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राजद्रोह मामला : फैसला सुरक्षित, दोष सिद्ध हुआ तो मुशर्रफ को हो सकती है फांसी

पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट 28 नवम्बर को अपना फैसला सुनाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

परवेज मुशर्रफ (फाइल फोटो)
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Published : Nov 19, 2019, 5:02 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 6:21 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत 28 नवम्बर को फैसला सुनाएगी.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने नवम्बर, 2007 में अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लागू करने पर 2013 में 76 वर्षीय पूर्व सेना प्रमुख मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था.

इस मामले पर जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की.

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने घोषणा की है कि इस मामले पर 28 नवम्बर को फैसला सुनाया जाएगा. साथ ही कोर्ट ने मुशर्रफ के वकील को 26 नवम्बर तक अंतिम बहस करने का भी निर्देश दिया.

बता दें कि अगर मुशर्रफ दोषी साबित हो जाते हैं, तो उन्हें मौत की सजा हो सकती है.

मुशर्रफ 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराए जाने पर वह देशद्रोह के आरोप का सामने करने वाले पहले सेना प्रमुख बने.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्होंने पांच आरोपों में दोषी नहीं ठहराया और उन्हें राजनीति से प्रेरित बताते हुए बर्खास्त कर दिया.

इससे पहले 2016 में मुशर्रफ के दुबई भाग जाने के बाद इस हाई-प्रोफाइल मामले में सुनवाई ठप हो गयी थी.

पढ़ें- इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से लंदन रवाना हुए नवाज शरीफ

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनका नाम नो-फ्लाई लिस्ट या एग्जिट कंट्रोल लिस्ट से हटा दिए जाने के बाद वह 18 मार्च, 2016 को वापस आने की प्रतिबद्धता के साथ चिकित्सा उपचार के लिए दुबई चले गये थे.

हालांकि, कुछ महीने बाद विशेष अदालत ने उन्हें अपराधी घोषित कर दिया और उनकी सम्पत्ति को जब्त करने का आदेश दिया. इस दौरान मुशर्रफ सुरक्षा का हवाला देकर पाकिस्तान लौटने से इनकार करते रहे.

सुनवाई के दौरान उनके वकील अखर शाह कहते रहे कि पूर्व राष्ट्रपति सुरक्षा कारणों से व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हो सके और मुशर्रफ की सेहत भी ठीक नहीं थी और दुबई में डॉक्टरों ने उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी थी.

बता दें कि जनरल मुशर्रफ ने 1999 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार को सत्ता से हटा दिया था और 2008 तक शासन किया.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत 28 नवम्बर को फैसला सुनाएगी.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने नवम्बर, 2007 में अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लागू करने पर 2013 में 76 वर्षीय पूर्व सेना प्रमुख मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था.

इस मामले पर जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की.

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने घोषणा की है कि इस मामले पर 28 नवम्बर को फैसला सुनाया जाएगा. साथ ही कोर्ट ने मुशर्रफ के वकील को 26 नवम्बर तक अंतिम बहस करने का भी निर्देश दिया.

बता दें कि अगर मुशर्रफ दोषी साबित हो जाते हैं, तो उन्हें मौत की सजा हो सकती है.

मुशर्रफ 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराए जाने पर वह देशद्रोह के आरोप का सामने करने वाले पहले सेना प्रमुख बने.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्होंने पांच आरोपों में दोषी नहीं ठहराया और उन्हें राजनीति से प्रेरित बताते हुए बर्खास्त कर दिया.

इससे पहले 2016 में मुशर्रफ के दुबई भाग जाने के बाद इस हाई-प्रोफाइल मामले में सुनवाई ठप हो गयी थी.

पढ़ें- इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से लंदन रवाना हुए नवाज शरीफ

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनका नाम नो-फ्लाई लिस्ट या एग्जिट कंट्रोल लिस्ट से हटा दिए जाने के बाद वह 18 मार्च, 2016 को वापस आने की प्रतिबद्धता के साथ चिकित्सा उपचार के लिए दुबई चले गये थे.

हालांकि, कुछ महीने बाद विशेष अदालत ने उन्हें अपराधी घोषित कर दिया और उनकी सम्पत्ति को जब्त करने का आदेश दिया. इस दौरान मुशर्रफ सुरक्षा का हवाला देकर पाकिस्तान लौटने से इनकार करते रहे.

सुनवाई के दौरान उनके वकील अखर शाह कहते रहे कि पूर्व राष्ट्रपति सुरक्षा कारणों से व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हो सके और मुशर्रफ की सेहत भी ठीक नहीं थी और दुबई में डॉक्टरों ने उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी थी.

बता दें कि जनरल मुशर्रफ ने 1999 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार को सत्ता से हटा दिया था और 2008 तक शासन किया.

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Court reserves judgement in Musharraf treason case, to announce verdict on Nov 28: Pak media

Islamabad, Nov 19 (PTI) A special Pakistani court on Tuesday reserved its judgement in the high treason case against former dictator Gen. Pervez Musharraf and said that the verdict will be announced on November 28, according to media reports.



The previous Pakistan Muslim League-Nawaz (PML-N) government had filed the treason case against the 76-year-old ex-army chief Musharraf in 2013 over the imposition of extra-constitutional emergency in November 2007.



A three-member tribunal headed by Justice Waqar Ahmad Seth conducted the hearing in the case about clamping the state of emergency by Musharraf on November 3, 2007.



The court announced that the judgment would be given on November 28. It also directed the counsel of Musharraf to submit final argument if any by November 26, Dawn News reported.



If convicted, Musharraf may face death sentence.



Musharraf became Pakistan's first army chief to be charged with treason when he was indicted on March 31, 2014. He pleaded not guilty to five charges and dismissed them as being politically motivated, The Express Tribune reported.



The hearing in the high-profile case was stalled after Musharraf left for Dubai in 2016.



Musharraf left Pakistan for Dubai for medical treatment on March 18, 2016 with a commitment to come back. He managed to go abroad after his name was removed from the no-fly list or Exit Control List on the orders of the Supreme Court.



A few months later, however, the special court declared him a "proclaimed offender" and ordered the confiscation of his property owing to his no-show at the hearings.



He has repeatedly refused to return to Pakistan citing security reasons.



His lawyer Akhar Shah said that the former president could not appear in person due to security reasons. He also said that Musharraf's health was not good and was not allowed by the doctors in Dubai to travel.



Gen. Musharraf seized power in 1999 by toppling the government of prime minister Nawaz Sharif and ruled until 2008 when he was forced to step down.


Conclusion:
Last Updated : Nov 19, 2019, 6:21 PM IST
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