ETV Bharat / international

म्यामांर स्वतंत्रता दिवस विशेष : अतीत के आईने में आज की आजादी

म्यांमार को चार जनवरी को आजादी मिली थी. वर्ष 1948 में इसी दिन स्वतंत्र राज्य के रूप में म्यामांर (बर्मा) का एकीकरण हुआ और बर्मा ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की. इस उत्सव पर म्यामांर की राजधानी नेप्यीडाव देशभक्ति के रंग में रंगा है. उत्सव के दौरान पुरुष और महिलाएं बर्मा की राष्ट्रीय पोशाक पहनते हैं, जिसमें कॉलर रहित शर्ट और स्कर्ट शामिल हैं. जानें म्यामांर के इस राष्ट्रोत्सव के बारे में...

independence day of myanmar on 4th january
म्यामांर स्वतंत्रता दिवस
author img

By

Published : Jan 4, 2020, 11:35 PM IST

हैदराबाद : म्यांमार का एक लंबा इतिहास रहा है. 11वीं शताब्दी की शुरुआत में राजा अनावरता ने म्यांमार को एकजुट कर प्रथम म्यांमार साम्राज्य की स्थापना की थी. पहले म्यांमार साम्राज्य ने ही वर्तमान के क्षेत्रों को शामिल किया.

उसके बाद 1552 में बे यांग ने दूसरी हुकुमत की कायम की, जो 1752 में तक रही. बाद में 1886 में पहली बार म्यांमार (तब बर्मा कहा जाता था) ब्रिटिश नियंत्रण में आया. द्वितीय विश्व युद्ध के शुरू होने से ठीक पहले बर्मा ने 1937 में स्वायत्तता की ओर पहला कदम बढ़ाया. ब्रिटेन के अलग से प्रशासित कॉलोनी स्थापित करने वाले बर्मा के पहले प्रधानमंत्री बा माव बने. ब्रिटेन से स्वतंत्रता के लिए जब संघर्ष शुरू हुआ तो बा माव ने जापान में बर्मा स्वतंत्रता सेना का गठन किया.

म्यामांर स्वतंत्रता दिवस विशेष

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा ने जापान के साथ जंग लड़ी. हालांकि इस दौरान कई बर्मी ने शुरू में विश्व युद्ध में जापानियों की तरफ से लड़ाई लड़ी जबकि कुछ लोगों ने अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ी.

1945 में जापान की हार के बाद 12 फरवरी 1947 को पैंगलोंग समझौता हुआ, जिसके बाद 4 जनवरी 1948 को स्वतंत्र राज्य के रूप में बर्मा का एकीकरण हुआ और बर्मा ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की. लेकिन ब्रिटिश राष्ट्रमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया.

इसे भी पढ़ें- 'म्यांमार की सरकार रोहिंग्याओं को वापस लेने नहीं जा रही'

साओ श्वे ताईक देश के पहले राष्ट्रपति और यू नू पहले प्रधानमंत्री बने. म्यांमार 4 जनवरी को अपना राष्ट्र दिवस नहीं मनाता है. यह पूर्णिमा के बाद 10वें दिन मनाया जाता है.

इस दिन देशभर में त्यौहार मनाया जाता है और पारम्परिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. उत्सव को चिह्नित करने के लिए देश की राजधानी नेप्यीडाव को देशभक्ति के रंग में रंगा गया है. पुरुष और महिलाएं म्यामांर की राष्ट्र पोशाक पहन सकते हैं, जिसमें एक कॉलर रहित शर्ट और स्कर्ट शामिल हैं.

हैदराबाद : म्यांमार का एक लंबा इतिहास रहा है. 11वीं शताब्दी की शुरुआत में राजा अनावरता ने म्यांमार को एकजुट कर प्रथम म्यांमार साम्राज्य की स्थापना की थी. पहले म्यांमार साम्राज्य ने ही वर्तमान के क्षेत्रों को शामिल किया.

उसके बाद 1552 में बे यांग ने दूसरी हुकुमत की कायम की, जो 1752 में तक रही. बाद में 1886 में पहली बार म्यांमार (तब बर्मा कहा जाता था) ब्रिटिश नियंत्रण में आया. द्वितीय विश्व युद्ध के शुरू होने से ठीक पहले बर्मा ने 1937 में स्वायत्तता की ओर पहला कदम बढ़ाया. ब्रिटेन के अलग से प्रशासित कॉलोनी स्थापित करने वाले बर्मा के पहले प्रधानमंत्री बा माव बने. ब्रिटेन से स्वतंत्रता के लिए जब संघर्ष शुरू हुआ तो बा माव ने जापान में बर्मा स्वतंत्रता सेना का गठन किया.

म्यामांर स्वतंत्रता दिवस विशेष

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा ने जापान के साथ जंग लड़ी. हालांकि इस दौरान कई बर्मी ने शुरू में विश्व युद्ध में जापानियों की तरफ से लड़ाई लड़ी जबकि कुछ लोगों ने अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ी.

1945 में जापान की हार के बाद 12 फरवरी 1947 को पैंगलोंग समझौता हुआ, जिसके बाद 4 जनवरी 1948 को स्वतंत्र राज्य के रूप में बर्मा का एकीकरण हुआ और बर्मा ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की. लेकिन ब्रिटिश राष्ट्रमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया.

इसे भी पढ़ें- 'म्यांमार की सरकार रोहिंग्याओं को वापस लेने नहीं जा रही'

साओ श्वे ताईक देश के पहले राष्ट्रपति और यू नू पहले प्रधानमंत्री बने. म्यांमार 4 जनवरी को अपना राष्ट्र दिवस नहीं मनाता है. यह पूर्णिमा के बाद 10वें दिन मनाया जाता है.

इस दिन देशभर में त्यौहार मनाया जाता है और पारम्परिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. उत्सव को चिह्नित करने के लिए देश की राजधानी नेप्यीडाव को देशभक्ति के रंग में रंगा गया है. पुरुष और महिलाएं म्यामांर की राष्ट्र पोशाक पहन सकते हैं, जिसमें एक कॉलर रहित शर्ट और स्कर्ट शामिल हैं.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.