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पाक को अंतिम मोहलत, FATF की चेतावनी- 'सुधर जाओ, वरना ब्लैक लिस्ट होना तय'

FATF ने पाकिस्तान को फिर से चेतावनी दी है. इसने फरवरी 2020 तक आतंकियों की फंडिंग को लेकर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. पाक को चीन, तुर्की और मेलेशिया की वजह से तात्कालिक राहत मिली है. इसका मतलब है कि यदि पाकिस्तान ने तब तक निर्णायक कार्रवाई नहीं की, तो वह ब्लैकलिस्टेड हो जाएगा. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Oct 18, 2019, 10:24 AM IST

Updated : Oct 18, 2019, 5:12 PM IST

इस्लामाबाद : फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) ने आतंकियों के वित्त पोषण और धन शोधन मामले में पाकिस्तान को तात्कालिक राहत प्रदान कर दी है. एफएटीएफ ने कहा है कि फरवरी 2020 के बाद पाक को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. उनके अनुसार यदि पाकिस्तान को इस कदम से बचना है, तो आतंकियों की फंडिंग को लेकर स्पष्ट कार्रवाई करनी होगी.

एफएटीएफ ने साफ कर दिया है कि फरवरी 2020 के बाद 'ग्रे' सूची की अवधि और अधिक नहीं बढ़ाई जाएगी. यह अंतिम बार है कि पाक को मोहलत दी जा रही है. पाक का नाम अभी ग्रे सूची में शामिल है.

FATF ने निर्णय लिया कि पाकिस्तान फरवरी 2020 तक 'ग्रे' सूची में ही रहेगा. साथ ही FATF ने पाकिस्तान को आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन के 'पूर्ण उन्मूलन' के लिए 'अतिरिक्त उपाय' करने का निर्देश दिया है.

FATF ने शुक्रवार को कहा कि अगर पाकिस्तान पूर्ण कार्य योजना को फरवरी 2020 तक पूरा नहीं कर पाएगा, तो उसपर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही FATF ने अपने सदस्यों से पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों / लेन-देन पर विशेष ध्यान देने के लिए अपने वित्तीय संस्थानों को सलाह देने का आग्रह किया है.

अंतरराष्ट्रीय संस्था ने बैठक कर इस्लामाबाद द्वारा आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन को रोकने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की. संस्था ने पाया कि पाकिस्तान को आने वाले चार महीनों में और कड़े कदम उठाने होंगे.

पाकिस्तानी मीडिया ने कहा कि FATF ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि उन्होंने पाया कि पाकिस्तान द्वारा आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन को रोकने के लिए उटाए गए कदम संतोषजनक नहीं हैं.

पढ़ें-FATF की बैठक : बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है ब्लैक लिस्ट

आपको बता दें कि FATF ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में जून 2018 में डाल दिया था. इसके साथ ही पाकिस्तान को 27 बिंदुओं को लागू करने के लिए 15 माह का समय दिया गया था. यहां पर आपको बता दें, अगर पाकिस्तान इसमें असफल रहता है तो ईरान और उत्तरी कोरिया के साथ उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा.

काली सूची में जाने के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी. क्योंकि काली सूची में जाने के बाद उसे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.

इस्लामाबाद : फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) ने आतंकियों के वित्त पोषण और धन शोधन मामले में पाकिस्तान को तात्कालिक राहत प्रदान कर दी है. एफएटीएफ ने कहा है कि फरवरी 2020 के बाद पाक को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. उनके अनुसार यदि पाकिस्तान को इस कदम से बचना है, तो आतंकियों की फंडिंग को लेकर स्पष्ट कार्रवाई करनी होगी.

एफएटीएफ ने साफ कर दिया है कि फरवरी 2020 के बाद 'ग्रे' सूची की अवधि और अधिक नहीं बढ़ाई जाएगी. यह अंतिम बार है कि पाक को मोहलत दी जा रही है. पाक का नाम अभी ग्रे सूची में शामिल है.

FATF ने निर्णय लिया कि पाकिस्तान फरवरी 2020 तक 'ग्रे' सूची में ही रहेगा. साथ ही FATF ने पाकिस्तान को आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन के 'पूर्ण उन्मूलन' के लिए 'अतिरिक्त उपाय' करने का निर्देश दिया है.

FATF ने शुक्रवार को कहा कि अगर पाकिस्तान पूर्ण कार्य योजना को फरवरी 2020 तक पूरा नहीं कर पाएगा, तो उसपर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही FATF ने अपने सदस्यों से पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों / लेन-देन पर विशेष ध्यान देने के लिए अपने वित्तीय संस्थानों को सलाह देने का आग्रह किया है.

अंतरराष्ट्रीय संस्था ने बैठक कर इस्लामाबाद द्वारा आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन को रोकने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की. संस्था ने पाया कि पाकिस्तान को आने वाले चार महीनों में और कड़े कदम उठाने होंगे.

पाकिस्तानी मीडिया ने कहा कि FATF ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि उन्होंने पाया कि पाकिस्तान द्वारा आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन को रोकने के लिए उटाए गए कदम संतोषजनक नहीं हैं.

पढ़ें-FATF की बैठक : बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है ब्लैक लिस्ट

आपको बता दें कि FATF ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में जून 2018 में डाल दिया था. इसके साथ ही पाकिस्तान को 27 बिंदुओं को लागू करने के लिए 15 माह का समय दिया गया था. यहां पर आपको बता दें, अगर पाकिस्तान इसमें असफल रहता है तो ईरान और उत्तरी कोरिया के साथ उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा.

काली सूची में जाने के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी. क्योंकि काली सूची में जाने के बाद उसे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.

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Last Updated : Oct 18, 2019, 5:12 PM IST
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