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जापान में क्रूज पर फंसे भारतीय की अपील- 'स्थिति बिगड़े, उससे पहले हमें बचाएं' - क्रूज पोत पर सवार भारतीयों ने मांगी मदद

जापान के योकोहामा बंदरगाह पर पिछले पांच दिनों से रोके गए क्रूज जलपोत में सौ से ज्यादा लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की अब तक पुष्टि हुई है. इस क्रूज पोत पर सवार डेढ़ सौ से ज्यादा भारतीयों में हालांकि अब तक कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है, इसके बावजूद भारतीय यात्री व चालक दल के भारतीय सदस्य बहुत चिंतित हैं और क्रूज पोत में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत मदुरैवासी अंबाझगन ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर से वाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है. पढ़ें पूरी खबर...

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जहाज पर फंसे भारतीय
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Published : Feb 11, 2020, 9:18 PM IST

Updated : May 14, 2022, 12:01 PM IST

टोक्यो : जापान के योकोहामा बंदरगाह पर पिछले पांच दिनों से रोके गए क्रूज जलपोत में सौ से ज्यादा लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की अब तक पुष्टि हुई है. इस क्रूज पोत पर सवार डेढ़ सौ से ज्यादा भारतीयों में हालांकि अब तक कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है, इसके बावजूद भारतीय यात्री व चालक दल के भारतीय सदस्य बहुत चिंतित हैं और क्रूज पोत में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत मदुरैवासी अंबाझगन ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर से वाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है. इसी क्रम में मदुरैवासी अंबाझगन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह क्रूज पोत डायमंड प्रिंसेज पर सवार 160 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए तत्काल कोई प्रबंध करे.

पढ़ें : डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस का नाम बदलकर रखा 'कोविड-19'

गौरतलब है कि चीन से जापान के लिए चला क्रूज पोत कोरोना वायरस के भय से योकोहामा हार्बर पर पिछले पांच दिनों से रोक कर रखा गया है. क्रूज पोत में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत अंबाझगन ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर से वाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये खास बातचीत में अपनी चिंता जाहिर की. अंबाझगन ने कहा, 'शुरुआत में मै कोरोना वायरस को सामान्य ही ले रहा था, लेकिन जो सूचनाएं मिल रही हैं, वे चौंकाने और डराने वाली भी हैं. स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है. शुरुआत में जहाज पर केवल 10 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे. लेकिन कुछ दिनों में ही 60 लोग प्रभावित हो गए और अब यह संख्या बढ़कर 120 के करीब हो चुकी है. राहत की बात यह है कि वायरस से प्रभावितों में अब तक एक भी भारतीय नहीं है. लेकिन अगर भारत सरकार जल्द ही हम सब फंसे लोगों को यहां से बाहर निकालने की व्यवस्था नहीं करती तो हम भी वायरस से प्रभावित हो सकते है.'

उन्होंने कहा, 'हमारे दल में 50 देशों के एक हजार से अधिक लोग फंसे हुए है, राहत की बात सिर्फ इतनी है कि जापान सरकार ने क्रूज पोत का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुरूप समस्या सुलझाने का प्रयास कर रही है.' अंबाझगन ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा, 'जब चीन में ऐसी स्थिति बनी तो भारत सरकार ने एअर इंडिया की फ्लाइट भेजकर अपने लोगों को बचाया था. ठीक इसी तरह से अब भारत सरकार को हम सब को यहां से निकालने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.'

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस से निबटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार : डॉ. हर्षवर्धन

क्रूज पोत पर ही मौजूद पश्चिम बंगाल के विनय कुमार सरकार ने कहा 'अगर हम अपनी जॉब खो देते हैं तो हमें कोई और जॉब मिल जाएगी, लेकिन अगर हमने अपना जीवन खो दिया तो फिर क्या होगा. यहां पर मरने वाले लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ने की आशंका दिखाई पड़ रही है क्योंकि लोग एक सीमित स्थान पर ही ठहरे हुए हैं. अभी जापान सरकार हमें खाना और पानी देकर हमारी मदद कर रही है. लेकिन हम जिंदा रहना चाहते हैं, इसलिए भारत सरकार तुरंत हमारी मदद के लिए कोई ठोस कदम उठाए.'

