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श्रीलंका में पहली बार कोरोना के डेल्टा स्वरूप से संक्रमण के मामले आए - Department of Immunology and Molecular Medicine

कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की वजह से कोरोना मामलों में इजाफा हुआ है. इसके अलावा, श्रीलंका में भी डेल्टा वेरिएंट का पहला मामला रिपोर्ट किया गया है.

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Published : Jun 18, 2021, 2:06 PM IST

कोलंबो : श्रीलंका (Sri Lanka) में अधिकारियों ने कहा है कि देश में समुदाय के भीतर कोरोना वायरस (corona virus) का बेहद संक्रामक डेल्टा स्वरूप (transitive delta pattern) पहली बार पाया गया है.

श्री जयवर्धनपुरा विश्वविद्यालय में इम्युनोलॉजी एवं मॉलिक्यूलर मेडिसीन विभाग (Department of Immunology and Molecular Medicine) में एलर्जी इम्युनोलॉजी एवं सेल बायोलॉजी इकाई की निदेशक डॉ. चंदिमा जीवंदरा ने बताया कि वायरस का यह स्वरूप कोलंबो के उपनगर देमातागौड़ा के इलाके से लिए गए नमूनों में पाया गया है.

जीवंदरा ने बताया, हमने देमातागौड़ा से आठ नमूने लिए थे, जिनमें पांच कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाए गए हैं. अलग-अलग पीसीआर जांच किट के जरिए हम वायरस के अलग-अलग स्वरूपों पर लगातार नजर रखते हैं.

यह पहली बार है जब समुदाय में कोरोना वायरस का यह स्वरूप मिला है, इससे पहले दो लोग डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाए गए थे, लेकिन वे एक पृथक-वास केंद्र में थे.

पढ़ें- कोरोना अपडेट : 24 घंटे में 62,480 नए मामले,1,587 मौतें

विश्वविद्यालय की एक पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में पाए जा रहे अल्फा स्वरूप के मुकाबले डेल्टा स्वरूप 50 फीसद अधिक संक्रामक है और यह अधिक गंभीर रोग करने में सक्षम है तथा टीके की एक खुराक इस पर बेअसर हो सकती है.

डेल्टा स्वरूप की सबसे पहले पहचान भारत में हुई थी, इसे कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप माना जाता है.

श्रीलंका में अप्रैल माह से ही संक्रमण के मामलों तथा मरने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. यहां अब तक संक्रमण के कुल 2,30,692 मामले हैं तथा 2,374 लोगों की मौत हो चुकी है.

(भाषा)

कोलंबो : श्रीलंका (Sri Lanka) में अधिकारियों ने कहा है कि देश में समुदाय के भीतर कोरोना वायरस (corona virus) का बेहद संक्रामक डेल्टा स्वरूप (transitive delta pattern) पहली बार पाया गया है.

श्री जयवर्धनपुरा विश्वविद्यालय में इम्युनोलॉजी एवं मॉलिक्यूलर मेडिसीन विभाग (Department of Immunology and Molecular Medicine) में एलर्जी इम्युनोलॉजी एवं सेल बायोलॉजी इकाई की निदेशक डॉ. चंदिमा जीवंदरा ने बताया कि वायरस का यह स्वरूप कोलंबो के उपनगर देमातागौड़ा के इलाके से लिए गए नमूनों में पाया गया है.

जीवंदरा ने बताया, हमने देमातागौड़ा से आठ नमूने लिए थे, जिनमें पांच कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाए गए हैं. अलग-अलग पीसीआर जांच किट के जरिए हम वायरस के अलग-अलग स्वरूपों पर लगातार नजर रखते हैं.

यह पहली बार है जब समुदाय में कोरोना वायरस का यह स्वरूप मिला है, इससे पहले दो लोग डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाए गए थे, लेकिन वे एक पृथक-वास केंद्र में थे.

पढ़ें- कोरोना अपडेट : 24 घंटे में 62,480 नए मामले,1,587 मौतें

विश्वविद्यालय की एक पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में पाए जा रहे अल्फा स्वरूप के मुकाबले डेल्टा स्वरूप 50 फीसद अधिक संक्रामक है और यह अधिक गंभीर रोग करने में सक्षम है तथा टीके की एक खुराक इस पर बेअसर हो सकती है.

डेल्टा स्वरूप की सबसे पहले पहचान भारत में हुई थी, इसे कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप माना जाता है.

श्रीलंका में अप्रैल माह से ही संक्रमण के मामलों तथा मरने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. यहां अब तक संक्रमण के कुल 2,30,692 मामले हैं तथा 2,374 लोगों की मौत हो चुकी है.

(भाषा)

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