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म्यांमार में लोगों ने तोड़ा कर्फ्यू, सरकार ने लगाया पांच मीडिया संस्थानों पर प्रतिबंध

म्यांमार में तख्तापलट के विरोध में हर दिन विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए लगभग 200 छात्रों के समर्थन में यांगून में प्रदर्शन किया गया. सैन्य सरकार ने इसे देखते हुए मीडिया कवरेज पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने तख्तापलट के बाद दर्जनों पत्रकारों को हिरासत में लिया है.

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Published : Mar 9, 2021, 6:27 PM IST

यांगून : म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए लगभग 200 छात्रों के समर्थन में देश के सबसे बड़े शहर यांगून में सोमवार को प्रदर्शन किया गया. इसके विरोध में लोगों ने रात आठ बजे लगे कर्फ्यू का उल्लंघन किया.

म्यांमार की सेना ने इन प्रदर्शनों की कवरेज करने को लेकर पांच मीडिया संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया. सेना द्वारा किए तख्तापलट के विरोध में हर दिन म्यांमार के नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

यांगून में हिरासत में लिए गए छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन करते लोग

सैन्य सरकार ने इसके मीडिया कवरेज पर भी कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है और पांच स्थानीय मीडिया संस्थानों जिनमें मिज्जिमा, डीवीबी खित थित मीडिया, म्यांमार नाउ और सेवन डे न्यूज के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. सरकारी चैनल एमआरटीवी पर कहा गया, 'इन मीडिया कंपनियों को किसी भी मंच या तकनीक से प्रसारण करने की अनुमति नहीं है.' गौरतलब है कि ये पांच मीडिया संस्थान प्रदर्शन से संबंधित समाचारों और घटनाओं का सीधा प्रसारण कर रहे थे.

पढ़ें : म्यांमार में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबड़ की गोलियां दागीं

प्रतिबंध लगाने से पहले 'म्यांमार नाउ' के कार्यालय पर सोमवार को छापेमारी की गई थी. सरकार ने तख्तापलट के बाद दर्जनों पत्रकारों को हिरासत में लिया है, जिनमें म्यांमार नाउ के संवाददाता और एसोसिएटेड प्रेस के थिन जौ शामिल हैं. इन पर अशांति फैलाने का आरोप है, जिसके लिए तीन साल जेल की सजा हो सकती है.

पुलिस ने यांगून के पड़ोस में स्थित सानचौंग में घेराबंदी कर घर-घर तलाशी अभियान चलाया, जिसके बाद रात में प्रदर्शन शुरू हुआ. माना जा रहा है कि सुरक्षा बलों की नजर से बचकर कुछ लोगों के घरों के छिपे व्यक्तियों की तलाशी करने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया. सोशल मीडिया पर यह बातें तेजी से फैलीं, जिसके बाद लोग प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सड़कों पर उतर आए. इंसीन जिले में लोगों ने सड़कों पर गीत गाते हुए और नारे लगाकर लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रदर्शन किया.

पढ़ें : म्यांमार संकट पर पूर्व राजनयिक बोले, सैन्य शासन का समर्थन कर रहा चीन

म्यांमार के समयानुसार आधी रात तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की कोई घटना होने की खबर नहीं मिली, हालांकि सुरक्षा बलों ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया, खिड़की से देख रहे लोगों को फटकारा और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. कुछ जगहों पर रबर की गोलियां चलने की भी खबरें मिली हैं, जिनसे लोग घायल हुए.

यांगून : म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए लगभग 200 छात्रों के समर्थन में देश के सबसे बड़े शहर यांगून में सोमवार को प्रदर्शन किया गया. इसके विरोध में लोगों ने रात आठ बजे लगे कर्फ्यू का उल्लंघन किया.

म्यांमार की सेना ने इन प्रदर्शनों की कवरेज करने को लेकर पांच मीडिया संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया. सेना द्वारा किए तख्तापलट के विरोध में हर दिन म्यांमार के नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

यांगून में हिरासत में लिए गए छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन करते लोग

सैन्य सरकार ने इसके मीडिया कवरेज पर भी कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है और पांच स्थानीय मीडिया संस्थानों जिनमें मिज्जिमा, डीवीबी खित थित मीडिया, म्यांमार नाउ और सेवन डे न्यूज के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. सरकारी चैनल एमआरटीवी पर कहा गया, 'इन मीडिया कंपनियों को किसी भी मंच या तकनीक से प्रसारण करने की अनुमति नहीं है.' गौरतलब है कि ये पांच मीडिया संस्थान प्रदर्शन से संबंधित समाचारों और घटनाओं का सीधा प्रसारण कर रहे थे.

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प्रतिबंध लगाने से पहले 'म्यांमार नाउ' के कार्यालय पर सोमवार को छापेमारी की गई थी. सरकार ने तख्तापलट के बाद दर्जनों पत्रकारों को हिरासत में लिया है, जिनमें म्यांमार नाउ के संवाददाता और एसोसिएटेड प्रेस के थिन जौ शामिल हैं. इन पर अशांति फैलाने का आरोप है, जिसके लिए तीन साल जेल की सजा हो सकती है.

पुलिस ने यांगून के पड़ोस में स्थित सानचौंग में घेराबंदी कर घर-घर तलाशी अभियान चलाया, जिसके बाद रात में प्रदर्शन शुरू हुआ. माना जा रहा है कि सुरक्षा बलों की नजर से बचकर कुछ लोगों के घरों के छिपे व्यक्तियों की तलाशी करने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया. सोशल मीडिया पर यह बातें तेजी से फैलीं, जिसके बाद लोग प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सड़कों पर उतर आए. इंसीन जिले में लोगों ने सड़कों पर गीत गाते हुए और नारे लगाकर लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रदर्शन किया.

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म्यांमार के समयानुसार आधी रात तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की कोई घटना होने की खबर नहीं मिली, हालांकि सुरक्षा बलों ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया, खिड़की से देख रहे लोगों को फटकारा और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. कुछ जगहों पर रबर की गोलियां चलने की भी खबरें मिली हैं, जिनसे लोग घायल हुए.

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