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सिंगापुर : नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देने के आरोप में भारतीय मूल के व्यक्ति को जेल

सिंगापुर में नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देने के आरोप में भारतीय मूल के व्यक्ति को जेल की सजा सुनाई गई है. बता दें कि भारतीय मूल के व्यक्ति सिराजुदीन अब्दुल मजीद को नस्लीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने और नस्ल के आधार पर दो समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का दोषी पाया गया. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा
नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा
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Published : Feb 8, 2021, 5:40 PM IST

सिंगापुर : सिंगापुर में नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देने के आरोप में 52 वर्षीय एक भारतीय मूल के व्यक्ति को सोमवार को दो सप्ताह जेल की सजा सुनाई गई. मीडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार उक्त व्यक्ति ने दावा किया था कि सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी देश में मलय लोगों को हाशिये पर रखना चाहती है.

बता दें कि भारतीय मूल के व्यक्ति सिराजुदीन अब्दुल मजीद को नस्लीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने और नस्ल के आधार पर दो समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का दोषी पाया गया. खबर में कहा गया कि शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए इसी प्रकार के दो अन्य आरोपों में भी मजीद को दोषी पाया गया.

पिछले साल मजीद ने 12 और 13 जून को तीन लोगों को संदेश भेजे थे, जिनमें दावा किया गया था कि सत्तारूढ़ पार्टी मलय समुदाय को अल्पसंख्यक से भी नीचे का दर्जा देना चाहती है और देश के मूल निवासी मलय समुदाय के लोगों के बीच अन्य नस्ल के लोगों की घुसपैठ कराना चाहती है.

पढ़ें : नस्लीय टिप्पणी पर बोले रशफोर्ड, मानवता का स्तर काफी नीचे गिर गया

उन्होंने इन संदेशों को अन्य लोगों से साझा करने के लिए कहा था. इनमें से एक व्यक्ति ने बाद में पुलिस को इसकी जानकारी दी थी.

सिंगापुर : सिंगापुर में नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देने के आरोप में 52 वर्षीय एक भारतीय मूल के व्यक्ति को सोमवार को दो सप्ताह जेल की सजा सुनाई गई. मीडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार उक्त व्यक्ति ने दावा किया था कि सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी देश में मलय लोगों को हाशिये पर रखना चाहती है.

बता दें कि भारतीय मूल के व्यक्ति सिराजुदीन अब्दुल मजीद को नस्लीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने और नस्ल के आधार पर दो समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का दोषी पाया गया. खबर में कहा गया कि शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए इसी प्रकार के दो अन्य आरोपों में भी मजीद को दोषी पाया गया.

पिछले साल मजीद ने 12 और 13 जून को तीन लोगों को संदेश भेजे थे, जिनमें दावा किया गया था कि सत्तारूढ़ पार्टी मलय समुदाय को अल्पसंख्यक से भी नीचे का दर्जा देना चाहती है और देश के मूल निवासी मलय समुदाय के लोगों के बीच अन्य नस्ल के लोगों की घुसपैठ कराना चाहती है.

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उन्होंने इन संदेशों को अन्य लोगों से साझा करने के लिए कहा था. इनमें से एक व्यक्ति ने बाद में पुलिस को इसकी जानकारी दी थी.

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