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नेपाल में जलप्रलय से 67 की मौत : बीमारियों का खतरा मंडराया, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद की अपील

नेपाल में आई बाढ़ में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 32 लोग लापता हो गए हैं. बाढ़ के कारण जगह जगह पानी भर जाने के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. बीमारियों से निपटने के लिए नेपाल सरकार ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद मांगी है.

नेपाल में बाढ़
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Published : Jul 15, 2019, 8:04 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 9:49 PM IST

काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है. बाढ़ के कारण नेपाल में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इसकी वजह से नेपाल ने उचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिये अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद मांगी है.

मीडिया के अनुसार, बाढ़ में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है.बृहस्पतिवार से हो रही भारी बारिश के कारण 25 जिले और 10,385 लोग प्रभावित हुए हैं.

नेपाल में बाढ़

बाढ़ के कारण 32 लोग लापता हो चुके हैं. साथ ही देश के मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है.कलंकी, कुपोंडोल, कुलेश्वोर और बल्खू समेत काठमांडू के कई हिस्से शुक्रवार से जलमग्न है.

नेपाल पुलिस ने बताया कि उन्होंने काठमांडू, ललितपुर, धडिंग, रोतहट, चितवन और सिरहा समेत देश के विभिन्न भागों से 1,445 लोगों को बचाया है.

'काठमांडू पोस्ट' की एक खबर के मुताबिक बारिश से हुई क्षति के आकलन के लिये रविवार को आपात बैठक बुलायी गयी. इस बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) और अन्य एजेंसियां शामिल थीं.

स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय द्वारा स्थापित स्वास्थ्य आपात संचालन केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एजेंसियों से मदद और बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित जिलों में अपनी टीमें भेजने का अनुरोध किया है.

रविवार को आयोजित बैठक में केंद्र ने प्रभावित जिलों में महामारी फैलने की आशंका से इन एजेंसियों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया.

पढ़ें- नेपाल में बाढ़ का तांडव: मृतकों की संख्या 43 तक पहुंची, 24 लापता

केंद्र के प्रमुख चूड़ामणि भंडारी ने अखबार को बताया, ' हमने उनसे जरूरतमंद इलाकों में अपने स्थानीय तंत्र सक्रिय करने का अनुरोध किया है। हमारी सभी अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एजेंसियां हर तरह की मदद मुहैया कराने को तैयार हैं.'

भंडारी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र स्तर के सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों को डॉक्टरों की एक आपात टीम आपदा प्रभावित इलाकों में भेजने का निर्देश दिया है.

मौसम संबंधी पूर्वानुमान प्रभाग (एमएफडी) ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि कम दृश्यता के कारण हवाई और सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है. भारी बारिश के कारण नदियों का जल स्तर बढ़ गया है.

काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है. बाढ़ के कारण नेपाल में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इसकी वजह से नेपाल ने उचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिये अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद मांगी है.

मीडिया के अनुसार, बाढ़ में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है.बृहस्पतिवार से हो रही भारी बारिश के कारण 25 जिले और 10,385 लोग प्रभावित हुए हैं.

नेपाल में बाढ़

बाढ़ के कारण 32 लोग लापता हो चुके हैं. साथ ही देश के मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है.कलंकी, कुपोंडोल, कुलेश्वोर और बल्खू समेत काठमांडू के कई हिस्से शुक्रवार से जलमग्न है.

नेपाल पुलिस ने बताया कि उन्होंने काठमांडू, ललितपुर, धडिंग, रोतहट, चितवन और सिरहा समेत देश के विभिन्न भागों से 1,445 लोगों को बचाया है.

'काठमांडू पोस्ट' की एक खबर के मुताबिक बारिश से हुई क्षति के आकलन के लिये रविवार को आपात बैठक बुलायी गयी. इस बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) और अन्य एजेंसियां शामिल थीं.

स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय द्वारा स्थापित स्वास्थ्य आपात संचालन केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एजेंसियों से मदद और बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित जिलों में अपनी टीमें भेजने का अनुरोध किया है.

रविवार को आयोजित बैठक में केंद्र ने प्रभावित जिलों में महामारी फैलने की आशंका से इन एजेंसियों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया.

पढ़ें- नेपाल में बाढ़ का तांडव: मृतकों की संख्या 43 तक पहुंची, 24 लापता

केंद्र के प्रमुख चूड़ामणि भंडारी ने अखबार को बताया, ' हमने उनसे जरूरतमंद इलाकों में अपने स्थानीय तंत्र सक्रिय करने का अनुरोध किया है। हमारी सभी अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एजेंसियां हर तरह की मदद मुहैया कराने को तैयार हैं.'

भंडारी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र स्तर के सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों को डॉक्टरों की एक आपात टीम आपदा प्रभावित इलाकों में भेजने का निर्देश दिया है.

मौसम संबंधी पूर्वानुमान प्रभाग (एमएफडी) ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि कम दृश्यता के कारण हवाई और सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है. भारी बारिश के कारण नदियों का जल स्तर बढ़ गया है.

RESTRICTION SUMMARY: AP CLIENTS ONLY
SHOTLIST:  
ASSOCIATED PRESS - AP CLIENTS ONLY
Kathmandu - 12 July 2019
1. Flood waters flowing through a residential area
2. A police station flooded by overflowing rivers
3. People watching swollen river from a bridge
4. Close-up of flooded river
5. Residents watching the flooded river
6. Wide of a swollen river
Mahottari - 12 July 2019
7. Major East-West highway flooded
8. People looking at flooded highway
Biratnagar - 12 July 2019
9.  Flooded street
10. People trying to save their belongings from flooded homes
11. Wide of flooded street, men carrying a refridgerator
12. Various of women wading through flooded street
13. Homes submerged by floods
14. People carrying their belongings away from flooded homes
STORYLINE:
Flooding and landslides triggered by heavy rainfall have killed at least 43 people in Nepal in the past few days, with more deaths reported across the Himalayan border in India, according to police.
At least 24 others are missing, either swept away by swollen rivers or buried by mudslides since rains began pounding the region Friday.
Roads and highways have been blocked in parts of Nepal while communication towers are knocked down.
Rain-triggered floods and mudslides have left a trail of destruction in other parts of South Asia.
Officials in northeastern India have reported at least a dozen people dead and over a million affected.
The dead include two schoolchildren who were buried when their boarding school collapsed while they were asleep in Tawang in Arunachal Pradesh state.
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Last Updated : Jul 15, 2019, 9:49 PM IST
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