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हिरोशिमा पर बमबारी के 74 साल, 1.40 लाख लोगों की हुई थी मौत

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Published : Aug 7, 2019, 5:26 PM IST

अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा पर परमाणु हमला किया था. यह विनाशकारी दिन आज भी दुनिया की स्मृति में ताजा है. पढ़ें पूरी खबर...

हिरोशिमा

टोक्योः मंगलवार को जापान ने अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी की 74 वीं वर्षगांठ पर दुखद घटना को याद किया. मौके पर शहर के माहापौर ने सरकार से परमाणु हथियार पर प्रतिबंध लगाने वाली संयुक्त राष्ट्र संधि में शामिल होने का आग्रह किया.

जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त 6, 1945 में अमेरिका ने 'लिटिल ब्वाय' नाम का यूरेनियम से बना परमाणु बम हिरोशिमा के ऊपर गिराया था. इस हमले में 140,000 लोगों की जान गई थी.

वहीं दूसरा परमाणू बम नागासाकी पर 9 अगस्त को गिराया गया था. हमले के छह दिन बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया था. बता दें कि परमाणू हमले के बाद युद्ध खत्म हो गया था.

महापौर काजूमी मात्सूई ने अपने भाषण में कहा कि, मैं युद्ध में परमाणु हथियार का प्रहार सहने वाले एक मात्र देश की सरकार से आग्रह करता हूं कि हिबाकुशा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि पर हस्ताक्षर किए जाएं. बता दे कि महापौर परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि की बात कर रहे हैं. इसे जुलाई 2017 में 122 देशों के समर्थन के साथ पारित किया गया था.

बता दें संधि अभी तक लागू नहीं हुई है क्योंकि आवश्यक 50 राज्यों द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

पढ़ें-दक्षिणी लीबिया में हवाई हमले में 42 की मौत

उन्होंने आगे कहा, मैं जापान के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वह हथियारों से मुक्त दुनिया की ओर अगला कदम उठाने का नेतृत्व करने में जापानी संविधान के शांतिवाद को प्रदर्शित करें.

महापौर ने पीस मेमोरियल पार्क में आयोजित वार्षिक समारोह में भाषण दिया , जिसमें अमेरिका, रूस और ब्रिटेन सहित लगभग 90 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

इस बीच टोक्यो में, प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि जापान परमाणु राष्ट्रों और गैर परमाणु राष्टों के बीज मध्यस्थत का काम करेगा और अंतराष्ट्रीय समुदाय में ऐसे प्रयासों का नेतृत्व करेगा.

गौरतलब है कि अमेरिका अगस्त 2 को औपचारिक रूप से इंटरमीडिएट-रेंज परमाणु बल संधि से बाहर हट गया. यह संधि शीत युद्ध में परमामु हथियारों के नियंत्रण के लिए में अमेरिका ने रूस के साथ 1987 में की थी.

टोक्योः मंगलवार को जापान ने अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी की 74 वीं वर्षगांठ पर दुखद घटना को याद किया. मौके पर शहर के माहापौर ने सरकार से परमाणु हथियार पर प्रतिबंध लगाने वाली संयुक्त राष्ट्र संधि में शामिल होने का आग्रह किया.

जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त 6, 1945 में अमेरिका ने 'लिटिल ब्वाय' नाम का यूरेनियम से बना परमाणु बम हिरोशिमा के ऊपर गिराया था. इस हमले में 140,000 लोगों की जान गई थी.

वहीं दूसरा परमाणू बम नागासाकी पर 9 अगस्त को गिराया गया था. हमले के छह दिन बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया था. बता दें कि परमाणू हमले के बाद युद्ध खत्म हो गया था.

महापौर काजूमी मात्सूई ने अपने भाषण में कहा कि, मैं युद्ध में परमाणु हथियार का प्रहार सहने वाले एक मात्र देश की सरकार से आग्रह करता हूं कि हिबाकुशा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि पर हस्ताक्षर किए जाएं. बता दे कि महापौर परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि की बात कर रहे हैं. इसे जुलाई 2017 में 122 देशों के समर्थन के साथ पारित किया गया था.

बता दें संधि अभी तक लागू नहीं हुई है क्योंकि आवश्यक 50 राज्यों द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

पढ़ें-दक्षिणी लीबिया में हवाई हमले में 42 की मौत

उन्होंने आगे कहा, मैं जापान के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वह हथियारों से मुक्त दुनिया की ओर अगला कदम उठाने का नेतृत्व करने में जापानी संविधान के शांतिवाद को प्रदर्शित करें.

महापौर ने पीस मेमोरियल पार्क में आयोजित वार्षिक समारोह में भाषण दिया , जिसमें अमेरिका, रूस और ब्रिटेन सहित लगभग 90 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

इस बीच टोक्यो में, प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि जापान परमाणु राष्ट्रों और गैर परमाणु राष्टों के बीज मध्यस्थत का काम करेगा और अंतराष्ट्रीय समुदाय में ऐसे प्रयासों का नेतृत्व करेगा.

गौरतलब है कि अमेरिका अगस्त 2 को औपचारिक रूप से इंटरमीडिएट-रेंज परमाणु बल संधि से बाहर हट गया. यह संधि शीत युद्ध में परमामु हथियारों के नियंत्रण के लिए में अमेरिका ने रूस के साथ 1987 में की थी.

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