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नेपाल : प्रधानमंत्री केपी ओली और प्रचंड के बीच हुई बातचीत - पुष्पकमल दहल प्रचंड

सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पकमल दहल के बीच बातचीत हुई. इस बैठक को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी. हालांकि, दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के ब्योरे का अभी खुलासा नहीं हुआ है.

प्रधानमंत्री केपी ओली और प्रचंड
प्रधानमंत्री केपी ओली और प्रचंड
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Published : Aug 25, 2020, 10:37 PM IST

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' के बीच मंगलवार को बातचीत हुई. पार्टी में जारी गतिरोध का समाधान करने के लिए छह सदस्यीय समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह बैठक हुई है.

हालांकि, दोनों शीर्ष नेताओं के बीच हुई बातचीत में क्या सहमति बनी है, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है.

लेकिन, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थाई समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि दोनों नेता शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए. नौ सदस्यीय इकाई दोनों शीर्ष नेताओं द्वारा बनाए गए कार्यबल की रिपोर्ट पर चर्चा करेगी.

यह भी पढ़ें- जानें कैसे चीन की विस्तारवादी नीति का शिकार हो रहा है नेपाल

समिति ने 23 अगस्त को अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि ओली को प्रधानमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने दिया जाए, जबकि पार्टी मामलों की पूरी कार्यकारी शक्ति कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड के पास रहे. मतभेदों को दूर करने के लिए ओली और प्रचंड के बीच इससे पहले लगभग एक दर्जन बैठकें हो चुकी हैं.

सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री ओली की भारत विरोधी टिप्पणियों को प्रचंड ने अनुचित करार दिया था. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि केपी ओली को प्रधानमंत्री से हटाया जा सकता है.

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' के बीच मंगलवार को बातचीत हुई. पार्टी में जारी गतिरोध का समाधान करने के लिए छह सदस्यीय समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह बैठक हुई है.

हालांकि, दोनों शीर्ष नेताओं के बीच हुई बातचीत में क्या सहमति बनी है, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है.

लेकिन, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थाई समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि दोनों नेता शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए. नौ सदस्यीय इकाई दोनों शीर्ष नेताओं द्वारा बनाए गए कार्यबल की रिपोर्ट पर चर्चा करेगी.

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समिति ने 23 अगस्त को अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि ओली को प्रधानमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने दिया जाए, जबकि पार्टी मामलों की पूरी कार्यकारी शक्ति कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड के पास रहे. मतभेदों को दूर करने के लिए ओली और प्रचंड के बीच इससे पहले लगभग एक दर्जन बैठकें हो चुकी हैं.

सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री ओली की भारत विरोधी टिप्पणियों को प्रचंड ने अनुचित करार दिया था. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि केपी ओली को प्रधानमंत्री से हटाया जा सकता है.

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