मेरठ के सॉफ्टवेयर इंजीनियर के परिजन ने भी सरकार से मांगी मदद : उसी क्रूज पोत पर मेरठ के सॉफ्टवेयर इंजीनियर पीयूष शर्मा भी हैं. पीयूष के परिजन ने भी भारत सरकार से उसे सुरक्षित बाहर निकालने की गुहार लगा रहा है. दरअसल, पीयूष भी उसी क्रूज पोत से हांगकांग से जापान जा रहे थे. पीयूष के परिजन ने प्रधानमंत्री को खत लिखकर उनसे आग्रह किया है, 'मेरा बेटा खतरे में है, उसे बचा लीजिए'.

टोक्यो : जापान के योकोहामा बंदरगाह पर पिछले पांच दिनों से रोके गए क्रूज जलपोत में सौ से ज्यादा लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की अब तक पुष्टि हुई है. इस क्रूज पोत पर सवार डेढ़ सौ से ज्यादा भारतीयों में हालांकि अब तक कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है, इसके बावजूद भारतीय यात्री व चालक दल के भारतीय सदस्य बहुत चिंतित हैं और क्रूज पोत में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत मदुरैवासी अंबाझगन ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर से वाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है. इसी क्रम में मदुरैवासी अंबाझगन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह क्रूज पोत डायमंड प्रिंसेज पर सवार 160 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए तत्काल कोई प्रबंध करे.

पढ़ें : डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस का नाम बदलकर रखा 'कोविड-19'

गौरतलब है कि चीन से जापान के लिए चला क्रूज पोत कोरोना वायरस के भय से योकोहामा हार्बर पर पिछले पांच दिनों से रोक कर रखा गया है. क्रूज पोत में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत अंबाझगन ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर से वाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये खास बातचीत में अपनी चिंता जाहिर की. अंबाझगन ने कहा, 'शुरुआत में मै कोरोना वायरस को सामान्य ही ले रहा था, लेकिन जो सूचनाएं मिल रही हैं, वे चौंकाने और डराने वाली भी हैं. स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है. शुरुआत में जहाज पर केवल 10 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे. लेकिन कुछ दिनों में ही 60 लोग प्रभावित हो गए और अब यह संख्या बढ़कर 120 के करीब हो चुकी है. राहत की बात यह है कि वायरस से प्रभावितों में अब तक एक भी भारतीय नहीं है. लेकिन अगर भारत सरकार जल्द ही हम सब फंसे लोगों को यहां से बाहर निकालने की व्यवस्था नहीं करती तो हम भी वायरस से प्रभावित हो सकते है.'

उन्होंने कहा, 'हमारे दल में 50 देशों के एक हजार से अधिक लोग फंसे हुए है, राहत की बात सिर्फ इतनी है कि जापान सरकार ने क्रूज पोत का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुरूप समस्या सुलझाने का प्रयास कर रही है.' अंबाझगन ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा, 'जब चीन में ऐसी स्थिति बनी तो भारत सरकार ने एअर इंडिया की फ्लाइट भेजकर अपने लोगों को बचाया था. ठीक इसी तरह से अब भारत सरकार को हम सब को यहां से निकालने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.'

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस से निबटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार : डॉ. हर्षवर्धन

क्रूज पोत पर ही मौजूद पश्चिम बंगाल के विनय कुमार सरकार ने कहा 'अगर हम अपनी जॉब खो देते हैं तो हमें कोई और जॉब मिल जाएगी, लेकिन अगर हमने अपना जीवन खो दिया तो फिर क्या होगा. यहां पर मरने वाले लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ने की आशंका दिखाई पड़ रही है क्योंकि लोग एक सीमित स्थान पर ही ठहरे हुए हैं. अभी जापान सरकार हमें खाना और पानी देकर हमारी मदद कर रही है. लेकिन हम जिंदा रहना चाहते हैं, इसलिए भारत सरकार तुरंत हमारी मदद के लिए कोई ठोस कदम उठाए.'

मेरठ के सॉफ्टवेयर इंजीनियर के परिजन ने भी सरकार से मांगी मदद : उसी क्रूज पोत पर मेरठ के सॉफ्टवेयर इंजीनियर पीयूष शर्मा भी हैं. पीयूष के परिजन ने भी भारत सरकार से उसे सुरक्षित बाहर निकालने की गुहार लगा रहा है. दरअसल, पीयूष भी उसी क्रूज पोत से हांगकांग से जापान जा रहे थे. पीयूष के परिजन ने प्रधानमंत्री को खत लिखकर उनसे आग्रह किया है, 'मेरा बेटा खतरे में है, उसे बचा लीजिए'.

Last Updated : May 14, 2022, 12:01 PM IST
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