोरिया तथा जापान में उस लक्ष्य पर हमला करने की अपनी क्षमता प्रदर्शित की थी, जहां दोनों प्रमुख अमेरिकी सहयोगियों के कुल 80,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.

अनुवादक की मदद से बात कर रहे किम सोंग ने उत्तर कोरिया के इन (मिसाइल प्रक्षेपणों) कदमों का बचाव किया और इसे अमेरिकी खतरों के खिलाफ आवश्यक करार दिया. उन्होंने दक्षिण कोरिया पर 'राष्ट्रीय सद्भाव' के बजाय अपने पश्चिमी सहयोगी को प्राथमिकता देकर अंतर-कोरियाई शांति समझौतों से विश्वासघात करने का आरोप लगाया.

उन्होंने मांग की कि अमेरिका को दक्षिण कोरिया के साथ अपने सैन्य अभ्यास को 'स्थायी रूप से' रोक देना चाहिए और अगर वह 1950-53 के कोरियाई युद्ध को समाप्त करना चाहता है तथा ' वास्तव में कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति एवं सुलह की इच्छा रखता है' तो अमेरिकी रणनीतिक हथियारों की तैनाती को समाप्त कर देना चाहिए.

सैन्य अभ्यास को युद्ध का पूर्वाभ्यास करार दिया
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सैन्य अभ्यास को उत्तर कोरिया पारंपरिक रूप से युद्ध का पूर्वाभ्यास करार देता है. किम सोंग ने कहा, 'कोरियाई प्रायद्वीप पर एक नए युद्ध का संभावित खतरा डीपीआरके (कोरिया डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक) पर अमेरिका की मेहरबानी के कारण नहीं, बल्कि इसलिए थमा हुआ है क्योंकि हमारा देश एक विश्वसनीय निवारक विकसित कर रहा है जो किसी सैन्य आक्रमण की स्थिति में शत्रु ताकतों को नियंत्रित कर सकता है.'

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने हाल में घोषणा की थी कि उसने 20 वर्ष के बाद अफगानिस्तान में सबसे लंबे युद्ध को समाप्त कर दिया है. इस पर किम सोंग ने कहा, 'लेकिन अमेरिका अब भी इस वास्तविकता की अनदेखी कर रहा है कि कोरियाई युद्ध 70 वर्षों से अधिक समय से समाप्त नहीं हुआ है.'

पढ़ें- चिर प्रतिद्वंद्वी कोरियाई देशों ने मिसाइल परीक्षण किए, तनाव बढ़ा

किम ने 'सैन्य खतरों तथा शत्रुतापूर्ण कृत्यों' का हवाला दिया और कहा कि डीपीआरके ने अमेरिका से हर दिन इसका सामना किया है. उत्तर कोरिया की स्थापना 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद हुई थी, जब देश का विभाजन हुआ था.

पढ़ें- उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के समक्ष शत्रुतापूर्ण नीतियां छोड़ने की शर्त रखी

उत्तर कोरिया 'शत्रुतापूर्ण नीति' शब्द का मुख्य रूप से इस्तेमाल अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम पर अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों और अमेरिका एवं दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के संदर्भ में करता है.

(पीटीआई-भाषा)

सियोल : उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर 'शत्रुतापूर्ण नीति' जारी रखने का सोमवार को आरोप लगाया और मांग की कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को स्थायी रूप से समाप्त कर दे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक के अंतिम दिन उत्तर कोरिया के राजदूत किम सोंग ने यह टिप्पणी की. इससे कुछ देर पहले ही दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा था कि उत्तर कोरिया ने एक बार फिर कम दूरी की मिसाइल का प्रक्षेपण किया है.

उत्तर कोरिया ने करीब छह महीने बाद इस महीने के शुरू में एक बार फिर बैलिस्टिक तथा क्रूज़ मिसाइलों का परीक्षण किया था. उसने दक्षिण कोरिया तथा जापान में उस लक्ष्य पर हमला करने की अपनी क्षमता प्रदर्शित की थी, जहां दोनों प्रमुख अमेरिकी सहयोगियों के कुल 80,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.

अनुवादक की मदद से बात कर रहे किम सोंग ने उत्तर कोरिया के इन (मिसाइल प्रक्षेपणों) कदमों का बचाव किया और इसे अमेरिकी खतरों के खिलाफ आवश्यक करार दिया. उन्होंने दक्षिण कोरिया पर 'राष्ट्रीय सद्भाव' के बजाय अपने पश्चिमी सहयोगी को प्राथमिकता देकर अंतर-कोरियाई शांति समझौतों से विश्वासघात करने का आरोप लगाया.

उन्होंने मांग की कि अमेरिका को दक्षिण कोरिया के साथ अपने सैन्य अभ्यास को 'स्थायी रूप से' रोक देना चाहिए और अगर वह 1950-53 के कोरियाई युद्ध को समाप्त करना चाहता है तथा ' वास्तव में कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति एवं सुलह की इच्छा रखता है' तो अमेरिकी रणनीतिक हथियारों की तैनाती को समाप्त कर देना चाहिए.

सैन्य अभ्यास को युद्ध का पूर्वाभ्यास करार दिया
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सैन्य अभ्यास को उत्तर कोरिया पारंपरिक रूप से युद्ध का पूर्वाभ्यास करार देता है. किम सोंग ने कहा, 'कोरियाई प्रायद्वीप पर एक नए युद्ध का संभावित खतरा डीपीआरके (कोरिया डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक) पर अमेरिका की मेहरबानी के कारण नहीं, बल्कि इसलिए थमा हुआ है क्योंकि हमारा देश एक विश्वसनीय निवारक विकसित कर रहा है जो किसी सैन्य आक्रमण की स्थिति में शत्रु ताकतों को नियंत्रित कर सकता है.'

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने हाल में घोषणा की थी कि उसने 20 वर्ष के बाद अफगानिस्तान में सबसे लंबे युद्ध को समाप्त कर दिया है. इस पर किम सोंग ने कहा, 'लेकिन अमेरिका अब भी इस वास्तविकता की अनदेखी कर रहा है कि कोरियाई युद्ध 70 वर्षों से अधिक समय से समाप्त नहीं हुआ है.'

पढ़ें- चिर प्रतिद्वंद्वी कोरियाई देशों ने मिसाइल परीक्षण किए, तनाव बढ़ा

किम ने 'सैन्य खतरों तथा शत्रुतापूर्ण कृत्यों' का हवाला दिया और कहा कि डीपीआरके ने अमेरिका से हर दिन इसका सामना किया है. उत्तर कोरिया की स्थापना 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद हुई थी, जब देश का विभाजन हुआ था.

पढ़ें- उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के समक्ष शत्रुतापूर्ण नीतियां छोड़ने की शर्त रखी

उत्तर कोरिया 'शत्रुतापूर्ण नीति' शब्द का मुख्य रूप से इस्तेमाल अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम पर अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों और अमेरिका एवं दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के संदर्भ में करता है.

(पीटीआई-भाषा)

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