लाहौर : पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) से हटाने के लिए एक क्षतिपूर्ति बांड प्रस्तुत करने की सरकार की शर्त को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को क्षतिपूर्ति बांड पर हस्ताक्षर किए बिना चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी है.
इस मामले की सुनवाई दो जजों की बेंच ने की, जिसमें जस्टिस अली बकर नजफी और जस्टिस सरदार अहमद नईम शामिल थे.
सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल चौधरी इश्तियाक ए खान ने सुनवाई के दौरान याचिका पर तर्क देते हुए कहा कि यह याचिका उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती.
दरअसल, बुधवार को, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार ने, लंबे विचार-विमर्श के बाद, पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ को इलाज के लिए लंदन जाने के लिए चार सप्ताह के लिए अनुमति प्रदान की थी. इसके लिए सरकार ने शरीफ के सामने 7.5 अरब रुपये का बांड भरने की शर्त रखी थी.
इस मामले पर पूर्व प्रीमियर की ओर से गुरुवार को पीएमएल-एन कानूनी टीम द्वारा हाईकोर्ट में इस शर्त को चुनौती दी गयी थी और उसी दिन इस पर दो सदस्यीय पीठ द्वारा सुनवाई की गयी.
बता दें कि नवाज शरीफ को कोट लखपत जेल से पिछले महीने उस समय अस्पताल ले जाया गया था, जब उनके निजी चिकित्सक डॉ. अदनान खान ने उनके बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जतायी थी.
पढ़ें - टायफाइड रोधी नया टीका शुरू करने वाला पहला देश बना पाकिस्तान
इसके बाद, नवाज के भाई शहबाज शरीफ ने आंतरिक मंत्रालय के साथ-साथ NAB को ECL से नवाज का नाम हटाने के लिए एक अनुरोध प्रस्तुत किया था ताकि वह शरीफ को उपचार के लिए विदेश ले जा सकें.
माना जा रहा था कि शरीफ रविवार को पाकिस्तान से विदेश रवाना हो जाएंगे, लेकिन उनका नाम ECL से नहीं हटाया गया, जिसके कारण उनका टिकट रद्द कर दिया गया.