क्वेटा : कोरोना वायरस के खिलाफ जान को जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सकों को पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीआई) की मांग के लिए प्रदर्शन करना पड़ा और यह भी उन्हें भारी पड़ गया. पुलिस ने इन चिकित्सकों व इनका साथ दे रहे अन्य स्वास्थ्यकर्मियों पर लाठीचार्ज किया और कई को गिरफ्तार कर लिया.
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. यासिर खान ने कहा कि 'पुलिस ने कम से कम डेढ़ सौ डॉक्टरों व पैरामेडिक्स को गिरफ्तार किया है.'
एक प्रेस कॉफ्रेंस में एसोसिएशन पदाधिकारियों ने गिरफ्तारियों के विरोध में कामकाज के बहिष्कार का ऐलान किया. डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मुख्यमंत्री के अवास पर प्रदर्शन करना चाह रहे थे जब पुलिस ने उन्हें रोका और लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तारियां धारा 144 का उल्लंघन करने पर की गई हैं.
यह घटना ऐसे समय में हुई जब पाकिस्तान में कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के दौरान कई चिकित्सकों के कोरोना वायरस से ग्रस्त होने के मामले सामने आए हैं.
उधर, सिंध में भी डॉक्टरों ने कहा है कि अगर उन्हें सुरक्षा उपकरण (पीपीआई) उपलब्ध नहीं कराए गए तो वे कल (मंगलवार) से आइसोलेशन वॉर्ड में कोरोना वायरस पीड़ितों का इलाज नहीं करेंगे.
यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन और पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन की सिंध इकाई ने यह चेतावनी दी है. एसोसिएशन ने कहा कि इस मांग को लेकर डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी बीते छह दिनों से बांह पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं और अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. अब उनके सामने कड़े कदम उठाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है.
एसोसिएशन ने कोरोना रिलीफ फंड के लिए डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों के भत्तों से काटे गए धन को वापस करने की भी मांग की है.