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फ्रांस हमलों के बारे में मेरी टिप्पणी को गलत समझा गया : महातिर - फ्रांस हमलों के बारे में उनकी टिप्पणी

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की इस्लाम पर टिप्पणी को लेकर उन पर हमला बोला. जिसके बाद उन्होंने अब कहा है कि फ्रांस हमलों के बारे में उनकी टिप्पणी को गलत समझा गया है.

former malayasia pm mahathir
मलेशिया के पूर्व नेता महातिर मोहम्मद
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Published : Nov 1, 2020, 7:31 AM IST

कुआलालंपुर : मलेशिया के पूर्व नेता महातिर मोहम्मद ने फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किए गए हमलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर विवाद उठने के बाद शुक्रवार को कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया. महातिर ने अपना पोस्ट हटाने के लिए ट्विटर और फेसबुक की भी आलोचना की.

महातिर ने गुरुवार को अपने ब्लॉग पर लिखा था कि 'मुस्लिमों को पहले के नरसंहारों के लिए नाराज होने का और फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का अधिकार है.'

ट्विटर ने महातिर की टिप्पणी वाला ट्वीट हटा दिया और कहा कि यह हिंसा को महिमामंडित करता है. फ्रांस के डिजिटल मंत्री ने कंपनी से उसके प्लेटफॉर्म पर महातिर पर पाबंदी लगाने का भी अनुरोध किया है.

महातिर ने एक बयान में कहा, 'मैं अपने ब्लॉग में लिखी गई मेरी बात का गलत अर्थ निकाले जाने से निराश हुआ हूं.'

उन्होंने कहा कि आलोचकों ने उनका पूरा पोस्ट नहीं पढ़ा और उस वाक्य को नहीं पढ़ा जिसमें लिखा था, 'लेकिन कुल मिलाकर मुस्लिमों ने 'आंख के बदले आंख लेने’ वाले कानून को लागू नहीं किया है. फ्रांसीसियों को भी नहीं करना चाहिए. इसके बजाय उन्हें अपनी जनता को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए.'

महातिर ने कहा कि उनके स्पष्टीकरण के बाद भी ट्विटर और फेसबुक ने उनकी टिप्पणियों को हटा लिया. उन्होंने इस कदम को आडंबरपूर्ण बताया.

उन्होंने कहा, 'एक तरफ उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के अपमानजनक कार्टून दिखाने वालों का बचाव किया और उम्मीद करते हैं कि सारे मुसलमान बोलने तथा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आंख मूंदकर इसे स्वीकार कर लें.'

पढ़ें - मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर का फ्रांसीसियों पर विवादित बयान

महातिर ने कहा, 'दूसरी तरफ उन्होंने इस बात को जानबूझकर हटा लिया कि मुस्लिमों ने अतीत में उनके खिलाफ अन्याय का बदला लेने की बात कभी नहीं की.'

कुआलालंपुर : मलेशिया के पूर्व नेता महातिर मोहम्मद ने फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किए गए हमलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर विवाद उठने के बाद शुक्रवार को कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया. महातिर ने अपना पोस्ट हटाने के लिए ट्विटर और फेसबुक की भी आलोचना की.

महातिर ने गुरुवार को अपने ब्लॉग पर लिखा था कि 'मुस्लिमों को पहले के नरसंहारों के लिए नाराज होने का और फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का अधिकार है.'

ट्विटर ने महातिर की टिप्पणी वाला ट्वीट हटा दिया और कहा कि यह हिंसा को महिमामंडित करता है. फ्रांस के डिजिटल मंत्री ने कंपनी से उसके प्लेटफॉर्म पर महातिर पर पाबंदी लगाने का भी अनुरोध किया है.

महातिर ने एक बयान में कहा, 'मैं अपने ब्लॉग में लिखी गई मेरी बात का गलत अर्थ निकाले जाने से निराश हुआ हूं.'

उन्होंने कहा कि आलोचकों ने उनका पूरा पोस्ट नहीं पढ़ा और उस वाक्य को नहीं पढ़ा जिसमें लिखा था, 'लेकिन कुल मिलाकर मुस्लिमों ने 'आंख के बदले आंख लेने’ वाले कानून को लागू नहीं किया है. फ्रांसीसियों को भी नहीं करना चाहिए. इसके बजाय उन्हें अपनी जनता को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए.'

महातिर ने कहा कि उनके स्पष्टीकरण के बाद भी ट्विटर और फेसबुक ने उनकी टिप्पणियों को हटा लिया. उन्होंने इस कदम को आडंबरपूर्ण बताया.

उन्होंने कहा, 'एक तरफ उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के अपमानजनक कार्टून दिखाने वालों का बचाव किया और उम्मीद करते हैं कि सारे मुसलमान बोलने तथा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आंख मूंदकर इसे स्वीकार कर लें.'

पढ़ें - मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर का फ्रांसीसियों पर विवादित बयान

महातिर ने कहा, 'दूसरी तरफ उन्होंने इस बात को जानबूझकर हटा लिया कि मुस्लिमों ने अतीत में उनके खिलाफ अन्याय का बदला लेने की बात कभी नहीं की.'

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