इस्लामाबाद/नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) के अनुसार पाकिस्तान ने 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और लश्कर से जुड़े अन्य आतंकवादियों के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाया. इस संबंध में प्रोफेसर हर्ष पंत ने ईटीवी भारत से बातचीत की है.
FATF की APG की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और लश्कर से जुड़े अन्य आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव (UNSCR) 1267 के दायित्वों को पूरी तरह से लागू करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए हैं.
FATF और पाक से जुड़े इस ताजा घटनाक्रम पर प्रोफेसर हर्ष पंत ने कहा कि एफटीएफ की रिपोर्ट एकदम साफ है. पाकिस्तान को जो कदम उठाने चाहिए थे उसने नहीं उठाए.
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान पहले से ही ग्रे लिस्ट में है जिसने अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया है. दुनिया की नजर इस पर केंद्रित है. यह दर्शाता है कि FATF की मांग के साथ इसका कोई इरादा नहीं है.
पंत ने आगे कहा कि यह पैरामीटर यथार्थवादी है. जिसमें किसी तरह का कोई झूठ नहीं है यह यही दिखाता है कि पाकिस्तान का बर्ताव कैसा है. उन्होंने कहा कि आप सोचिये पाकिस्तान जैसा देश जो कि पहले से ही ग्रे लिस्ट में है और पूरी दुनिया की आंखे पाक पर टिकी हैं. लेकिन बावजूद इसके पाक कुछ भी कदम नहीं उठा रहा.
पंत ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं है कि पाकिस्तान इस चीज का पालन कभी करेगा. हालांकि, उन्होंने पेरिस में 13-18 अक्टूबर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के आगामी पूर्ण सत्र में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड होने की संभावनाओं पर भी संदेह जाहिर किया.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा (जेयूडी) व फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) और इनके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है.
इस रिपोर्ट के बाद पाक के लिए दिक्कतें और बढ़ेंगी. वो संदिग्ध सूची में बना रहेगा. इतना ही नहीं पाकिस्तान को ब्लैक सूची में डाला जा सकता है.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 को 15 अक्टूबर 1999 को सर्वसम्मति से अपनाया गया था. इसके तहत ओसामा बिन लादेन, अल-कायदा और तालिबान से जुड़े व्यक्तियों और आतंकी संस्थाओं संस्थाओं को प्रतिबंधित किया गया था.