ETV Bharat / international

कौन हैं मौलाना, जिसने इमरान को इस्तीफा देने की दी है मोहलत

author img

By

Published : Nov 2, 2019, 1:40 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 7:59 PM IST

पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार पर संकट गहराता जा रहा है. वहां के एक मौलाना ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. उनका कहना है कि इमरान खान इस्तीफा दें. वे पीएम पद के लायक नहीं हैं. मौलाना ने इमरान को पाक का गोर्बाचोव कहा है. आइए जानते हैं आखिर कौन हैं ये मौलाना, जिन्होंने इमरान को अल्टीमेटम दिया है.

इमरान खान और फजलुर रहमान (डिजाइन फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में एक बार फिर से सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. कट्टरपंथी धार्मिक नेता मौलाना फजलुर रहमान ने प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन की मोहलत दी है. उन्होंने खान को 'पाकिस्तान का गोर्बाचोव' बताते हुए कहा कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के सयंम की परीक्षा लिए बिना पद छोड़ दें.

इमरान खान सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए शुरू आजादी मार्च के इस्लामाबाद पहुंचने पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि 'संस्थाओं' को नहीं, बल्कि केवल पाकिस्तान के लोगों को इस देश पर शासन करने का अधिकार है.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्टूबर को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दक्षिणी सिंध प्रांत से 'आजादी मार्च' शुरू किया था.

इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन
इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन

इस रैली में रहमान के अलावा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल लीग के नेता शामिल हुए थे.

रहमान ने कहा, '25 जुलाई का चुनाव फर्जी है. हम न तो उसके नतीजों को स्वीकार करते हैं और न ही उस सरकार को जो उस चुनाव के बाद आई... पिछले एक साल से यह सरकार है लेकिन अब हम इसे और अधिक नहीं चाहते.'

उन्होंने कहा, 'खान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार ने अर्थव्यस्था को तबाह कर दिया है और देश के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है.'

इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन
इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन

रहमान ने कहा, 'पाकिस्तान के गोर्बाचेव को जाना ही होगा. हमनें खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय दिया है अगर ऐसा नहीं होता तो हम भविष्य तय करेंगे.'

उन्होंने कहा, 'प्रदर्शनकारी शांत हैं, लेकिन उनके संयम की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए. रहमान ने समर्थकों से अपील की कि वे इमरान के इस्तीफे तक इस्लामाबाद में जमे रहे.'

इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन
इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन

रहमान ने कहा कि मोहलत के बावजूद मांग नहीं पूरी होने की स्थिति में विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारियों से परामर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.

उन्होंने शक्तिशाली संस्थाओं (सैन्य बलों) को इस स्थिति में तटस्थ रहने की अपील की.

जमीयत प्रमुख ने कहा, 'हम संस्थाओं से टकराव नहीं चाहते, लेकिन उन्हें तटस्थ देखना चाहते हैं. हम संस्थाओं को विचार करने के लिए दो दिन का समय देते हैं और अगर इसके बावजदू वे इस सरकार का समर्थन जारी रखेंगे, तो उसके बाद हम उन संस्थाओं के प्रति अपने विचार तय करेंगे.'

रहमान ने सरकार की कश्मीर नीति की आलोचना करते हुए कश्मीरियों को उनके हाल पर छोड़ देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार करतारपुर गलियारा खोलकर भारत के साथ दोस्ती कर रही है.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'समय आ गया है कि इस फर्जी सरकार से मुक्ति मिले. हम इमरान खान नियाजी को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि पाकिस्तान उनसे मुक्त नहीं हो जाता.'

शाहबाज शरीफ ने कहा, 'हमने इस सरकार से मुक्ति के लिए अभियान शुरू किया है और अब इसे मुकाम तक ले जाएंगे.' उन्होंने दावा किया कि मौका मिलने पर एकजुट विपक्ष देश की अर्थव्यवस्था को छह महीने में स्थिर करके दिखाएगा.

अवामी नेशनल पार्टी नेता मियां इफ्तिखार हुसैन ने कहा कि विपक्षी पार्टियां तब तक चुप नहीं बैठेंगी जब तक कि तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को घर नहीं भेज दिया जाता.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान खान कठपुतली हैं और देश चयनित प्रधानमंत्री और उनका चयन करने वालों के सामने सिर झुकाने को तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा, 'अगर हम महसूस करेंगे कि इस नाजायज हुकूमत के पीछे प्रतिष्ठान हैं और वे इसकी सुरक्षा कर रहे हैं तो फिर दो दिन की मोहलत है, उसके बाद हमें न रोका जाए कि हम प्रतिष्ठानों के बारे में क्या राय बनाएं.'
प्रधानमंत्री इमरान खान के पास इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय है. अन्यथा, इस विशाल जनसमूह के पास यह ताकत है कि वह प्रधानमंत्री के घर जाकर उन्हें गिरफ्तार कर ले.

मौलाना ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी एक दल का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का है. सभी का यही कहना है कि आम चुनाव एक फ्राड था और अवाम धांधली का शिकार हुए थे. बहुत मोहलत दे दी, अब और नहीं दे सकते. इस सरकार को जाना होगा, देश यही चाहता है.

