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वुहान को बंद करने से कोरोना वायरस अन्य शहरों में देर से पहुंचा : अध्ययन - चीन, अमेरिका और ब्रिटेन

एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह दावा किया गया है कि चीन द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान को पूरी तरह बंद करने और राष्ट्रीय आपात कार्रवाई करने के कारण कोरोना वायरस को अन्य शहरों में फैलने से रोका जा सका.

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Published : Mar 15, 2020, 12:02 AM IST

बीजिंग : एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह दावा किया गया है कि कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान को पूरी तरह बंद करने और राष्ट्रीय आपात कार्रवाई करने के चीन के फैसले से उसे करीब तीन दिनों तक अन्य चीनी शहरों तक फैलने से रोका जा सका.

इसके अलावा संपूर्ण प्रयासों से मध्य फरवरी तक उसके सत्यापित मामलों में 7.44 लाख की कटौती आई.

चीन, अमेरिका और ब्रिटेन के 15 संस्थानों के 22 वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस शोध अध्यन में कहा गया है कि केवल वुहान यात्रा प्रतिबंध से चीन में 202,000 मामले कम हो गए, इस बीमारी को पैर पसारने से रोका जा सका तथा अन्य क्षेत्रों में तैयारी करने के लिए बेशकीमती वक्त मिल गया.

सरकारी अखबार चाइना डेली ने शनिवार को खबर दी कि यह अध्ययन स्वास्थ्य विज्ञान प्रिप्रिंट सर्वर मेडरिक्सिव में प्रकाशित हुआ है. ऐसे अध्ययन की बड़े विद्वानों द्वारा समीक्षा नहीं की गई होती है और उस पर बहस हो सकती है.

वैसे तो हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी वुहान को चीन द्वारा बंद जैसी स्थिति में रखने, पांच करोड़ से अधिक लोगों को 23 जनवरी से ही घूमने फिरने से रोकने के चीन के कदम की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रशंसा की, लेकिन पिछले साल दिसंबर से ही इस विषाणु के तेजी से फैलने पर समय से कार्रवाई नहीं करने को लेकर चीन की आलोचना भी हुई है.

साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि पहला मामला पिछले साल 17 नवंबर को सामने आया था.

साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार मेडिकल समुदाय से जुड़े व्हिस्लब्लोअर से साक्षात्कार से पता चला है कि डॉक्टरों को दिसंबर आखिर तक अहसास हुआ कि उनके सामने एक नयी बीमारी आ खड़ी हुई.

31 दिसंबर, 2019 तक सत्यापित मामलों की संख्या बढ़कर 266 हो गई थी. एक जनवरी, 2020 तक यह संख्या बढ़कर 381 हो गई.

डॉ ली वेनलियांग (29) ने पिछले साल 31 दिसंबर को पहली बार जब सोशल मीडिया पर इस विषाणु के बारे में लिखा तब स्थानीय पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी. बाद में डॉ ली की कोरोना वायरस से मौत हो गई.

पढ़ें- लक्षण नजर आने से पहले ही फैल चुका होता है कोरोना वायरस : अध्ययन

चीन ने शनिवार को कोरोना वायरस से 13 और मौतें होने की बात कही. इसी के साथ देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3189 हो गई है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार तक इस बीमारी के सत्यापित मामलों की संख्या बढ़कर 80,824 हो गई.

चाइना डेली में शनिवार को प्रकाशित शोध अध्ययन में चीन में कोविड को फैलने से रोकने के लिए 19 दिसंबर से 19 फरवरी तक इस महामारी के पहले 50 दिनों में उठाए गए कदमों के प्रभाव का परीक्षण किया गया है.

वुहान में 23 जनवरी को बंद की स्थिति पैदा हुई. उसके अगले दिन पूरे हुबेई प्रांत को बंद कर दिया गया था. अब भी यह प्रक्रिया जारी है.

बीजिंग : एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह दावा किया गया है कि कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान को पूरी तरह बंद करने और राष्ट्रीय आपात कार्रवाई करने के चीन के फैसले से उसे करीब तीन दिनों तक अन्य चीनी शहरों तक फैलने से रोका जा सका.

इसके अलावा संपूर्ण प्रयासों से मध्य फरवरी तक उसके सत्यापित मामलों में 7.44 लाख की कटौती आई.

चीन, अमेरिका और ब्रिटेन के 15 संस्थानों के 22 वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस शोध अध्यन में कहा गया है कि केवल वुहान यात्रा प्रतिबंध से चीन में 202,000 मामले कम हो गए, इस बीमारी को पैर पसारने से रोका जा सका तथा अन्य क्षेत्रों में तैयारी करने के लिए बेशकीमती वक्त मिल गया.

सरकारी अखबार चाइना डेली ने शनिवार को खबर दी कि यह अध्ययन स्वास्थ्य विज्ञान प्रिप्रिंट सर्वर मेडरिक्सिव में प्रकाशित हुआ है. ऐसे अध्ययन की बड़े विद्वानों द्वारा समीक्षा नहीं की गई होती है और उस पर बहस हो सकती है.

वैसे तो हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी वुहान को चीन द्वारा बंद जैसी स्थिति में रखने, पांच करोड़ से अधिक लोगों को 23 जनवरी से ही घूमने फिरने से रोकने के चीन के कदम की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रशंसा की, लेकिन पिछले साल दिसंबर से ही इस विषाणु के तेजी से फैलने पर समय से कार्रवाई नहीं करने को लेकर चीन की आलोचना भी हुई है.

साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि पहला मामला पिछले साल 17 नवंबर को सामने आया था.

साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार मेडिकल समुदाय से जुड़े व्हिस्लब्लोअर से साक्षात्कार से पता चला है कि डॉक्टरों को दिसंबर आखिर तक अहसास हुआ कि उनके सामने एक नयी बीमारी आ खड़ी हुई.

31 दिसंबर, 2019 तक सत्यापित मामलों की संख्या बढ़कर 266 हो गई थी. एक जनवरी, 2020 तक यह संख्या बढ़कर 381 हो गई.

डॉ ली वेनलियांग (29) ने पिछले साल 31 दिसंबर को पहली बार जब सोशल मीडिया पर इस विषाणु के बारे में लिखा तब स्थानीय पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी. बाद में डॉ ली की कोरोना वायरस से मौत हो गई.

पढ़ें- लक्षण नजर आने से पहले ही फैल चुका होता है कोरोना वायरस : अध्ययन

चीन ने शनिवार को कोरोना वायरस से 13 और मौतें होने की बात कही. इसी के साथ देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3189 हो गई है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार तक इस बीमारी के सत्यापित मामलों की संख्या बढ़कर 80,824 हो गई.

चाइना डेली में शनिवार को प्रकाशित शोध अध्ययन में चीन में कोविड को फैलने से रोकने के लिए 19 दिसंबर से 19 फरवरी तक इस महामारी के पहले 50 दिनों में उठाए गए कदमों के प्रभाव का परीक्षण किया गया है.

वुहान में 23 जनवरी को बंद की स्थिति पैदा हुई. उसके अगले दिन पूरे हुबेई प्रांत को बंद कर दिया गया था. अब भी यह प्रक्रिया जारी है.

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