इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उन्होंने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल के विस्तार के बारे में अभी नहीं सोचा है क्योंकि उनके कार्यकाल के समाप्त होने में अब भी समय है. मीडिया में शुक्रवार को इस बारे में रिपोर्ट आई.
'डॉन' अखबार की रिपोर्ट के अनुसार बाजवा के कार्यकाल में विस्तार के विवादास्पद मुद्दे पर प्रधानमंत्री खान ने कहा कि सैन्य नेतृत्व के साथ उनके अभूतपूर्व संबंध हैं. प्रधानमंत्री के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, मौजूदा साल अभी शुरू ही हुआ है और नवंबर अभी दूर है. फिर सेना प्रमुख के कार्यकाल में विस्तार की चिंता क्यों है.
खान ने कहा कि उन्होंने अब तक सीओएएस बाजवा के कार्यकाल में विस्तार के बारे में नहीं सोचा है. बाजवा (61) सेना प्रमुख के पद पर 28 नवंबर, 2022 तक रहेंगे. खान के करीबी, बाजवा अपने तीन साल के मूल कार्यकाल के खत्म होने पर 29 नवंबर, 2019 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन प्रधानमंत्री खान ने एक अधिसूचना के माध्यम से क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए सेना प्रमुख को उतने ही समय का एक और सेवा विस्तार दिया.
उच्चतम न्यायालय ने 28 नवंबर को सरकारी आदेश को यह कहकर निलंबित कर दिया कि सेना प्रमुख के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए कोई कानून नहीं है. लेकिन शीर्ष अदालत ने सरकार के इस आश्वासन पर जनरल बाजवा को छह महीने का विस्तार दिया कि संसद छह महीने के भीतर किसी सेना प्रमुख के सेवा विस्तार/पुनर्नियुक्ति पर कानून पारित करेगी.
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सरकार ने प्रारंभिक गतिरोध के बाद मुख्य विपक्षी दलों का समर्थन हासिल किया और सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ समिति के अध्यक्ष पद के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 64 वर्ष तक बढ़ाने के संबंध में नेशनल असेंबली में तीन विधेयक पेश किए.
सरकार गिराने के संबंध में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और सेना के बीच संभावित समझौते की अफवाहों के बारे में खान ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से किसी तरह के दबाव में नहीं हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिकेटर से नेता बने खान ने कहा कि उन्हें सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है और उन्होंने भरोसा जताया कि उनकी सरकार 2023 तक पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.
(पीटीआई-भाषा)