पढ़ें- आम पाकिस्तानी कश्मीर को नहीं मानते हैं अहम मुद्दाः सर्वेक्षण

उन्होंने कहा कि सरकार ने वादे के मुताबिक, पचास लाख घर बनाने के बजाए पचास लाख घर गिरा दिए. एक करोड़ नौकरियां देने के बजाए पच्चीस लाख लोगों को बेरोजगार कर दिया. अवाम को ऐसे अक्षम हुक्मरानों के रहमो-करम पर नहीं छोड़ा जा सकता.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में एक बार फिर से सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. कट्टरपंथी धार्मिक नेता मौलाना फजलुर रहमान ने प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन की मोहलत दी है. उन्होंने खान को 'पाकिस्तान का गोर्बाचोव' बताते हुए कहा कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के सयंम की परीक्षा लिए बिना पद छोड़ दें.

इमरान खान सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए शुरू आजादी मार्च के इस्लामाबाद पहुंचने पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि 'संस्थाओं' को नहीं, बल्कि केवल पाकिस्तान के लोगों को इस देश पर शासन करने का अधिकार है.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्टूबर को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दक्षिणी सिंध प्रांत से 'आजादी मार्च' शुरू किया था.

इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन
इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन

इस रैली में रहमान के अलावा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल लीग के नेता शामिल हुए थे.

रहमान ने कहा, '25 जुलाई का चुनाव फर्जी है. हम न तो उसके नतीजों को स्वीकार करते हैं और न ही उस सरकार को जो उस चुनाव के बाद आई... पिछले एक साल से यह सरकार है लेकिन अब हम इसे और अधिक नहीं चाहते.'

उन्होंने कहा, 'खान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार ने अर्थव्यस्था को तबाह कर दिया है और देश के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है.'

इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन
इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन

रहमान ने कहा, 'पाकिस्तान के गोर्बाचेव को जाना ही होगा. हमनें खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय दिया है अगर ऐसा नहीं होता तो हम भविष्य तय करेंगे.'

उन्होंने कहा, 'प्रदर्शनकारी शांत हैं, लेकिन उनके संयम की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए. रहमान ने समर्थकों से अपील की कि वे इमरान के इस्तीफे तक इस्लामाबाद में जमे रहे.'

इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन
इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन

रहमान ने कहा कि मोहलत के बावजूद मांग नहीं पूरी होने की स्थिति में विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारियों से परामर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.

उन्होंने शक्तिशाली संस्थाओं (सैन्य बलों) को इस स्थिति में तटस्थ रहने की अपील की.

जमीयत प्रमुख ने कहा, 'हम संस्थाओं से टकराव नहीं चाहते, लेकिन उन्हें तटस्थ देखना चाहते हैं. हम संस्थाओं को विचार करने के लिए दो दिन का समय देते हैं और अगर इसके बावजदू वे इस सरकार का समर्थन जारी रखेंगे, तो उसके बाद हम उन संस्थाओं के प्रति अपने विचार तय करेंगे.'

रहमान ने सरकार की कश्मीर नीति की आलोचना करते हुए कश्मीरियों को उनके हाल पर छोड़ देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार करतारपुर गलियारा खोलकर भारत के साथ दोस्ती कर रही है.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'समय आ गया है कि इस फर्जी सरकार से मुक्ति मिले. हम इमरान खान नियाजी को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि पाकिस्तान उनसे मुक्त नहीं हो जाता.'

शाहबाज शरीफ ने कहा, 'हमने इस सरकार से मुक्ति के लिए अभियान शुरू किया है और अब इसे मुकाम तक ले जाएंगे.' उन्होंने दावा किया कि मौका मिलने पर एकजुट विपक्ष देश की अर्थव्यवस्था को छह महीने में स्थिर करके दिखाएगा.

अवामी नेशनल पार्टी नेता मियां इफ्तिखार हुसैन ने कहा कि विपक्षी पार्टियां तब तक चुप नहीं बैठेंगी जब तक कि तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को घर नहीं भेज दिया जाता.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान खान कठपुतली हैं और देश चयनित प्रधानमंत्री और उनका चयन करने वालों के सामने सिर झुकाने को तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा, 'अगर हम महसूस करेंगे कि इस नाजायज हुकूमत के पीछे प्रतिष्ठान हैं और वे इसकी सुरक्षा कर रहे हैं तो फिर दो दिन की मोहलत है, उसके बाद हमें न रोका जाए कि हम प्रतिष्ठानों के बारे में क्या राय बनाएं.'
प्रधानमंत्री इमरान खान के पास इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय है. अन्यथा, इस विशाल जनसमूह के पास यह ताकत है कि वह प्रधानमंत्री के घर जाकर उन्हें गिरफ्तार कर ले.

मौलाना ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी एक दल का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का है. सभी का यही कहना है कि आम चुनाव एक फ्राड था और अवाम धांधली का शिकार हुए थे. बहुत मोहलत दे दी, अब और नहीं दे सकते. इस सरकार को जाना होगा, देश यही चाहता है.

पढ़ें- आम पाकिस्तानी कश्मीर को नहीं मानते हैं अहम मुद्दाः सर्वेक्षण

उन्होंने कहा कि सरकार ने वादे के मुताबिक, पचास लाख घर बनाने के बजाए पचास लाख घर गिरा दिए. एक करोड़ नौकरियां देने के बजाए पच्चीस लाख लोगों को बेरोजगार कर दिया. अवाम को ऐसे अक्षम हुक्मरानों के रहमो-करम पर नहीं छोड़ा जा सकता.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Nov 2, 2019, 7:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.