जकार्ता : दक्षिण एशियाई देश इंडोनेशिया में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कुल 459 लोगों की मृत्यु हो गई है. वहीं स्वास्थ्य संसाधनों की कमी के कारण 24 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की भी मौत हो चुकी है.
दक्षिण पूर्व एशियाई देश में अब तक कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 5,136 हो गई है. वहीं करीब 40,000 टेस्ट कराए गए हैं, लेकिन संदिग्ध मरीजों का आंकड़ा 12 हजार के करीब पहुंच गया है.
यहां के अस्पतालों में प्रोटेक्टिव गियर तो दूर उचित वेंटिलेटर भी नहीं हैं. काफी कम वेतन पा रहे डॉक्टरों को वायरस का सामना करने के लिए छोड़ दिया गया है जो सामान्य प्लास्टिक के रेनकोट पहन खुद को बचाए रखने की जद्दोजहद में शामिल हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इंडोनेशिया में प्रत्येक 10,000 लोगों के लिए चार से भी कम डॉक्टर हैं. यहां के डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चेताया है कि कोरोना वायरस संकट काफी गहरा है और सरकार की ओर से इसके लिए ली गई प्रतिक्रिया काफी कम.
दुनिया में अधिक जनसंख्या वाले देशों की लिस्ट में चौथे स्थान पर मौजूद इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि करीब 140,000 इंडोनेशियाई नागरिकों को मॉनिटर किया जा रहा है.
डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता हालिक मालिक ने कहा, ‘सरकार के आधिकारिक डाटा के जरिए देश में संक्रमण का सही आंकड़ा सामने नहीं आ रहा है.'
जकार्ता नगर निगम कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय कब्रिस्तानों में 1,000 से अधिक संदिग्ध या पुष्टि पीड़ितों को दफन का आंकड़ा दिखाता है. इंडोनेशिया में सर्वाधिक कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावित जकार्ता में मौतें सरकारी आंकड़े से पांच गुना अधिक है.