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पाक का अंधेरा दूर करने में जुटा चीन

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Published : Jun 26, 2021, 9:42 AM IST

पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर ने कहा, परियोजना पाकिस्तान में संचरण क्षमता को बढ़ाएगी और उपभोक्ताओं को राहत देगी. बीजिंग में समारोह में बोलते हुए, चीन के राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के प्रमुख झांग जियानहुआ ने कहा कि मटियारी-लाहौर ट्रांसमिशन लाइन सीपीईसी की पहली बड़े पैमाने की ट्रांसमिशन परियोजना है.

हम्माद अजहर
हम्माद अजहर

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर (Pakistan Energy Minister Hammad Azhar) ने शुक्रवार को कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (China Pakistan Economic Corridor- CPEC) के तहत 660 केवी मटियारी-लाहौर हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट (HVDC) ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट (transmission project) से देश की बिजली व्यवस्था में स्थिरता आएगी. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद और चीन के बीजिंग में वीडियो लिंक के माध्यम से एक साथ आयोजित प्रोजेक्ट के प्रसारण समारोह को संबोधित करते हुए, अजहर ने कहा कि परियोजना पाकिस्तान में संचरण क्षमता को बढ़ाएगी और उपभोक्ताओं को राहत देगी.

मंत्री ने कहा कि परियोजना पाकिस्तान में नई तकनीक लेकर आई है और सिंध में स्थित बिजली संयंत्रों से उत्तरी लोड केंद्रों तक बिजली पहुंचाएगी, जिससे उनकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके.

उन्होंने कहा, सीपीईसी पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण (CPEC very important for Pakistan) है. यह देश को औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने, ऊर्जा और संचार बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और क्षेत्र के भीतर कनेक्टिविटी में सुधार करने में सक्षम बनाएगा.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ PM मोदी की बैठक को पाक ने बताया 'नाटक'

बीजिंग में समारोह में बोलते हुए, चीन के राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के प्रमुख झांग जियानहुआ ने कहा कि मटियारी-लाहौर ट्रांसमिशन लाइन सीपीईसी की पहली बड़े पैमाने की ट्रांसमिशन परियोजना है.

इस्लामाबाद में कार्यक्रम में बोलते हुए, पाकिस्तान में चीनी राजदूत नोंग रोंग ने कहा कि सीपीईसी ने औद्योगिक, कृषि और सामाजिक-आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले विकास के एक नए चरण में प्रवेश किया है. उन्होंने कहा कि मटियारी-लाहौर परियोजना पाकिस्तान में स्थिर बिजली आपूर्ति में योगदान देगी और देश के औद्योगीकरण को बढ़ावा देगी.

मटियारी-लाहौर ट्रांसमिशन परियोजना का निर्माण दिसंबर 2018 में शुरू हुआ था और निर्माण अवधि के दौरान स्थानीय लोगों के लिए लगभग 7,000 नौकरियों का सृजन किया गया था. इस परियोजना के इस साल के अंत में वाणिज्यिक संचालन में आने की उम्मीद है और यह सालाना 30 अरब किलोवाट-घंटे से ज्यादा बिजली संचारित कर सकता है.

(आईएएनएस)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर (Pakistan Energy Minister Hammad Azhar) ने शुक्रवार को कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (China Pakistan Economic Corridor- CPEC) के तहत 660 केवी मटियारी-लाहौर हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट (HVDC) ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट (transmission project) से देश की बिजली व्यवस्था में स्थिरता आएगी. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद और चीन के बीजिंग में वीडियो लिंक के माध्यम से एक साथ आयोजित प्रोजेक्ट के प्रसारण समारोह को संबोधित करते हुए, अजहर ने कहा कि परियोजना पाकिस्तान में संचरण क्षमता को बढ़ाएगी और उपभोक्ताओं को राहत देगी.

मंत्री ने कहा कि परियोजना पाकिस्तान में नई तकनीक लेकर आई है और सिंध में स्थित बिजली संयंत्रों से उत्तरी लोड केंद्रों तक बिजली पहुंचाएगी, जिससे उनकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके.

उन्होंने कहा, सीपीईसी पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण (CPEC very important for Pakistan) है. यह देश को औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने, ऊर्जा और संचार बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और क्षेत्र के भीतर कनेक्टिविटी में सुधार करने में सक्षम बनाएगा.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ PM मोदी की बैठक को पाक ने बताया 'नाटक'

बीजिंग में समारोह में बोलते हुए, चीन के राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के प्रमुख झांग जियानहुआ ने कहा कि मटियारी-लाहौर ट्रांसमिशन लाइन सीपीईसी की पहली बड़े पैमाने की ट्रांसमिशन परियोजना है.

इस्लामाबाद में कार्यक्रम में बोलते हुए, पाकिस्तान में चीनी राजदूत नोंग रोंग ने कहा कि सीपीईसी ने औद्योगिक, कृषि और सामाजिक-आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले विकास के एक नए चरण में प्रवेश किया है. उन्होंने कहा कि मटियारी-लाहौर परियोजना पाकिस्तान में स्थिर बिजली आपूर्ति में योगदान देगी और देश के औद्योगीकरण को बढ़ावा देगी.

मटियारी-लाहौर ट्रांसमिशन परियोजना का निर्माण दिसंबर 2018 में शुरू हुआ था और निर्माण अवधि के दौरान स्थानीय लोगों के लिए लगभग 7,000 नौकरियों का सृजन किया गया था. इस परियोजना के इस साल के अंत में वाणिज्यिक संचालन में आने की उम्मीद है और यह सालाना 30 अरब किलोवाट-घंटे से ज्यादा बिजली संचारित कर सकता है.

(आईएएनएस)

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