यरुशलम : यरुशलम में तनाव की वजह से इजराइल और गाजा पट्टी के बीच शनिवार को हिंसा भड़क गई. फलस्तीनी उग्रवादियों ने कम से कम 30 रॉकेट दागे जबकि इजराइल ने गाजा के हमास द्वारा शासित ठिकानों को निशाना बनाया है.
यरुशलम में हाल के दिनों में झड़पों में बढ़ोतरी हुई है जो इजराइल-फलस्तीन में लंबे समय से टकराव का मुख्य केंद्र रहा है और यहीं पर यहूदियों, ईसाइयों और मुस्लिमों के पवित्र स्थल स्थित हैं.
यरुशलम के निवासियों को और अशांति की आशंका हैं जबकि पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और अमेरिकी दूतावास ने शांति की अपील की है.
इजराइल की पुलिस ने शुक्रवार को बताया था कि यरुशलम में रात में हुई हिंसा के मामले में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा 20 अधिकारी जख्मी हुए हैं. रमजान में पाबंदियां लगाने से नाराज फलस्तीनियों और अरब विरोधी मार्च निकालने वाले चरमपंथी यहूदियों के साथ यरुशलम में सुरक्षा बलों की झड़प हुई.
यरुशलम में हुई घटनाओं ने गाजा को भड़का दिया. हमास की सशस्त्र इकाई ने इजराइल को चेताया कि वह उसके सब्र का इम्तिहान न ले और फलस्तीनी एनक्लेव से शुक्रवार देर रात दक्षिणी इज़राइल पर रॉकेट दागना शुरू कर दिए और शनिवार सुबह तक यह सिलसिला जारी रहा.
पढ़ें :- यरुशलम में इजराइली पुलिस और फलस्तीन के लोगों के बीच झड़प
इजराइल की सेना ने कहा कि उसके विमानों और टैंकों ने भी रॉकेट दागे हैं. हमास ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन वामपंथी पॉपुलर फ्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ फलस्तीन से संबद्ध छोटी सैन्य इकाई ने कहा है कि उसने कुछ मिसाइलें दागी हैं.
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए हमास द्वारा लगाए गए रात्रि कर्फ्यू को तोड़ते हुए भोर में सैड़कों लोग यरुशलम में अपने साथी फलस्तीनियों के समर्थन में सड़कों पर उतरे और टायर जलाए.
इस तरह का अंदेशा था कि यरुशलम में स्थित मस्जिद ए अक्सा में शुक्रवार दोपहर की नमाज के बाद हिंसा भड़क सकती है लेकिन मुस्लिम धार्मिक नेताओं की संयम की अपील के बाद लोग शांतिपूर्ण तरीके से लौट गए.