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ईरान की चेतवानी: गोली चली, तो अमेरिका जल जाएगा

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिकी ड्रोन गिराने के बाद ईरान पर कार्रवाई को लेकर खबरें आ रही हैं. इस बीच ईरान ने साफ कर दिया है कि किसी भी दुस्साहस का वह करारा जवाब देगा. जानें, पूरा विवाद क्या है.

हसन रुहानी और डोनाल्ड ट्रंप (डिजाइन फोटो)
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Published : Jun 22, 2019, 4:57 PM IST

तेहरान: ईरान ने शनिवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से क्षेत्र में अमेरिकी हितों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा और उसे इसके लिए गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

दक्षिण-पश्चिम एशिया में सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबुलफज़ल शेकरची ने तसनीम से कहा, 'ईरान की ओर एक भी गोली चली, तो अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों में आग लग जाएगी.'

दो दिन पहले ईरान ने अमेरिका के एक ड्रोन को मार गिराया था. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले का आदेश दिया था. लेकिन किसी कारणवश उन्होंने अपने आदेश को वापस ले लिया.

करीब दो सप्ताह पहले ओमान की खाड़ी में दो तेल के टैंकरों को निशाना बनाया गया था. अमेरिका ने ईरान पर आरोप लगाया. हालांकि ईरान ने इसका खंडन कर दिया था.

लंबे समय से चला आ रहा है विवाद

1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति आई थी. उस समय शाह रजा पहलवी सत्ता में थे. शाह अमेरिका के चहेते शासक थे. अमेरिका ने उनके दौर में ईरान से तेल अकूत मात्रा में लिया. अमेरिका के रवैए के खिलाफ ईरान में माहौल बना. आयातुल्ला खुमैनी सत्ता में आए. तब से ईरान और अमेरिका के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं.

आपको बता दें कि 1950 के दशक में अमेरिका ने ईरान में मोहम्मद मोसादेक की चुनी गई सरकार को अपदस्थ करवाया था. उसकी जगह शाह आ गए थे.

2002 में अमेरिकी को यह सूचना मिली कि ईरान परमाणु कार्यक्रम पर काम कर रहा है. उसके बाद अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया. कई प्रकार की बंदिशें लागू की गईं.

2015 में पी 5 +1 देशों (अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी) ने एक समझौता करवाया. तब ईरान पर से प्रतिबंध हटा. बदले में ईरान परमाणु कार्यक्रम, बम, बंद करने पर राजी हुआ.

2018 में अमेरिका इस समझौते से बाहर हो गया.

तेहरान: ईरान ने शनिवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से क्षेत्र में अमेरिकी हितों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा और उसे इसके लिए गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

दक्षिण-पश्चिम एशिया में सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबुलफज़ल शेकरची ने तसनीम से कहा, 'ईरान की ओर एक भी गोली चली, तो अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों में आग लग जाएगी.'

दो दिन पहले ईरान ने अमेरिका के एक ड्रोन को मार गिराया था. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले का आदेश दिया था. लेकिन किसी कारणवश उन्होंने अपने आदेश को वापस ले लिया.

करीब दो सप्ताह पहले ओमान की खाड़ी में दो तेल के टैंकरों को निशाना बनाया गया था. अमेरिका ने ईरान पर आरोप लगाया. हालांकि ईरान ने इसका खंडन कर दिया था.

लंबे समय से चला आ रहा है विवाद

1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति आई थी. उस समय शाह रजा पहलवी सत्ता में थे. शाह अमेरिका के चहेते शासक थे. अमेरिका ने उनके दौर में ईरान से तेल अकूत मात्रा में लिया. अमेरिका के रवैए के खिलाफ ईरान में माहौल बना. आयातुल्ला खुमैनी सत्ता में आए. तब से ईरान और अमेरिका के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं.

आपको बता दें कि 1950 के दशक में अमेरिका ने ईरान में मोहम्मद मोसादेक की चुनी गई सरकार को अपदस्थ करवाया था. उसकी जगह शाह आ गए थे.

2002 में अमेरिकी को यह सूचना मिली कि ईरान परमाणु कार्यक्रम पर काम कर रहा है. उसके बाद अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया. कई प्रकार की बंदिशें लागू की गईं.

2015 में पी 5 +1 देशों (अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी) ने एक समझौता करवाया. तब ईरान पर से प्रतिबंध हटा. बदले में ईरान परमाणु कार्यक्रम, बम, बंद करने पर राजी हुआ.

2018 में अमेरिका इस समझौते से बाहर हो गया.

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ईरान की चेतवानी: गोली चली, तो अमेरिका जल जाएगा



तेहरान: ईरान ने शनिवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से क्षेत्र में अमेरिकी हितों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा और उसे इसके लिए गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

दक्षिण-पश्चिम एशिया में सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबुलफज़ल शेकरची ने तसनीम से कहा, 'ईरान की ओर एक भी गोली चली, तो अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों में आग लग जाएगी.' 


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