तोक्यो: दक्षिण कोरिया के रूसी सैन्य विमान पर फायरिंग की घटना को जापान ने कड़ी आलोचना की है. रूसी सैन्य विमान पर वायु क्षेत्र में हवाई हमला के बाद जापान ने रोष प्रकट किया है.
प्रेस कांफ्रेस में जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव बोलें, 'दक्षिण कोरिया का चेतावनी हवाई हमला किसी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो. हम रूसी सैन्य विमान के वायुक्षेत्र में प्रवेश का भी विरोध करते हैं. जापान चाहता है द्वीपों के मुद्दे को शीघ्र से शीघ्र सुलाझाकर शांति समझौता की तरफ बढ़ा जाए.'
उन्होने लंबे समय से चल रहे जापान-रूस विवाद के बारे में भी चर्चा किया.
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बता दें कि दक्षिण कोरिया जिस वायुक्षेत्र में रूस द्वारा उल्लंघन का जिक्र कर रहा है. वह जापान और दक्षिण कोरिया दोनों की सीमा से लगती है. इस कारण से दोनो एशियाई देशों में अपने प्रभुत्व को लेकर तनातनी रहती है.
गौरतलब हो, सियोल ने अधिकारिक बयान जारी कर बताया था, 'मंगलवार को रूसी सैन्य विमान ने दक्षिण कोरिया के पूर्वी तट पर दो बार वायुसीमा उल्लंघन किया. जिसके जवाबी कारवाई में दक्षिण कोरिया की वायुसेना ने 360 राऊंड चेतावनी हवाई हमला किया.'
द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत पर सोवियत रूस (अब रूस) दक्षिणी कुरील द्वीपों पर हमला करते हुए चार द्वीपो पर कब्जा कर लिया था. जापान इन द्वीपों को रूसी कब्जा हटाने का मांग करता है. इन को उत्तरी द्वीपों के तौर पर मान्यता देता आया है. इस विवाद के कारण ही दोनों देशों में शांति समझौता नहीं हो पाया था.
ज्ञातव्य हो जापान इन द्वीपों पर अपना अधिकार मानता है. जबकि इन द्वीपों के समूह में कुछ भाग पर रूस और कुछ को दक्षिण कोरिया अपना क्षेत्र बताता है.