तोक्यो : जापान की सरकार ने मंगलवार को फैसला किया कि वह तबाह हो चुके फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से अगले दो वर्षों में बड़े पैमाने पर प्रशांत महासागर में पानी छोड़ना शुरू करेगा. इसका स्थानीय मछुआरों और निवासियों ने कड़ा विरोध किया है.
लंबे समय से इस फैसले पर अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन सुरक्षा कारणाें एवं विरोध के कारण इसमें देरी हुई. यह फैसला कैबिनेट मंत्रियों की बैठक में लिया गया जिन्होंने पानी को महासागर में छोड़े जाने को ही बेहतर विकल्प बताया है.
यहां जमा पानी का संग्रह 2011 के बाद से फुकुशिमा दाइची संयंत्र की टंकियों में किया गया है जब भीषण भूकंप और सुनामी ने संयंत्र के रिएक्टरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और इनका पानी दूषित हो गया और इसका रिसाव होने लगा.
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संयंत्र के संचालक, तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (तेपको) ने कहा कि अगले साल के अंत तक इसकी भंडारण क्षमता पूर्ण हो जाएगी.
प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि महासागर में पानी छोड़ा जाना 'सबसे व्यावहारिक' विकल्प है और फुकुशिमा संयंत्र को बंद करने के लिए पानी का निस्तारण 'अपरिहार्य' है जिसमें कई दशक का वक्त लगने का अनुमान है.