बगदाद : ईरान द्वारा समर्थन प्राप्त इराकी मिलिशिया गुटों ने कहा है कि वह अपने यहां मौजूद अमेरिकियों को निशाना बनाना कुछ समय के लिए रोक सकते हैं, बशर्ते एक संसदीय प्रस्ताव के अनुरूप अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेनाएं देश से बाहर चली जाएं. तीन मिलिशिया गुटों के पदाधिकारियों ने यह बात कही.
इराकी सेना ने एक बयान में बताया कि मिलिशिया पदाधिकारियों ने रविवार को 'द एसोसिएटेड प्रेस' से यह बात कही, जिसके कुछ ही घंटों पहले अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेनाओं के लिए उपकरण लेकर जा रहे वाहनों का एक काफिला सड़क के किनारे रखे बम की चपेट में आ गया, हमले में एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया.
बगदाद के दक्षिण में एक राजमार्ग पर हुए हमले ने इस बात पर सवाल खड़े कर दिए कि क्या युद्ध विराम के समझौते का पालन मिलिशिया के सभी गुट कर सकते हैं.
सड़क किनारे लगाए जाने वाले बमों और खास तौर पर बगदाद में अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाकर किए जाने वाले रॉकेट हमले आम बात हो गए हैं, जिनसे अमेरिका और इराक के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बन गए हैं.
ईरान समर्थित शक्तिशाली कातिब हिजबुल्लाह के प्रवक्ता मोहम्मद मोही ने कहा कि मिलिशिया गुटों ने युद्ध विराम संधि की पेशकश की और इराक में दूतावास समेत अमेरिका सुरक्षा बलों को इस शर्त पर निशाना नहीं बनाएंगे कि अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन के सभी सुरक्षा बल 'स्वीकार्य समय सीमा' के भीतर देश से वापस चले जाएं.
उसने कहा, 'यदि सैनिकों की वापसी नहीं होती है, तो प्रतिरोध गुट अपनी पूरी क्षमता के साथ अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करेंगे.'
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ईरान समर्थित दो अन्य मिलिशिया गुटों ने भी मोही के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने बात करने के लिए अधिकृत न होने की वजह से अपने नाम जाहिर नहीं किए.
इराकी सांसदों ने जनवरी में देश से अमेरिकी गठबंधन सेनाओं को निकालने के लिये एक गैर बाध्यकारी प्रस्ताव पारित किया था.