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मलेशिया में प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन का इस्तीफा, सरकार गिरी

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Published : Aug 16, 2021, 4:02 PM IST

मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने आज मलेशिया नरेश को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.मुहिउद्दीन यासीन मलेशिया के सबसे कम समय तक सत्ता में बने रहने वाले प्रधानमंत्री रहे है.

प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने दिया इस्तीफा
प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने दिया इस्तीफा

कुआलालंपुर : मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने सत्ता संभालने के 18 महीने से भी कम समय पहले ही सोमवार को मलेशिया के नरेश को इस्तीफा सौंप दिया है. वह देश की सत्ता में सबसे कम समय तक आसीन रहे नेता बन गए हैं. वह मार्च 2020 में प्रधानमंत्री बने थे.इससे पहले उन्होंने यह स्वीकार किया था कि शासन करने के लिए आवश्यक बहुमत का समर्थन हासिल नहीं कर पाए है.

विज्ञान मंत्री खैरी जमालुद्दीन ने इंस्टाग्राम पर लिखा, मंत्रिमंडल ने नरेश को इस्तीफा सौंप दिया है. इससे पहले यासीन सोमवार को मलेशिया नरेश से मिलने राजमहल पहुंचे थे. इसके तुरंत बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

उप खेल मंत्री वान अहमद फयहसल वान अहमद कमाल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखी जिसमें मुहिउद्दीन के नेतृत्व और सेवा के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया. पहले से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे देश में अब राजनीतिक संकट भी खड़ा हो गया है. नेताओं के बीच शीर्ष पद के लिए होड़ शुरू हो गई है और उप प्रधानमंत्री इस्माईल साबरी समर्थन जुटा रहे हैं.

मुहिउद्दीन ने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब महामारी से ठीक से नहीं निबट पाने को लेकर जनता में रोष बढ़ता जा रहा है. दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण दर वाले देशों में से एक मलेशिया है.

आपको बता दें कि इस महीने संक्रमण के दैनिक नए मामले 20,000 के पार चले गए हैं वह भी तब जबकि देश में सात महीने से आपात स्थिति चल रही है और संक्रमण से निबटने के लिए जून से यहां लॉकडाउन लगा हुआ है.स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख, निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष और अटॉर्नी जनरल को महल में बुलाया गया था. इनके बाद मुहिउद्दीन वहां पहुंचे थे.

इसे भी पढ़े-अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से स्तब्ध बाइडन प्रशासन, ट्रंप ने बताया सबसे बड़ी हार

मुहिउद्दीन की सरकार निम्नतम स्तर के बहुमत पर चल रही थी और गठबंधन के सबसे बड़े दल के 12 से अधिक सांसदों के समर्थन वापस लेने के बाद यह सरकार अंतत: गिर गई. यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन के दो मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है. मलेशिया के संविधान के अनुसार बहुमत समर्थन खोने वाले प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना होता है और मलेशिया नरेश नए नेता को नियुक्त कर सकते हैं.

सबसे बड़े विपक्षी गठबंधन ने अपने नेता अनवर इब्राहिम को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है लेकिन तीन दलों के इस गठबंधन के पास महज 90 सांसद है जबकि सरकार बनाने के लिए 111 सांसदों की जरूत है. माना जा रहा था कि मुहिउद्दीन को 100 सांसदों का समर्थन हासिल है.

(पीटीआई-भाषा)

कुआलालंपुर : मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने सत्ता संभालने के 18 महीने से भी कम समय पहले ही सोमवार को मलेशिया के नरेश को इस्तीफा सौंप दिया है. वह देश की सत्ता में सबसे कम समय तक आसीन रहे नेता बन गए हैं. वह मार्च 2020 में प्रधानमंत्री बने थे.इससे पहले उन्होंने यह स्वीकार किया था कि शासन करने के लिए आवश्यक बहुमत का समर्थन हासिल नहीं कर पाए है.

विज्ञान मंत्री खैरी जमालुद्दीन ने इंस्टाग्राम पर लिखा, मंत्रिमंडल ने नरेश को इस्तीफा सौंप दिया है. इससे पहले यासीन सोमवार को मलेशिया नरेश से मिलने राजमहल पहुंचे थे. इसके तुरंत बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

उप खेल मंत्री वान अहमद फयहसल वान अहमद कमाल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखी जिसमें मुहिउद्दीन के नेतृत्व और सेवा के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया. पहले से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे देश में अब राजनीतिक संकट भी खड़ा हो गया है. नेताओं के बीच शीर्ष पद के लिए होड़ शुरू हो गई है और उप प्रधानमंत्री इस्माईल साबरी समर्थन जुटा रहे हैं.

मुहिउद्दीन ने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब महामारी से ठीक से नहीं निबट पाने को लेकर जनता में रोष बढ़ता जा रहा है. दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण दर वाले देशों में से एक मलेशिया है.

आपको बता दें कि इस महीने संक्रमण के दैनिक नए मामले 20,000 के पार चले गए हैं वह भी तब जबकि देश में सात महीने से आपात स्थिति चल रही है और संक्रमण से निबटने के लिए जून से यहां लॉकडाउन लगा हुआ है.स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख, निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष और अटॉर्नी जनरल को महल में बुलाया गया था. इनके बाद मुहिउद्दीन वहां पहुंचे थे.

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मुहिउद्दीन की सरकार निम्नतम स्तर के बहुमत पर चल रही थी और गठबंधन के सबसे बड़े दल के 12 से अधिक सांसदों के समर्थन वापस लेने के बाद यह सरकार अंतत: गिर गई. यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन के दो मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है. मलेशिया के संविधान के अनुसार बहुमत समर्थन खोने वाले प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना होता है और मलेशिया नरेश नए नेता को नियुक्त कर सकते हैं.

सबसे बड़े विपक्षी गठबंधन ने अपने नेता अनवर इब्राहिम को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है लेकिन तीन दलों के इस गठबंधन के पास महज 90 सांसद है जबकि सरकार बनाने के लिए 111 सांसदों की जरूत है. माना जा रहा था कि मुहिउद्दीन को 100 सांसदों का समर्थन हासिल है.

(पीटीआई-भाषा)

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