ढाका : बांग्लादेश में हिंसा के लंबित मामलों के संबंध में अलग-अलग हिस्सों से एक कट्टरपंथी इस्लामी समूह के चार नेताओं को गिरफ्तार किया गया है.
'ढाका ट्रिब्यून' की गुरुवार को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, हिफाजत-ए-इस्लाम के चार नेताओं को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. उन पर पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने और 2013 में हिंसक प्रदर्शन करने का आरोप लगाए जा सकते हैं.
2013 में हुए हिंसक प्रदर्शनों में कई लोग मारे गए थे जब इस समूह ने ईशनिंदा कानून लागू करने की मांग की थी.
इस कट्टरपंथी इस्लामी समूह द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शन करने के बाद हाल के हफ्तों में कई हिफाजत नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया.
अखबार ने बताया कि हिफाजत-ए-इस्लाम की भंग हो चुकी केंद्रीय समिति के सदस्य मौलाना अब्दुल कय्यूम को बुधवार को उत्तरी नेत्रकोना जिले के मदरसे से गिरफ्तार किया गया.
कय्यूम 2013 के दंगों का मुख्य आरोपी है. ढाका के डेमरा इलाके में हिफाजत-ए-इस्लाम के संयुक्त सचिव मोहम्मद मुफ्ती फैजल महमूद हबीबी को 2013 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया.
हिफाजत के एक अन्य नेता मोहम्मद मुफ्ती हबीबुल्लाह महमूद काशमी को भी इस संबंध में गिरफ्तार किया गया. काश्मी को बुधवार शाम को ढाका के वटारा इलाके से पकड़ा गया.
इसी तरह हिफाजत नेता मुफ्ती हारुन इजहार को बुधवार रात को ढाका के लालखान बाजार इलाके में एक मदरसे से गिरफ्तार किया गया.
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इजहार हिंसा के 11 मामलों में वांछित है. वह लालखान बाजार मदरसे में सात अक्टूबर 2013 को कथित ग्रेनेड हमले के लिए जेल में भी रह चुका है. इस हमले में दो छात्र मारे गए थे और कई लोग घायल हो गए थे.