काठमांडू : नेपाल में संकट का सामना कर रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सत्ता में बने रहने के प्रयास के तहत 10 मई को संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे.
एक आधिकारिक बयान में रविवार को बताया गया कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर 10 मई को संसद का सत्र आहूत किया है.
विश्वास मत हासिल करने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में ओली (69) को कम से कम 136 वोट चाहिए क्योंकि चार सदस्य अभी निलंबित हैं.
नेपाली मीडिया की खबरों के मुताबिक, रविवार को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ओली ने कहा कि सत्ता बरकरार रखने के लिए संसद में विश्वास मत जीतने का प्रयास करेंगे.
पिछले साल प्रतिनिधि सभा को भंग करने के प्रधानमंत्री के विवादास्पद निर्णय के बाद देश में शुरू राजनीतिक गतिरोध के बीच ओली ने यह फैसला किया है.
कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्री लीला नाथ श्रेष्ठ ने 'काठमांडू पोस्ट' को बताया कि प्रधानमंत्री 10 मई को विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे. यह केवल एक दिन का सत्र होगा.
श्रेष्ठ ने कहा कि ओली ठप पड़ी राजनीतिक प्रक्रिया को आगे ले जाना चाहते हैं. सरकार को यकीन है कि वह विश्वास मत जीत लेगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो गठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया होगी.
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प्रधानमंत्री ओली ने यह फैसला ऐसे वक्त किया है जब नेपाल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. नेपाल में रविवार को कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 7,137 नए मामले सामने आए. देश में संक्रमितों की संख्या 329,000 हो गई है जबकि मृतक संख्या 3325 हो गई है.