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परमाणु करार से अमेरिका के हटने को ईरान ने अतार्किक करार दिया

जापान दौरे पर गए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने परमाणु करार से अमेरिका के हट जाने की निंदा की है. रूहानी यह यात्रा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है. पढ़ें पूरी खबर...

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ट्रंप और रूहानी
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Published : Dec 21, 2019, 12:02 AM IST

टोक्यो : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से यहां मुलाकात के बीच ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मुलाकात की. इसी बीच उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु करार से अमेरिका के कथित रूप से अतार्किक ढंग से हट जाने की निंदा की.

रूहानी की यह यात्रा ईरान में पिछले पेट्रोलियम के दाम में बढ़ोत्तरी को लेकर भयंकर प्रदर्शन के बाद हुई है. अमेरिका ने ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर पाबंदियां लगा दी है, इससे उसकी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है.

रूहानी ने शुक्रवार को कहा, 'मैं एकतरफा और अतार्किक ढंग से (करार से) हट जाने को लेकर अमेरिका की निंदा करता हूं.'

रूहानी दो दशक में जापान की यात्रा करने वाले पहले ईरानी राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं.

उन्होंने कहा, 'मैं आशा करता हूं कि जापान और अन्य देश इस करार को बचाकर रखने की कोशिश करेंगे.'

रूहानी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का शुक्रवार को बाद में शिखर स्तर की वार्ता और भोज का निर्धारित कार्यक्रम है. हालांकि, वार्ता के बाद दोनों नेताओं का संवाददाताओं को संबोधित करने का कार्यक्रम नहीं है.

पढ़ें : तुर्की के बैंक पर ईरान के खिलाफ लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप

अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय करार से हटने के बाद 2018 में उस पर कड़ी पाबंदियां लगा दी थी.

वैसे ईरान सरकार के प्रवक्ता अली रबीबी ने रूहानी की इस यात्रा के मध्यस्थता पहलू को यह कहते हुए तवज्जो नहीं दिया था कि 'टोक्यो की इस यात्रा का अमेरिका के साथ बातचीत जैसे मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है.'

टोक्यो : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से यहां मुलाकात के बीच ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मुलाकात की. इसी बीच उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु करार से अमेरिका के कथित रूप से अतार्किक ढंग से हट जाने की निंदा की.

रूहानी की यह यात्रा ईरान में पिछले पेट्रोलियम के दाम में बढ़ोत्तरी को लेकर भयंकर प्रदर्शन के बाद हुई है. अमेरिका ने ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर पाबंदियां लगा दी है, इससे उसकी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है.

रूहानी ने शुक्रवार को कहा, 'मैं एकतरफा और अतार्किक ढंग से (करार से) हट जाने को लेकर अमेरिका की निंदा करता हूं.'

रूहानी दो दशक में जापान की यात्रा करने वाले पहले ईरानी राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं.

उन्होंने कहा, 'मैं आशा करता हूं कि जापान और अन्य देश इस करार को बचाकर रखने की कोशिश करेंगे.'

रूहानी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का शुक्रवार को बाद में शिखर स्तर की वार्ता और भोज का निर्धारित कार्यक्रम है. हालांकि, वार्ता के बाद दोनों नेताओं का संवाददाताओं को संबोधित करने का कार्यक्रम नहीं है.

पढ़ें : तुर्की के बैंक पर ईरान के खिलाफ लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप

अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय करार से हटने के बाद 2018 में उस पर कड़ी पाबंदियां लगा दी थी.

वैसे ईरान सरकार के प्रवक्ता अली रबीबी ने रूहानी की इस यात्रा के मध्यस्थता पहलू को यह कहते हुए तवज्जो नहीं दिया था कि 'टोक्यो की इस यात्रा का अमेरिका के साथ बातचीत जैसे मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है.'

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Iran's Rouhani slams 'irrational' US nuclear deal withdrawal
         Tokyo, Dec 20 (AFP) Iranian President Hassan Rouhani on Friday slammed the "irrational" withdrawal of the United States from the multinational nuclear deal on Tehran's nuclear programme, as he met Japanese Prime Minister Shinzo Abe in Tokyo.
         Rouhani's trip to Japan comes after deadly protests last month over petroleum price hikes in Iran, where the economy has been hit by Washington-imposed sanctions.
         "I strongly condemn the US for unilaterally and irrationally withdrawing" from the deal, said Rouhani, who became the first Iranian head of state to visit Japan for two decades.
         "I hope Japan and other countries will make efforts to maintain this deal." Rouhani and Abe's summit talks and a dinner were scheduled to last into Friday evening. The two leaders are not scheduled to brief reporters after the talks.
         The US re-imposed crippling sanctions on Iran in 2018 after withdrawing from the international deal aimed at tackling the Islamic Republic's nuclear programme.
         Iranian government spokesman Ali Rabiei has played down the mediation aspect of the trip, saying the visit to Tokyo had "nothing to do with issues such as negotiations with America".
         However, he acknowledged that "our Japanese friends usually convey messages or initiatives, which we welcome... and seriously examine".
         As a key US ally that also maintains close diplomatic and economic ties with Iran, Abe has tried to build bridges between the two rival powers.
         Last week, Abe said he would strive "as much as possible to ease tensions" in the Middle East, noting Japan's alliance with Washington and "favourable relations" with Tehran.
         Abe travelled to Tehran in June to try to ease tensions between the United States and Iran in the Gulf.
         Japan was formerly a major buyer of Iranian crude but stopped purchases to comply with the US sanctions.
         Abe is expected to explain to Rouhani Tokyo's plans to send two Japanese warships to the Gulf of Oman to protect shipping there.
         "This kind of policy is aimed at securing Japanese vessels' safety," said government spokesman Yoshihide Suga, adding that 90 per cent of Japan's crude oil imports come from the region.
         Rouhani flew to Japan from Malaysia where he called on Muslim countries at a summit to band together to fight US "economic terrorism".
         Osamu Miyata, head of Center for Contemporary Islamic Studies in Japan (CCISJ), told AFP that Abe would find it difficult to steer a path between US President Donald Trump and Rouhani.
         The American sanctions "are having a serious impact on every aspect of Iran -- people's daily life, the country's finances, and inflation in imported goods", Hitoshi Suzuki, a Middle East scholar at the Institute of Developing Economies (IDE-JETRO), told AFP.
         "It would be difficult to have tangible achievements from the Rouhani-Abe meeting this time, but in the long-term, Japan can warn the US that the current sanctions are having a serious negative impact," added Suzuki.
         "This could prompt Iranian domestic politics to move in the opposite direction hoped for by the US -- for example, hawks leading Iran to resume nuclear development, or the emergence of an anti-democratic Iran." (AFP)
SCY
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