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चीन-भारत को सीमा मुद्दे के हल के लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहिए : वांग यी - चीनी विदेश मंत्री वांग यी

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के बाद से भारत-चीन संबंधों की मौजूदा स्थिति पर कहा कि भारत और चीन को अपने विवादों का निपटारा करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को सफल होने के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के बजाय एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए.

वांग यी
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Published : Mar 7, 2021, 8:25 PM IST

बीजिंग : चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कहा कि चीन और भारत को सीमा मुद्दे के हल के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाना और आपस में संदेह करना छोड़ देना चाहिए तथा द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार कर अनुकूल माहौल बनाना चाहिए.

वांग ने चीन और भारत के बीच संबंध के लिए सीमा विवाद के पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश मित्र एवं साझेदार हैं, लेकिन उन्हें एक दूसरे पर संदेह करना छोड़ देना चाहिए.

उन्होंने पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध होने के बाद से भारत-चीन संबंधों की मौजूदा स्थिति पर अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि यह जरूरी है कि दोनों देश अपने विवादों का निपटारा करें और द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करें.

उन्होंने कहा, 'सीमा विवाद, इतिहास की देन है, यह चीन-भारत संबंध के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है.'

वांग ने चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के वार्षिक सत्र से अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यह जरूरी है कि दोनों पक्ष विवादों का उपयुक्त निपटारा करें और साथ ही सहयोग बढ़ाएं, ताकि मुद्दों के हल के लिए अनुकूल स्थिति बन सके.'

हालांकि, उन्होंने दोनों देशों के बीच 10 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों से सैनिकों के हाल ही में पीछे हटने के विषय पर कुछ नहीं कहा.

विदेश मंत्री जयशंकर के साथ टेलीफोन पर 75 मिनट तक हुई बातचीत के बाद सीमा मुद्दे पर वांग की यह टिप्पणी आई है.

वहीं, शुक्रवार को भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने चीन के उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई से मुलाकात की थी और पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों से सैनिकों की वापसी प्रकिया पूरी करने की अपील की थी.

दोनों देश साझा हितों की रक्षा करें
वांग ने अपनी टिप्पणी में कहा कि विश्व यह उम्मीद करता है कि चीन और भारत, दोनों देश विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा करें और विश्व में बहुध्रुवीय व्यवस्था को मजबूत करें.

चीन के विदेश मंत्री ने कहा, 'कई अहम मुद्दों पर, हमारे रुख समान हैं या करीबी हैं और समान राष्ट्रीय वास्तविकताओं के चलते ऐसा है, इसलिए चीन और भारत एक दूसरे के मित्र एवं साझेदार हैं, न कि खतरा या प्रतिद्वंद्वी हैं.'

पढ़ें- जयशंकर और वांग यी ने की पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की स्थिति पर चर्चा

उन्होंने कहा, 'दोनों देशों को सफल होने के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के बजाय एक- दूसरे की मदद करनी चाहिए. हमें एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय सहयोग बढ़ाना चाहिए.'

उन्होंने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का सीधे तौर पर जिक्र किए बगैर कहा, 'सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले साल जो कुछ सही या गलत हुआ, वह स्पष्ट है.'

वांग ने कहा, 'हम सीमा विवाद वार्ता एवं परामर्श के जरिए हल करने को प्रतिबद्ध हैं. साथ ही, हम अपने संप्रभु अधिकारों की भी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं.'

बीजिंग : चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कहा कि चीन और भारत को सीमा मुद्दे के हल के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाना और आपस में संदेह करना छोड़ देना चाहिए तथा द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार कर अनुकूल माहौल बनाना चाहिए.

वांग ने चीन और भारत के बीच संबंध के लिए सीमा विवाद के पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश मित्र एवं साझेदार हैं, लेकिन उन्हें एक दूसरे पर संदेह करना छोड़ देना चाहिए.

उन्होंने पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध होने के बाद से भारत-चीन संबंधों की मौजूदा स्थिति पर अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि यह जरूरी है कि दोनों देश अपने विवादों का निपटारा करें और द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करें.

उन्होंने कहा, 'सीमा विवाद, इतिहास की देन है, यह चीन-भारत संबंध के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है.'

वांग ने चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के वार्षिक सत्र से अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यह जरूरी है कि दोनों पक्ष विवादों का उपयुक्त निपटारा करें और साथ ही सहयोग बढ़ाएं, ताकि मुद्दों के हल के लिए अनुकूल स्थिति बन सके.'

हालांकि, उन्होंने दोनों देशों के बीच 10 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों से सैनिकों के हाल ही में पीछे हटने के विषय पर कुछ नहीं कहा.

विदेश मंत्री जयशंकर के साथ टेलीफोन पर 75 मिनट तक हुई बातचीत के बाद सीमा मुद्दे पर वांग की यह टिप्पणी आई है.

वहीं, शुक्रवार को भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने चीन के उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई से मुलाकात की थी और पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों से सैनिकों की वापसी प्रकिया पूरी करने की अपील की थी.

दोनों देश साझा हितों की रक्षा करें
वांग ने अपनी टिप्पणी में कहा कि विश्व यह उम्मीद करता है कि चीन और भारत, दोनों देश विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा करें और विश्व में बहुध्रुवीय व्यवस्था को मजबूत करें.

चीन के विदेश मंत्री ने कहा, 'कई अहम मुद्दों पर, हमारे रुख समान हैं या करीबी हैं और समान राष्ट्रीय वास्तविकताओं के चलते ऐसा है, इसलिए चीन और भारत एक दूसरे के मित्र एवं साझेदार हैं, न कि खतरा या प्रतिद्वंद्वी हैं.'

पढ़ें- जयशंकर और वांग यी ने की पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की स्थिति पर चर्चा

उन्होंने कहा, 'दोनों देशों को सफल होने के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के बजाय एक- दूसरे की मदद करनी चाहिए. हमें एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय सहयोग बढ़ाना चाहिए.'

उन्होंने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का सीधे तौर पर जिक्र किए बगैर कहा, 'सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले साल जो कुछ सही या गलत हुआ, वह स्पष्ट है.'

वांग ने कहा, 'हम सीमा विवाद वार्ता एवं परामर्श के जरिए हल करने को प्रतिबद्ध हैं. साथ ही, हम अपने संप्रभु अधिकारों की भी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं.'

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