नई दिल्ली : दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना की आक्रामकता बढ़ने की पृष्ठभूमि में भारत और वियतनाम के बीच सामरिक संबंध आगे बढ़ रहे हैं. शुक्रवार को भारत वियतनाम संबंधों के 50 साल पूरे होने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने ट्वीट किया, 'हमारे राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम भारत-वियतनाम समग्र सामरिक गठजोड़ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करते हैं.' उन्होंने कहा, 'हम अपने प्रधानमंत्रियों द्वारा स्थापित शांति, समृद्धि एवं लोगों की संयुक्त दृष्टि पर काम करना जारी रखेंगे. '
बता दें कि दिसंबर, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से वियतनाम (PM Modi Vietnam) के अपने समकक्ष गुयेन जुआन फुक (Vietnam PM Nguyen Xuan Phuc) के साथ शिखर वार्ता की थी, जिसमें दोनों पक्षों ने रक्षा एवं सुरक्षा सहित नौवहन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया था.
वियतनाम, आसियान (ASEAN- Association of Southeast Asian Nations) समूह का एक महत्वपूर्ण देश है और उसका दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है. भारत का दक्षिण चीन सागर में वियतनाम के क्षेत्र में तेल उत्खनन करने की परियोजनाएं है.
चीन, पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है. यह क्षेत्र हाइड्रोकार्बन का एक बड़ा स्रोत है. हालांकि वियतनाम, फिलीपीन, ब्रुनेई जैसे कई देश भी इस क्षेत्र पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि जुलाई 2007 में वियतनाम के तत्कालीन प्रधानमंत्री गुयेन तान डंग (Ex Vietnam Prime Minister Nguyen Tan Dung) ने भारत की यात्रा की थी और तब दोनों देशों के संबंध 'सामरिक गठजोड़' के स्तर पर ले जाए गए थे. वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम की यात्रा की थी और दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाते हुए समग्र सामरिक गठजोड़ के मुकाम पर ले जाए गए.
(पीटीआई-भाषा)