नई दिल्ली/वॉशिंगटन : भारत ने पाकिस्तान की जम्मू-कश्मीर में अपने सियासी फायदों के लिए महिला अधिकारों के मुद्दे को हथियार बनाकर इस्तेमाल करने को लेकर खिंचाई की. भारत ने कहा कि जिस देश (पाक) में महिलाओं के जीवन जीने के अधिकारों का भी उल्लंघन किया जाता है और दोषियों को सजा भी नहीं दी जाती. वह देश भारत पर बेबुनियाद टिप्पणी करता रहता है.
बता दें, संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'एडवांसमेंट ऑफ वुमन' विषय पर तीसरे समिति सत्र का आयोजन किया गया. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पालौमी त्रिपाठी ने कहा कि महासभा की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित से लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की महिला वैज्ञानिकों तक भारतीय महिलाएं कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं.
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उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब हम महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं, तब हमारे पास महिला अधिकारों के मुद्दे को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए कोई जगह नहीं है. हालांकि, पालौमी त्रिपाठी ने सीधे तौर पर पाक का नाम नहीं लिया लेकिन वह संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद की निवर्तमान राजनयिक मलीहा लोधी द्वारा जम्मू-कश्मीर को लेकर की गई बातों का जवाब दे रहीं थी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, लोधी ने अपने संबोधन में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में संचार ठप होने की वजह से राज्य की महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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वहीं, पाकिस्तान का नाम लिए बिना पालौमी त्रिपाठी ने कहा कि दूसरे की जमीन पर लालची नजर डालने वाला देश झूठी चिंताओं की आड़ में अपने नापाक इरादों को ढांकने की कोशिश करता है.
अपनी बात कहते हुए पालौमी ने भारत सरकार के महिला सशक्तिकरण और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में कई प्रयासों पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की कई अन्य योजनाओं को भी गिनाया. इसमें उन्होंने स्टैंड अप इंडिया और मुद्रा योजना का नाम प्रमुख रूप से लिया.